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गजल

Kranti Raj

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खुशिया लुटाओगे अपना बनाओगे , जिंदगी की राहो में प्यार लुटाओगे ! तुम हो सनम मेरी रब्ब दी कसम तेरी , पागल हवाओ से हमें बचाओगे ! जिंदगी ...... दिल में कसक तेरी चुएगी रस मेरी , आँखों की गंगा में हम तुम नहाओगे ! जिंदगी ...... लाखो सितम आये तनहा न रुक पाए , पागल दीवानो को कब समझाओगे !जिंदगी ....... क्या है भरोसा तेरा दुनिया न देखा मेरा, गैरो को तुमने क्या अपनाओगे! जिंदगी की राहो में प्यार लुटाओगे , अपना बनाकर हमें क्या ठुकराओगे ! क्रांतिराज बिहारी  

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