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गोपालदास नीरज के बारे में

गोपालदास नीरज हिन्दी साहित्यकार, शिक्षक, एवं कवि सम्मेलनों के मंचों पर काव्य वाचक एवं फ़िल्मों के गीत लेखक थे। वे पहले व्यक्ति थे जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो-दो बार सम्मानित किया, पहले पद्म श्री से, उसके बाद पद्म भूषण से। यही नहीं, फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लिये उन्हें लगातार तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार भी मिला। गोपालदास 'नीरज' का जन्म 4 जनवरी 1925 को उत्तर प्रदेश के इटावा ज़िले के पुरावली गाँव में हुआ था। एटा से हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद इटावा की कचहरी में कुछ समय टाइपिस्ट का काम किया, फिर एक सिनेमाघर में नौकरी की। कई छोटी-मोटी नौकरीयाँ करते हुए 1953 में हिंदी साहित्य से एम.ए. किया और अध्यापन कार्य से संबद्ध हुए। इस बीच कवि सम्मेलनों में उनकी लोकप्रियता बढ़ने लगी थी। इसी लोकप्रियता के कारण कालांतर में उन्हें बंबई से एक फ़िल्म के लिए गीत लिखने का प्रस्ताव मिला और फिर यह सिलसिला आगे बढ़ता गया। वह वहाँ भी अत्यंत लोकप्रिय गीतकार के रूप में प्रतिष्ठित हुए और उन्हें तीन बार फ़िल्म फ़ेयर पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया। बाद में वह बंबई के जीवन से ऊब गए और अलीगढ़ वापस लौट आए। उनका पहला काव्य-संग्रह ‘संघर्ष’ 1944 में प्रकाशित हुआ था। अंतर्ध्वनि, विभावरी, प्राणगीत, दर्द दिया है, बादल बरस गयो, मुक्तकी, दो गीत, नीरज की पाती, गीत भी अगीत भी, आसावरी, नदी किनारे, कारवाँ गुज़र गया, फिर दीप जलेगा, तुम्हारे लिए आदि उनके प्रमुख काव्य और गीत-संग्रह हैं। वह विश्व उर्दू परिषद पुरस्कार और यश भारती से सम्मानित किए गए थे। भारत सरकार ने उन्हें 1991 में पदम् श्री और 2007 में पद्म भूषण से अलंकृत किया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने उन्हें भाषा संस्थान का अध्यक्ष नामित कर कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया था।

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गोपालदास नीरज की पुस्तकें

फिर दीप जलेगा

फिर दीप जलेगा

ये कविताएं निराशा से आशा की ओर ले जाती हैं। प्रेमी-प्रेमिकाओं के मन की कोमल और सूक्ष्म भावनाओं, प्यार की प्यास और तड़प, रूमानी तबियत की रंगीनी और मस्ती के अनन्य गायक कवि की ये कविताएं एक ओर जहां शाश्वत प्रेम का अहसास कराती हैं, वहीं संघर्ष करने की प्

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फिर दीप जलेगा

फिर दीप जलेगा

ये कविताएं निराशा से आशा की ओर ले जाती हैं। प्रेमी-प्रेमिकाओं के मन की कोमल और सूक्ष्म भावनाओं, प्यार की प्यास और तड़प, रूमानी तबियत की रंगीनी और मस्ती के अनन्य गायक कवि की ये कविताएं एक ओर जहां शाश्वत प्रेम का अहसास कराती हैं, वहीं संघर्ष करने की प्

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हिन्दी के लोकप्रिय गीतकार

हिन्दी के लोकप्रिय गीतकार

भावना से प्रेम, प्रेम से आनंद और आनंदातिरेक से गीतों की सृष्टि होती है। जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि जैसी कहावत से भला कौन परिचित नहीं। सुखदुख के भाववेशमयी अवस्था विशेष का गिने चुने शब्दों में स्वरसाधना से उपयुक्त चित्रण कर गीत रचना करने की योग्

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हिन्दी के लोकप्रिय गीतकार

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भावना से प्रेम, प्रेम से आनंद और आनंदातिरेक से गीतों की सृष्टि होती है। जहां न पहुंचे रवि वहां पहुंचे कवि जैसी कहावत से भला कौन परिचित नहीं। सुखदुख के भाववेशमयी अवस्था विशेष का गिने चुने शब्दों में स्वरसाधना से उपयुक्त चित्रण कर गीत रचना करने की योग्

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 पुष्प पारिजात के

पुष्प पारिजात के

घटाएं उमड़-घुमड़कर उठती हैं, तो पानी बनकर बरस जाती हैं, उसी तरह जब भावों का अतिरेक होता है, जज़्बात छलकने लगते हैं, तो कविता में ढल जाते हैं। सदियों से हर संस्कृति, हर भाषा, हर दिल को शब्द दिए हैं कविता ने। हर दिल की बात कहने वाले ऐसे ही हरदिल-अज़ीज़

