इंसान की कीमत
*एकबार एक टीचर क्लास में पढ़ा रहे थे बच्चों को कुछ नया सिखाने के लिए टीचर ने जेब से 100 रुपये का एक नोट निकाला अब बच्चों की तरफ वह नोट दिखाकर कहा – क्या आप लोग बता सकते हैं कि यह कितने रुपये का नोट है ?
सभी बच्चों ने कहा – “100 रुपये का”
टीचर – इस नोट को कौन कौन लेना चाहेगा ? सभी बच्चों ने हाथ खड़ा कर दिया
अब उस टीचर ने उस नोट को मुट्ठी में बंद करके बुरी तरह मसला जिससे वह नोट बुरी तरह कुचल सा गया. अब टीचर ने फिर से बच्चों को नोट दिखाकर कहा कि अब यह नोट कुचल सा गया है अब इसे कौन लेना चाहेगा ? सभी बच्चों ने फिर हाथ उठा दिया।*
*अब उस टीचर ने उस नोट को जमीन पर फेंका और अपने जूते से बुरी तरह कुचला. फिर टीचर ने नोट उठाकर फिर से बच्चों को दिखाया और पूछा कि अब इसे कौन लेना चाहेगा ?*
*सभी बच्चों ने फिर से हाथ उठा दिया.अब टीचर ने कहा कि बच्चों आज मैंने तुमको एक बहुत बड़ा पढ़ाया है. ये 100 रुपये का नोट था, जब मैंने इसे हाथ से कुचला तो ये नोट कुचल गया लेकिन इसकी कीमत 100 रुपये ही रही, इसके बाद जब मैंने इसे जूते से मसला तो ये नोट गन्दा हो गया लेकिन फिर भी इसकी कीमत 100 रुपये ही रही*
*ठीक वैसे ही इंसान की जो कीमत है और इंसान की जो काबिलियत है वो हमेशा वही रहती है. आपके ऊपर चाहे कितनी भी मुश्किलें आ जाएँ, चाहें जितनी मुसीबतों की धूल आपके ऊपर गिरे लेकिन आपको अपनी कीमत नहीं गंवानी है. आप कल भी बेहतर थे और आज भी बेहतर