shabd-logo

लड़कियां बेवफा नहीं होती .....

26 जनवरी 2023

15 बार देखा गया 15

भारत देश का भविष्य सही अर्थों में बालिकाओं पर ही निर्भर है। क्योंकि ये बालिकाएं ही संस्कारी और शिक्षित भविष्य प्रदान करती है। कहा जाता है कि किसी भी इंसान की प्रथम गुरु उसकी मां ही होती है। यदि मां संस्कारी और शिक्षित है तो उसकी संतान भी शिक्षित और संस्कारी ही होगी। भारत के इतिहास में अनेकों ऐसी महिलाओं की कथाएं पढ़ने सुनने में आती है जिन्होंने भारत का हमेशा मान बढ़ाया है।

लड़कियों में ईश्वर प्रदत्त दो बड़े गजब के गुण विद्यमान है:-

1.  लड़कियों में स्वयं को अनुकूलित करने की गजब क्षमता होती है।

2.  लड़कियां हमेशा हृदय प्रधान होती है, वो दिमाग से कम और दिल से ज्यादा काम लेती है।

लड़कियां माहौल के अनुसार खुद को अनुकूलित करने में माहिर होती है। उन पर घर, परिवार, समाज, स्कूल के माहौल का सीधा प्रभाव पड़ता है। घर - परिवार की जिम्मेदारियों के बोझ को भी बड़ी जल्दी संभालने में सक्षम हो जाती है।

ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश लड़कियां 10 वर्ष की आयु से ही परिवार की एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में उभर कर आ जाती है। घर के छोटे मोटे काम, परिवार के सदस्यों का ध्यान रखना, परिवार के हर सदस्य की आज्ञा का पालन करना, उसके साथ साथ अपनी पढ़ाई और स्कूल के कार्यों को भी मैनेज करना आदि आदि बहुत कुछ देखने सुनने में आता है।

घर का जैसा माहौल होता है उसी अनुसार वो खुद ब खुद ढल जाती है। इसलिए बुजुर्ग लोग कहते है कि लड़की की बातचीत और उसके व्यवहार से उसके परिवार के संस्कार, अनुशासन और माहौल का पता लगाया जा सकता है। लड़कियों का शिक्षित और संस्कारी होना परम आवश्यक है।

सभी अभिवावको को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वो अपनी बालिकाओं को उचित माहौल प्रदान करने का प्रयास करें। यदि हम लोग अपने बच्चो से प्रेमपूर्ण व्याहार नही करते है, हमेशा उन पर क्रोध या चिड़चिड़े स्वभाव में बात करेंगे तो उन पर भी यही प्रभाव पड़ेगा।

उम्र के बहाव में कभी कभी लड़कियां कुछ गलत रास्ते पर चली जाती है, लड़कों के बहकावे में आकर प्यार के चक्कर में पड़ जाती है। देखा जाए तो वहां पर गलती लड़कियों की नही होती क्योंकि वो हृदय प्रधान होती है। कोई भी उन्हें भावनात्मक रूप से पथभ्रष्ट कर सकता है, अभी बता चुके है कि वो दिमाग से नही दिल से काम लेती है। जब बही बहकी हुई लड़की अपने मां बाप के द्वारा समझाई जाती है कि बेटा इस घर की, परिवार की, समाज की, इज्जत हो तुम, तुम्हारा एक गलत कदम परिवार की इज्जत और मर्यादा पर भारी पड़ सकता है, तो वो अपने गलत कदमों को रोक लेती है, संभाल लेती है अपने को, बचा लेती है अपने घर और परिवार की इज्जत तब वही लड़की उस लड़के के लिए बेवफा हो जाती है जिसने उसे बहकाया था।

अब जरा सोचिए, वो लड़की जो अपने मां बाप और अपने परिवार की खातिर अपने प्यार को ठुकरा दे, साथ में जीने मरने की कसमों को तोड़ दे, वो बेवफा हो सकती है ???

देखा जाए तो गलती उनकी नही है, ये परिणाम है अभिवावकों की लापरवाही का, ये असर है संस्कार हीन शिक्षा का, ये परिणाम है गलत संगति का और इन सब के लिए कही न कही कोई कोई न कोई तो जिम्मेदार है।

ऐसी स्थिति में हमने लोगो को कहते हुए सुना है कि माहौल खराब है। ये माहौल है क्या?? कभी इस पर विचार किया है ??

ये माहौल है हम सब जिम्मेदार लोगों का व्यवहार, चाल चलन, और संकीर्ण मानसिकता। इतिहास इस बात का गवाह है कि प्राचीन समय में ऐसी घटनाएं होती थी तो पूरे समाज द्वारा उन्हें सजा देने का प्रावधान था। उस समय कोई भी गलती करता था तो उसे समझाया जाता था, कोई अपराध होने पर सजा दी जाती थी। अब समाज के प्रत्येक व्यक्ति ने अपनी अपनी जिम्मेदारी छोड़ दी है, क्योंकि अब वो एकता नही रह गई है।  यही कारण है माहौल खराब होने का।

