“मेरा आग्रहपूर्वक कथन है कि अपनी सारी मानसिक शक्ति हिन्दी भाषा के अध्ययन में लगावें। हम यही समझे कि हमारे प्रथम धर्मों में से एक धर्म यह भी है।” – विनोबाभावे
14 सितंबर को राष्ट्रीय हिन्दी दिवस मनाया जाता है। राष्ट्रभाषा प्रचार समिति, वर्धा के सुझाव पर हिंदी को समर्पित यह दिन पहली बार सन 1953 में मनाया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य हिन्दी भाषा को बढ़ावा देना तथा लोगों को इसके महत्व के प्रति जागरूक करना है सन 1918 में महात्मा गांधी ने हिंदी साहित्य सम्मेलन के दौरान हिंदी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए कहा था.
हिंदी का नाम फारसी शब्द ‘हिंद’ से लिया गया है, जिसका अर्थ है सिंधु नदी की भूमि है |भारतीय संबिधान के अनुच्छेद 343(1 ) के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी संघ की राजभाषा है | संघ के शासकीय प्रयोजनों में प्रयोग होने वाले अंको का रूप अंतराष्ट्रीय होगा |
अनुच्छेद 343 के खंड (1)
के अनुसार देवनागरी लिपि में लिखित हिंदी संघ की राजभाषा है। संघ के शासकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप भारतीय अंकों का अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा।
अनुच्छेद 351 के अनुसार संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी भाषा का प्रसार बढ़ाए, उसका विकास करे जिससे वह भारत की सामासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके और उसकी प्रकृति में बिना हस्तक्षेप किए |
दुनिया की प्रमुख यूनिवर्सिटी वाशिंगटन विश्वविद्यालय , लंदन विश्वविद्यालय , शिकागो विश्वविद्यालय कॉर्नेल विश्वविद्यालय ,टोक्यो यूनिवर्सिटी में भी हिंदी में ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट दोनों लेवल के कोर्स चलाए जा रहे है| .