गणपत की नौकरी बम्बई में लगी तो उसे वहां अकेले जाना पड़ा। वहां उसकी दोस्ती एक 12-13 साल के लडके के साथ हो जाती है । वे दौनों साथ ही रहने लग जाते हैं। एक बार गणपत को ज़रूरी काम से उस लडके को अपने घर मे अकेला छोडकर गांव जाना पडता है।
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