27 नवम्बर 2021
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लेखाकार,कवि D
<div><span style="font-size: 1em;">गली मे भौंकते</span><br></div><div><span style="font-size: 1em;">
<div><span style="font-size: 1em;">एक कवि</span><br></div><div>खोजता है </div><div>कविता <
<div><span style="font-size: 1em;">मुजरिम को </span><br></div><div>कोर्ट में पेस किया गया</div>
<div>एक स्वप्न हकीकत का </div><div>**************</div><div>यथार्थ का </div><div>स्वप्न मे
<div>#कोई_तो_है</div><div>🙏🙏🙏</div><div>कोई तो है .. जो </div><div>रंग भरता है फूलों में&nbs
<div>हिंदी मासिक पत्रिका "अभ्युदय" आधृत पब्लिकेशन हाउस ,भोपाल (मध्यप्रदेस) से नवंबर -२०२१ माह के अंक
<div>चार आदमी </div><div>**********</div><div>चार आदमी थे</di
<div>चोर की मर्यादा (कविता:महावीर जोशी)</div><div>----------
<div>!! मुखोटा !!</div><div>**********</div><div>धधकती आग </div><div>उत्कट, , विकट आवाज </
<div>कटु सत्य </div><div>○○○ &nbs
<div>आदमी आदमीयत और आराधना </div><div>********</div><div>कबूतर और कमेड़ी ??</div><div>और वो भी&n
<div>मेरी कला के जीवाश्म </div><div>***********</div><div>एक चित्रकार बनने
<div>भीख</div><div>---------</div><div> सुनकर</div><div> &nb
<div>खून पसीना </div><div>(आज की युवान पीढी को संबोधित एक कविता)</div><div>^^^^^^^</div><div>तु
<div>हे गोविन्द हे गोविंद</div><div>🙏 🙏 🙏</div><div>मै तो माँ कहूँगा</div><div>जरुरी
<div>तुम्हें बनना होगा कैकेयी (भाग-1 प्रथम)</div><div>(कविता : स्त्री मन की वेदना महसूस
<div>आत्मा </div><div>(लघु कविता: महावीर जोशी,पुलासर)</div><
<div>राम प्रेम सत्य </div><div>••••••••</div><div>राम</div><div>राम</div><div>राम</div><d
<div>ये शहर मेरा है </div><div><span style="font-size: 1em;">..............
<div>देव दानव</div><div>*********</div><div>मारो</div><div>कुटो </div><div>काटो</div><div>पीटो&
<div>हम सब छप्पन -56 </div><div>रचना :महावीर जोशी पुलासर,सरदारशहर,राज)</div><div> *******
<div>ये अपना नव वर्ष नहीं </div><div> ⛔ 🚫 ENGLISH NEW YEAR 🚫⛔</div><div> अपना नव वर्ष श्रीराम नवमी चैत्र प्रतिपदा नवमी </div><div>
(मौलिक रचना (c):महावीर जोशी,लेखाकार,पुलासर) ••••••••••••••••(1) मेरे पास इतनी दौलत है की  
कब आ रहे हो राम (मौलिक रचना (c) महावीर जोशी लेखाकार,पुलासर)°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°हे राम 🙏🙏मैने मान लिया थाउसी वक्ततुम्हारा अन्तर्यामी होनाजब तुमनेमाता सीता की खोज के लियेमंद मंद
कविता (copyright) पतझड़ की क्या बात लिखूँ (भाग-१ (प्रथम) °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°प्रीतम की मैं प्रीत लिखूँ या विरहा के गीत लिखूँ पिया मिलन की खुशियाँ या नैहर छुटन की रीत लिख
रेगिस्तान के रेतीले टीलों के मध्य बसा अनुपम गाँव #पुलासर अत्यंत रमणीय,अनुपम और विलक्षण है जहां का सूर्योदय सूर्यवंशियों के तेज के साथ उदय जो होता है मेरे गाँव के पूरब मे बसा है सूर्यवंशियों