2014 में भारत में 16वीं लोकसभा का चुनाव हुआ। देशभर के मतदाताओं ने शासन और चुनावों से जुडे़ मुद्दों पर बहस की। यह पुस्तक ऐसे व्यक्ति ने लिखी है, जिसने राष्ट्रीय राजनीति को बहुत निकट से देखा है। यह पुस्तक ऐसा वैचारिक कथन है, जो हर नागरिक को पढ़ना और सम
हमारे वर्तमान जीवन का यथार्थ क्या है? क्या ऐसे समय में भी मिथ्या-विश्वास और प्रवंचना की पिनक में संतुष्ट रह सकना संभव है? सौंदर्य और तृप्ति की अभिलाषा उत्पन्न कर देना एक काम है ! सौंदर्य और तृप्ति की स्मृति जगा कर सुख की अनुभूति उत्पन्न कर देना भी का
मदनलाल ढींगरा का जन्म 18 सितंबर, 1883 को पंजाब प्रांत के एक संपन्न हिंदू परिवार में हुआ था। उनके पिता दित्तामलजी सिविल सर्जन थे और अंग्रेजी रंग में पूरी तरह रँगे हुए थे; किंतु माताजी अत्यंत धार्मिक एवं भारतीय संस्कारों से परिपूर्ण महिला थीं। उनका परि
काला पानी की भयंकरता का अनुमान इसी एक बात से लगाया जा सकता है कि इसका नाम सुनते ही आदमी सिहर उठता है। काला पानी की विभीषिका, यातना एवं त्रासदी किसी नरक से कम नहीं थी। विनायक दामोदर सावरकर चूँकि वहाँ आजीवन कारावास भोग रहे थे, अतः उनके द्वारा लिखित यह
जय हिन्द की सेना महेन्द्र भीष्म एक सुबह मुँह अंधेरे अटल दा ने मुझे झकझोर कर जगा दिया। घर के सभी लोग अस्त—व्यस्त से कहीं जाने की तैयारी में लगे थे। कल देर रात तक हम सभी रहमान चाचा घर के तहखाने में छिपे रहे, फिर जब उन्होंने हम लोगों को अपने फार्म हाउस
छत्तीसगढ़ शताब्दियों से समन्वय, सद्भाव तथा श्रेष्ठ संस्कारों का क्षेत्र रहा है। माता कौसल्या की जन्मभूमि और श्रीराम के ननिहाल इस प्राचीन दक्षिण कोसल में भारतीय संस्कृति का धवल चरित्र विकसित हुआ। सिरपुर (प्राचीन श्रीपुर) में ताजा उत्खनन में प्राप्त छठ
यह किताब कश्मीर के उथल-पुथल भरे इतिहास में कश्मीरी पंडितों के लोकेशन की तलाश करते हुए उन सामाजिक-राजनैतिक प्रक्रियाओं की विवेचना करती है जो कश्मीर में इस्लाम के उदय, धर्मान्तरण और कश्मीरी पंडितों की मानसिक-सामाजिक निर्मिति तथा वहाँ के मुसलमानों और पं
★ 2014 की लोकसभा में चुनावी विजय के बाद भाजपा ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक-के-बाद एक विधानसभा चुनावों में विजयश्री प्राप्त की।★ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा य अमित शाह की जोड़ी की अप्रतिम रणनीतियों ने 2019 के लोकसभा चुनावों में अभूतपूर्व जीत
विचित्र लाशें, रहस्यमय संकेत, मेडीकल रिपोर्ट, कुछ पुराने यंत्र, अधूरी पांडुलिपियाँ, दिल दहलाने वाली हत्याओं का अंतहीन सिलसिला, उन्हें जोड़ने वाली एक साधारण वसीयत, और एक पुरातन सत्य जो इतिहास से सदैव लुप्त रहा। श्रीमंत परिवार के साथ अपने दोस्त रोहन की
