shabd-logo
Shabd Book - Shabd.in

पुष्प पारिजात के

गोपालदास नीरज

0 अध्याय
0 लोगों ने खरीदा
0 पाठक
31 मई 2022 को पूर्ण की गई
ISBN : 9780143100317

घटाएं उमड़-घुमड़कर उठती हैं, तो पानी बनकर बरस जाती हैं, उसी तरह जब भावों का अतिरेक होता है, जज़्बात छलकने लगते हैं, तो कविता में ढल जाते हैं। सदियों से हर संस्कृति, हर भाषा, हर दिल को शब्द दिए हैं कविता ने। हर दिल की बात कहने वाले ऐसे ही हरदिल-अज़ीज़ कवि हैं - गोपालदास नीरज। नीरज के गीत गजलों में भावों की गहराई तो है ही, साथ ही उनमें लयात्मकता भी है, जो लोगों की ज़ुबान पर चढ़कर बोलती है। इस नए काव्य में नीरज की कविता के चार रंगों - गीत, ग़ज़ल, दोहे व मुक्तक - की रंगोली सजी है। 

pussp paarijaat ke

0.0(0)

पुस्तक की झलकियां

no articles);
अभी कोई भी लेख उपलब्ध नहीं है
---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए