हिंदी की ताकत :-
हिंदी भारत की सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है एक अनुमान के अनुसार भारत के 70 प्रतिशत से भी अधिक लोग हिंदी भाषा को आसानी से बोल समझ सकते है
फिर भी पिछले कुछ वर्षों से कांग्रेस की "भारत सरकार" ने इस भाषा को वह मान-सम्मान नहीं दिया जिसकी यह हकदार थी और उसको इसका फल भी भुगतना पड़ा
कांग्रेस के बड़े-बड़े नेता चुनाव के बाद यह कहते हुए पाये गए कि वह जनता को अपनी अच्छी योजनाओं के बारे में अच्छे से बता नहीं पाये उन्होंने सोचा क्यों ?
इसकी एक वजह है " हिंदी को सम्मान नहीं दिया जाना उसे अपनी भाषा नहीं बनाना " कांग्रेस की भारत सरकार के बड़े-बड़े मंत्री अपनी योजनाओं का बखान करने में अधिकतर अंग्रेजी भाषा का प्रयोग करते थे,न्यूज़ चैनल्स पर उनके इंटरव्यू सामान्यतया अंग्रेजी में ही आते थे जिसे भारत के अधिकतर लोग जिसमें किसान,गरीब,मजदूर वर्ग के लोग भी शामिल है समझ ही नहीं पाते थे
किसानों, मजदूरों, गरीबों के हित की बात करने वाली "कांग्रेस की भारत सरकार" ने कभी यह सोचा कि जिस अंग्रेजी भाषा में हमारी योजनाये बनती है या जिस भाषा में हमारे मंत्री इन योजनाओं का बखान करते है क्या वह देश का किसान, गरीब, मजदूर वर्ग समझ भी पा रहा है या नहीं और जिनके लिए योजनाएं बन रही है अगर वे ही उसको समझ नहीं पा रहे तो उसका फायदा किसे....................
उनके वित्त मंत्री द्वारा बनाया एवं पढ़ा गया देश का बजट देश के अधिकतर लोगों ( जिसमें किसान, गरीब, मजदूर वर्ग भी शामिल है ) के समझ में भी आ रहा है या नहीं और अगर वह समझ ही नहीं आ रहा है तो ऐसे बजट का फायदा क्या ?
सही मायने में यह है हिंदी की ताकत जिसने कांग्रेस पार्टी को धीरे-धीरे 400 से 40 पर लाकर खड़ा करने में अहम भूमिका निभायी है और मोदी जी को देश का प्रधानमंत्री बनने में भी इसी भाषा ने मुख्य भूमिका निभायी है I
मोदी जी द्वारा हिंदी भाषा में जनता से सीधा संवाद जनता पर अमिट छाप छोड़ गया और आज वे देश के सम्माननीय एवं सर्वप्रिय प्रधानमंत्री है .............
अगर किसी भी पार्टी ( कांग्रेस,भारतीय जनता पार्टी ) को देश पर शासन करना है तो उसे हिंदी को सही सम्मान देना ही होगा और यही एक मात्र ऐसी भाषा है जिससे "हमारा भारत" सही मायने में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक और राजस्थान से लेकर आसाम तक एक हो पायेगा तथा प्रगति के पथ पर आगे बढ़ पायेगा