राजधानी दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया कैंपस में रविवार की रात जो कुछ भी हुआ इससे देश अब तक वाकिफ हो चुका है। ये सभी छात्र थे या किस पक्ष के लोग थे इस बात की जांच होनी अभी बाकी है लेकिन कार्यवाही तो जरूर होगी, वहीं छात्रों का आरोप है दिल्ली पुलिस बिना वीसी के अनुमति के कैंपस में घुसे और छात्रों पर लाठीचार्ज करने लगे। अब सच-झूठ क्या है इस बात की तो खबर नहीं लेकिन ये सबकुछ नागरिक संशोधन बिन पास होने के विरोध में किया जा रहा है। लोग इसके पक्ष में नहीं हैं कि और हक में बात ना होने पर हिंसा करने के लिए सड़कों पर उतर आए हैं। मगर ये नागरिकता संशोधन बिल है क्या, इसके बारे में आप जानते हैं?
क्या है नागरिकता संशोधन बिल?
नागरिकता संशोधन विधेयक को लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में इसे मंजूरी मिल गई थी। राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद अब नागरिकता संशोधन विधेयक कानून बन जाना चाहिए। संसद ने बुधवार को नागरिकता संशोधन विधेयक को मंजूरी देकर अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान में धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय लोगों को भारतीय नागरिकता प्राप्त हो सकती है। राज्यसभा ने बुधवार को विस्तृत चर्चा करने के बाद इस विधेयक के लोगों को नागरिकता प्रदान किया। सदन ने विधेयक को प्रवर समिति में भेजे जाने के विपक्ष के प्रस्ताव और संशोधनों को खारिज किया गया और इस विधेयक के पक्ष में 125 मत पड़े थे जबकि 105 सदस्य इस मतदान के खिलाफ थे। चलिए बताते हैं इस बिल से जुड़ी 10 अहम बातें..
1. नागरिक संशोधन बिल के कानून का रूप लेने से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न के कारण वहां से भागकर आए हिंदू, पारसी, सिख, ईसाई, जैन और बौद्ध धर्म को मानने वाले लागों को CAB के तहत नागरिकता मिलेगी।
2. ऐसे अवैध प्रनासियों को जिन्होने 31 दिसंबर, 2014 की निर्णायक तारीख तक भारत में प्रवेश किया वे भारतीयय नागरिकता के लिए सरकार के पास आवेदन कर सकते हैं।
3. अभी भारतीय नागरिकता लेने के लिए 11 साल भारत में रहना जरूरी है। नए बिल में ये प्रावधान है कि पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यक अगर पांच साल भी भारत में रहते हैं तो उन्हें नागरिकता दी जाएगी।
4. इसमें ऐसी व्यवस्था भी की गई है कि देश में अवैध निवास को लेकर उन पर पहले से चल रही कोई भी कानूनी कार्रवाई स्थायी नागरिकता के लिए उनकी पात्रता को प्रभावित नहीं करे सकेगी।
5. ओसीआई कार्डधारक अगर शर्तों का उल्लंघन करते हैं तो उनका कार्ड रद्द करने का अधिकार केंद्र को मिलेगा और इसपर उन्हें सुना भी जाएगा।
6. नागरिकता संशोधन बिल के कारण जो विरोध की आवाज उठ रही है उसके पीछे की वजह ये है कि इस बिल के प्रावधान के मुताबिक पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले मुसलमानों को भारत की नागरिकता नहीं दी जाएगी। कांग्रेस सहित कई पार्टियां इसी आधार पर बिल का विरोध कर रही हैं।
7. देश के पूर्वोत्तर राज्यों में इस विधेयक का विरोध किया जा रहा है, और उनकी चिंता ये है कि पिछले कुछ दशकों में बांग्लादेश से बड़ी तादाद में आए हिन्दुओं को नागरिकता प्रदान की जाएगी।
8. इस बिल के समर्थन में भाजपा, अन्नाद्रमुक, बीजद, जदयू, अकाली, मनोनीत हैं और इसके विरोध में कांग्रेस, टीएमसी, सपा, राजद, एनसीपी, माकपा, टीआरएस, डीएमके, बसपा, आप के अलावा मुस्लिम लीग, भाकपा और जेडीएस हैं।