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 पुष्प पारिजात के

पुष्प पारिजात के

घटाएं उमड़-घुमड़कर उठती हैं, तो पानी बनकर बरस जाती हैं, उसी तरह जब भावों का अतिरेक होता है, जज़्बात छलकने लगते हैं, तो कविता में ढल जाते हैं। सदियों से हर संस्कृति, हर भाषा, हर दिल को शब्द दिए हैं कविता ने। हर दिल की बात कहने वाले ऐसे ही हरदिल-अज़ीज़

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तुम्हारे लिए

तुम्हारे लिए

ये कविताएं दिल को मचलने वाली हैं। प्रेमी प्रेमिकाओं के मन की कोमल और सूक्ष्म भावनाओं, प्यार की प्यास और तड़प, रूमानी तबियत की रंगीनी और मस्ती के अनन्य गायक कवि की ये कविताएं एक ओर जहां शाश्वत प्रेम का अहसास कराती हैं, वहीं संघर्ष करने की प्रेरणा और ज

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तुम्हारे लिए

तुम्हारे लिए

ये कविताएं दिल को मचलने वाली हैं। प्रेमी प्रेमिकाओं के मन की कोमल और सूक्ष्म भावनाओं, प्यार की प्यास और तड़प, रूमानी तबियत की रंगीनी और मस्ती के अनन्य गायक कवि की ये कविताएं एक ओर जहां शाश्वत प्रेम का अहसास कराती हैं, वहीं संघर्ष करने की प्रेरणा और ज

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नीरज की पाती

नीरज की पाती

गीतों के माध्यम से यह नीरज के प्रेम पत्रों का संग्रह है। भारतीय गीतकारों में लोकप्रियता के शिखर को छू लेने वाले नीरज के गीतों और ग़ज़लों का यह बेहतरीन संग्रह है। नीरज ने इस पुस्तक में प्रेम दो आयामों में देखा है—एक ओर प्रियतमा का रसभीगा संदर्भ है, तो

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नीरज की पाती

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गीतों के माध्यम से यह नीरज के प्रेम पत्रों का संग्रह है। भारतीय गीतकारों में लोकप्रियता के शिखर को छू लेने वाले नीरज के गीतों और ग़ज़लों का यह बेहतरीन संग्रह है। नीरज ने इस पुस्तक में प्रेम दो आयामों में देखा है—एक ओर प्रियतमा का रसभीगा संदर्भ है, तो

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 गीत गंगा

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गोपालदास नीरज जी ने अपनी कुछ कविताओं को भी शामिल किया है जो नीरज जी के दिल के करीब हैं।

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 गीत गंगा

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गोपालदास नीरज जी ने अपनी कुछ कविताओं को भी शामिल किया है जो नीरज जी के दिल के करीब हैं।

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 काव्यांजलि

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हिन्दी के महान कवि व गीतकार, गोपालदास सक्सेना 'नीरज' की यह पुस्तक इस मायने में विशेष है कि उनकी संपूर्ण रचनाओं में से उन्हीं के द्वारा चुने गए ये गीत उनके दिल के क़रीब हैं। उनके प्रिय गीतों के इस संकलन को उनके चाहनेवाले ज़रूर सहेज कर रखना चाहेंगे। इस प

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हिन्दी के महान कवि व गीतकार, गोपालदास सक्सेना 'नीरज' की यह पुस्तक इस मायने में विशेष है कि उनकी संपूर्ण रचनाओं में से उन्हीं के द्वारा चुने गए ये गीत उनके दिल के क़रीब हैं। उनके प्रिय गीतों के इस संकलन को उनके चाहनेवाले ज़रूर सहेज कर रखना चाहेंगे। इस प

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 साँसों के सितार पर

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यह गोपालदास नीरज के अंतिम कार्यों का संग्रह है। इनमें से कुछ छंदों के संगीतकार कुमार चंद्रहास ने स्वयं नीरज जी के आग्रह पर इन कृतियों की रचना की है। नीरज जी चाहते थे कि उनकी आखिरी कृति चंद्रहास के पसंदीदा गीतों का संग्रह हो। चंद्रहास जी ने अपनी कुछ क

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यह गोपालदास नीरज के अंतिम कार्यों का संग्रह है। इनमें से कुछ छंदों के संगीतकार कुमार चंद्रहास ने स्वयं नीरज जी के आग्रह पर इन कृतियों की रचना की है। नीरज जी चाहते थे कि उनकी आखिरी कृति चंद्रहास के पसंदीदा गीतों का संग्रह हो। चंद्रहास जी ने अपनी कुछ क

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हिंदी रुबाइयाँ

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इस संकलन में हिन्दी के प्रसिद्ध कवियों की रूबाइयों को दिया गया है। सैकड़ों कवियों की काव्य रचना को एक ही पुस्तक में इस तरह से संकलित किया गया है कि कवियों की प्रतिनिधि कविताओं का आनंद पाठक उठा सकें। ये रूबाइयां दिल से निकली शाश्वत प्रेम की निशानियां

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