अब एक लड़का यदि किसी लड़की को छेड़ता है तो कोई भी जिम्मेदार इंसान उसे नही टोकता है, देख लेता है, नजर घुमा लेता है, हट जाता है। कुछ तो ऐसे भी जिम्मेदार लोग देखे है जो उन्हें डांटने के बजाय उनका suport करते है। ऐसे जिम्मेदार लोग हमारे समाज के लिए कैंसर के समान खतरनाक रोग होते है।

Mahendra Singh की अन्य किताबें

अन्य डायरी की किताबें

10
रचनाएँ
दिल की गहराईयों से ........
0.0
भाग दौड़ भरी जिंदगी जीते हुए, काफी व्यस्तता के दौरान जिंदगी के कुछ खास पलों ने मुझे जो भी अनुभव दिए है उन्हे मैंने दिल की गहराइयों से शब्दोें को खीच कर लिपि बद्ध करने का प्रयास किया है।
1

दो तरह के इंसान

15 सितम्बर 2022
1
1
1

मैने देखा जगत का अजब रूप है, दो तरह के है इंसान संसार में। कोई खोया चमक में है धन रूप की, कोई खोया है निस्वार्थ ही प्यार में।। एक तरफ धूप में जल रहा है कोई, एक तरफ ठंडी छावों का विस्तार है। कोई जीते क

2

हो जरूरत जिसे भी मेरे प्यार की

15 सितम्बर 2022
1
1
0

हो जरूरत जिसे भी मेरे प्यार की, वो करके हिफ़ाज़त बचा ले मुझे। मै तो बेरंग बिगड़ी सी तस्वीर हूं, रंग भर के कोई भी सजा ले मुझे।। ज़माने ने जो हमपे ढाये सितम, मै इन्सान से एक पत्थर बना। अब हो औकात जिसम

3

इस तरह साथ देना मेरे दोस्तों

17 सितम्बर 2022
1
0
0

इस तरह साथ देना मेरे दोस्तों, हर कदम पर सहारा तुम्हारा मिले। मर भी जाऊं अगर, मेरी इच्छा है ये, मेरी अर्थी को कंधा तुम्हारा मिले।। इस तरह साथ देना मेरे दोस्तों.... मेरी जीवन की नैया की पतवार तुम, हो ख

4

फूलों का जीवन

19 सितम्बर 2022
0
0
0

फूलों का जीवन भी क्या जीवन होता है । प्रातः किरण में हंसते, खिलते, मुस्काते है। दोपहरी में धीरे धीरे मुरझाते है। और रात होते होते गुलशन रोता है।।1।। फूलों का जीवन भी क्या जीवन होता है ।। कुछ डालों पर

5

क्या करोगे ?

18 सितम्बर 2022
0
0
0

जो स्वयं जलता उसे अंगार देकर क्या करोगे ? लिख रहा जो आंसुओं से स्वयं की बीती कहानी। याद बनकर रह गई जो एक धुंधली सी निशानी।। उस व्यथित को तुम व्यथा का भार देकर क्या करोगे ? जो स्वयं जनता उसे..... भेद

6

घर से घबराकर उपवन में आए हम.....

10 अक्टूबर 2022
2
1
0

घर से घबराकर उपवन में आए हम । पाया फूलों में अपने से ज्यादा गम ।। कुछ मुरझाए कुछ डाली से टूट चुके थे, कुछ डाली से चिपके थे पर सूख चुके थे। सुन रखा था फूल सदा ही मुस्काते है, नही दुखों में अपना शीश झ

7

पीड़ाओं को अपने जीवन का कल्याण बना बैठा हूं...

10 अक्टूबर 2022
2
1
1

पीड़ाओं को अपने जीवन का कल्याण बना बैठा हूं. टूटी आशाओं को सपनो का महमान बना बैठा हूं। उलझन की हर लहर चूमकर अपने पास बुला लेता हूं, झरते आंसू से ही अपने सब त्योहार मना लेता हूं। हर पत्थर को अपने मंदि

8

प्रेम - संसार का सबसे बड़ा पाप

21 नवम्बर 2022
0
0
0

प्रेम ईश्वर का दूसरा रूप माना गया है। धार्मिक ग्रंथों, वेद, पुराण, शास्त्र आदि सब इस बात का समर्थन करते है। अंग्रेजी में भी एक कहावत है - Love is God. अनेक संत महात्माओं ने भी प्रेम को ईश्वर प्राप्ति

9

लड़कियां बेवफा नहीं होती .....

26 जनवरी 2023
1
0
0

भारत देश का भविष्य सही अर्थों में बालिकाओं पर ही निर्भर है। क्योंकि ये बालिकाएं ही संस्कारी और शिक्षित भविष्य प्रदान करती है। कहा जाता है कि किसी भी इंसान की प्रथम गुरु उसकी मां ही होती है। यदि मां सं

10

मैंने सोचा ना था ........

27 जनवरी 2024
2
2
1

मैंने सोचा न था यूं बदल जायेंगे। यूं मेरे नाम से लोग जल जाएंगे।। इस भरी भीड़ में जिनको अपना कहा। उम्र भर साथ जिनके मैं चलता रहा ।। मेरे वक्त के इस बुरे दौर में, अजनबी की तरह वो निकल जाएंगे ।। 1 ।। मैं

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए