कहाँ गये वो खुशियों के दिन और रैन /
लुट गये बचपन के आशियाने /
किधर खो गये मेरे वो ठिकाने /
क्या आ सकते है लौट के वो ज़माने /
माँ बहुत याद आती है
तेरा मुझे अपना लेना /
जब भी तन्हाई में हम रोते /
झटसे मुझे अपने गोद में उठालेना /
फिर अपने ममता के आँचल में छुपालेना /
और अपने प्यार से मेरे मन को भर देना /
फिर मेरे दिल का खुशियों से बाग-बाग हो जाना /
क्या मेरे किस्मत में नहीं है वो खजाना /
तेरी ममता की छाँव में सो जाना /
न जाने किधर खो गए वो ख़ुशी का तराना /