मुजरिम को
कोर्ट में पेस किया गया
वकील और न्यायाधीश के बीच
बहुत समय तक
गुलामी की भाषा
ENGLISH में बहस हुई
मुजरिम मुँह ताकता रहा
उसकी समझ में कुछ नहीं आया
और
अंतत:
ORDER ORDER
काठ का हथोडा (GAVEL)
टेबल पर मारते हुए
न्यायाधीश ने
फैसला सुनाया
On the basis of all the witnesses and evidence, the culprit is sentenced to death.
(अपराधी को मौत की सजा दी जाती है)
मुजरिम को कुछ भी
समझ मे नही आया की
जज साहब ने
आखिर
क्या फैसला सुनाया है
उसे समझ तब आया
जब
जल्लाद उसे
फांसी के कटघरे पर ले गया
प्रक्रिया के तहत
अंतिम इच्छा पूछी गई
मुजरिम ने कहा
अफसोस
गुलामी से आजाद भारत
काश
गुलामी की भाषा से भी
आजाद होता
गुनहगार
कम से कम ये तो
समझ पाता की उसने जो गुनाह किया है
कानून मे उसकी सजा क्या है
बहुत गंभीर विषय है
कानून की किताबों की
भाषा हिन्दी होनी चाहिये
न्यायालय मे
जज और वकील की वार्ता
हिन्दी मे होनी चाहिये
न्यायालय की भाषा
हिन्दी ही होनी चाहिये
न्याय की लिपि
मातृभाषा हिन्दी होनी ही चाहिये
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By:महावीर जोशी पुलासर,सरदारशहर (राज)