अंतराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का प्रमुख मंच ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) है। G20 की स्थापना 1999
में एशियाई वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए
वैश्विक आर्थिक और वित्तीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक मंच के रूप में की गई
थी। यह सभी प्रमुख अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मुद्दों पर वैश्विक संरचना और अधिशासन निर्धारित करने तथा
उसे मजबूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।भारत 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023
तक G20 की अध्यक्षता करेगा।
ग्रुप ऑफ ट्वेंटी (G20) में 19 देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिकाऔर यूरोपीय संघ शामिल हैं। G20 सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85%, वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक और विश्व की लगभग दो-तिहाई आबादी है।
G20 अध्यक्षता के तहत एक वर्ष के लिए G20 एजेंडा का संचालन किया जाता हैऔरशिखरसम्मेलन
का आयोजन किया जाता है। G20 में दो समानांतर ट्रैक होते हैं: वित्त ट्रैक और शेरपा ट्रैक। वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक के गवर्नर वित्त ट्रैक का नेतृत्व करते हैं जबकि शेरपा ट्रैक का नेतृत्व शेरपा करते हैं।शेरपा पक्ष की ओर से G20 प्रक्रिया का समन्वय सदस्य देशों के शेरपाओं द्वारा किया जाता है, जो नेताओं के निजी प्रतिनिधि होते हैं। वित्त
ट्रैक का नेतृत्व सदस्य देशों के वित्त मंत्री और सेंट्रल बैंक गवर्नर करते हैं। दो ट्रैक के भीतर, विषयगत रूप से उन्मुख कार्य समूह हैं जिनमें सदस्यों के संबंधित मंत्रालयों के साथ-साथ आमंत्रित/अतिथि देशों और विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेते हैं (वित्त ट्रैक मुख्य रूप से वित्त मंत्रालय के नेतृत्व में है)। ये कार्य समूह प्रत्येक अध्यक्षता के पूरे कार्यकाल में नियमित बैठकें करते हैं। शेरपा वर्ष के दौरान हुई वार्ता का पर्यवेक्षण करते
हैं, शिखर सम्मेलन के लिए एजेंडा आइटम पर चर्चा करते हैं और G20 के मूल कार्य का समन्वय करते हैं।