14 अगस्त, 1947 को विभाजन का दंश एक कभी न भरनेवाला घाव दे गया। भारतभूमि का ही एक टुकड़ा लेकर 'पाकिस्तान' नामक इसलामिक राष्ट्र घोषित करनेवाले कट्ïटरपंथी नेताओं ने उस भूखंड पर बहुत समय पहले से ही रहते चले आए भारतीयों को, विशेषकर हिंदुओं और सिखों को जबरद
भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु यात्री ठठ-के-ठठ बारहों महीने इस महातीर्थ में आते और सोमनाथ के भव्य दर्शन करते थे। अनेक राजा-रानी, राजवंशी, धनी-कुबेर, श्रीमंत-साहूकार यहां महीनों रुके रहते थे और अनगिनत धन-रत्न, गांव-धरती सोमनाथ के चरणों में चढ़ा जाते थ
भूमंडलीकरण के इस युग में, जबकि दो देशों के बीच की हजारों किलोमीटर की दूरी घर-आँगन सी सिमट गई है, हिंदी भाषा के करोड़ों पाठक विभिन्न प्रमुख देशों की भाषाओं में लिखी गई रोचक कहानियों को पढ़ने से वंचित रह जाएँ—यह समय के तकाजे के विरुद्ध लगता है। वैसे भी
भारत जैसे बहुसांस्कृतिक राष्ट्र में अनेक अस्मिताएँ हैं। कौमी तराने 'सारे जहाँ से अच्छा' में इकबाल ने लिखा था- 'ऐ आब-ए-रूद-ए-गंगा! वो दिन है याद तुझको। उतरा तेरे किनारे, जब कारवाँ हमारा।' असग़र वजाहत ऐसे ही एक कारवाँ की तलाश में जुटे हैं जो कभी हिन्दु
भारत, 1025 ईस्वी ग़ज़नी के महमूद और उसके बर्बर तुर्क गिरोहों के लगातार हमलों ने भारत के उत्तरी इलाकों को कमज़ोर कर दिया था। हमलावरों ने उपमहाद्वीप के बहुत बड़े इलाके को बर्बाद करने के लिए छीना-झपटी, हत्या, बलात्कार और लूटपाट का सहारा लिया। कई पुरा
लड़कियों की शिक्षा की वकालत करनेवाली, तालिबानी आतंकियों के सामने न झुकनेवाली मलाला का जन्म 12 जुलाई, 1997 को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वाह प्रांत के स्वात जिले में हुआ। मलाला के पिता स्वात में ‘खुशहाल पब्लिक स्कूल’ चलाते थे। तालिबानी स्कूलों को बंद क
भारत को आजाद कराने में अनेक देशभक्तों ने आत्मबलिदान किया। उनमें श्यामजी कृष्ण वर्मा भी एक थे, जो लंबे समय तक गुमनाम बने रहे। उन्होंने अपनी मृत्यु के समय कहा था, ‘मेरी अस्थियाँ भारत में तभी ले जाई जाएँ, जब वह अंग्रेजों का गुलाम भारत न होकर हमारा आजाद
Reading books is a kind of enjoyment. Reading books is a good habit. We bring you a different kinds of books. You can carry this book where ever you want. It is easy to carry. It can be an ideal gift to yourself and to your loved ones. Care instructi
ये कहानियां मेरे लिए अत्यंत महत्वरॉपूर्ण हैं, क्योंकि इनके सहारे ही मैंने पहली बार महानगर की उलझी हुई जिंदगी के छोर सुलझाए थे।
“ब्रह्मांड की समस्त काली शक्तियां उसकी दास हैं. . . ” 1699 ईसापूर्व, आर्यवर्त के दलदल – जब प्रलय की लहरें एक-एक नगर को अपनी चपेट में लेती जा रही थी, तब विराट नौका और धरती के बीच एक अंतिम युद्ध की शुरुआत हुई। एक निर्मम राजा ने मानवजाति के अस्तित्व को