हो जरूरत जिसे भी मेरे प्यार की,
वो करके हिफ़ाज़त बचा ले मुझे।
मै तो बेरंग बिगड़ी सी तस्वीर हूं,
रंग भर के कोई भी सजा ले मुझे।।
ज़माने ने जो हमपे ढाये सितम,
मै इन्सान से एक पत्थर बना।
अब हो औकात जिसमे, दिखाये हुनर,
इस पत्थर से मूरत बना ले मुझे।।
मै तो बेरंग........
मैने माना कि मै एक बूझी राख हूं,
गर हवा जो मिले फिर से जल जाऊंगा।
जो भरोसा न हो जिसको मुझपे अगर,
मेरा दामन पकड़ आजमा ले मुझे।।
मै तो बेरंग ............
मै वियोगी से योगी बना किस तरह,
या तो मै जानू या मेरा महबूब ही।
दिल लगाने की कैसी सजा है मिली,
खा के ठोकर सभलना है मुश्किल मुझे।।
मै तो बेरंग ........