17 जुलाई 2015
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मैं एक छात्र हुँ स्नातक किया हूँ और आगे मंजिल जहाँ ले जाय क्योंकि सब का मालिक एक है |D
prerak rachna .badhai
17 जुलाई 2015
बिल्कुल सटीक हाथों की लकीरों के स्थान पर मानव को कर्म में विश्वास करना चाहिए
17 जुलाई 2015
इन किस्मत कि लकीर पे यक़ीन मत करना | क्यों कि किस्मत तो उनकी भी लिखीं जाती है | जिनके पास हाथ नहीं होते ! जी हां बिलकुल सच ... किस्मत भी उन्ही का साथ देती है जो कर्म करते हैं ....
17 जुलाई 2015