24 जुलाई 2015
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मैं एक छात्र हुँ स्नातक किया हूँ और आगे मंजिल जहाँ ले जाय क्योंकि सब का मालिक एक है |D
अच्छी लगी मुझे ... दिल छूटी कविता लिखी है ...
24 जुलाई 2015
धन्यवाद !
24 जुलाई 2015
'तुम हो दिल के क़रीब'....बहुत खूब !
24 जुलाई 2015
सुन्दर रचना ! बधाई !
24 जुलाई 2015