रविवार को नागरिक संशोधन बिल पास होने पर देशभर में छात्रों का गुस्सा फूट रहा है। रविवार रात में जामिया यूनिवर्सिटी के कैंपस में पुलिस द्वारा लाइब्रेरी में लाठीचार्ज करने के बाद बात और भी बिगड़ गई है। पूरे कॉलेज को 5 जनवरी के लिए बंद कर दिया गया है और बच्चे हॉस्टल छोड़क
राजधानी दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया कैंपस में रविवार की रात जो कुछ भी हुआ इससे देश अब तक वाकिफ हो चुका है। ये सभी छात्र थे या किस पक्ष के लोग थे इस बात की जांच होनी अभी बाकी है लेकिन कार्यवाही तो जरूर होगी, वहीं छात्रों का आरोप है दिल्ली पुलिस बिना वीसी के अनुम
रविवार को नागरिक संशोधन बिल पास होने के बाद संसद भवन में तो बहुत से लोग खुश हुए लेकिन देश के कुछ छात्रों को ये बात अच्छी नहीं लगी। उनके मुताबिक, ये बिल पास करने का मतलब देश के टुकड़े करना है। हम सभी अपने देश में रहते हैं लेकिन कोई दूसरा यहां आकर कैसे रह सकता है वो भी यहां की नागरिकता के साथ। जामिया
देश की राजधानी में इन दिनों जो कुछ भी चल रहा है उससे हर कोई वाकिफ है। मगर ये बेफिजुली के झगड़े से आपको क्या लगता है कि इन छात्रों का उपद्रव पूरी तरह से सही है? किसी भी झगड़े में एक पक्ष पूरी तरह से सही नहीं हो सकता है और ऐसा ही जामिया में होने वाले विवाद में भी हो रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि रविवार को
नागरिकता संशोधन बिल डॉ शोभा भारद्वाजदिल्ली में जामिया मिलिया में स्टूडेंट के हिंसक प्रदर्शन देख कर हैरानी हुई प्रदर्शन किस लिए? क्या नागरिक संशोधन के बिरोध मेंलेकिन बिल से मुस्लिम समाज को क्या परेशानी है? वह किनके समर्थन के लिए हंगामा कर रहे हैं ? संसद के दोनों सदनोंमें लम्बी बहस के बाद लोकसभा एवं
किसी ने सच ही कहा है काबिल बनो कामयाबी तो झक मार के पीछे आएगी। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी से रूबरू करने जा रहे हैं जिसने अपनी प्रतिभा से वो मुकाम हासिल किया जिसका ख़्वाब न जाने कितनी ही आँखों ने देखा होगा और ये साबित किया कि प्रतिभा ना उम्र देखती है ना जाति और ना ही अमीरी-गरीबी का फर्क जानती है। ये