रविवार को नागरिक संशोधन बिल पास होने पर देशभर में छात्रों का गुस्सा फूट रहा है। रविवार रात में जामिया यूनिवर्सिटी के कैंपस में पुलिस द्वारा लाइब्रेरी में लाठीचार्ज करने के बाद बात और भी बिगड़ गई है। पूरे कॉलेज को 5 जनवरी के लिए बंद कर दिया गया है और बच्चे हॉस्टल छोड़कर अपने-अपने घरों की तरफ जा रहे हैं क्योंकि उन्हें यहां सेफ नहीं लग रहा है। इसी केस को लेकर छात्र और पुलिस की अलग-अलग दलीले हैं और इसके साथ ही कई राजनीतिक पार्टी इसी में अपनी-अपनी रोटियां सेक रही हैं। 17 दिसंबर को पुलिस ने 10 संदिग्ध लोगों को गिरफ्तार किया है और उनका दावा है कि ये जामिया के छात्र नहीं हैं। इसके अलावा भी पुलिस ने कई बातें मीडिया को बताईँ।
जामिया में छात्र नहीं हैं ये पकड़े गए 10 आरोपी
15 दिसंबर को जामिया यूनिवर्सिटी में हिंसा को भड़काने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। इसी मामले में पुलिस ने करीब 15 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक भी स्टूडेंट नहीं है। आजतक के हवाले से खबर आई है कि FIR में कई नेताओं के नाम शामिल हैं और इसके साथ ही पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया है इनमें किसी के छात्र ना होने की खबर है। सभी क्रिमिनल बैकग्राउंड से हैं और जांच बढ़ने पर कई लोगों के नाम भी जरूरत पड़ने पर इसमें शामिल किए जाएंगे। मामसा क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है और पुलिस अभी वीडियो की मदद से हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर रही है।
16 दिसंबर को जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी के छात्रों और पुलिस के बीच काफी झड़प हुई और इसे बाद यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर नज़मा अख्तर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस मामले में उन्होंने कहा, 'यूनिवर्सिटी का बहुत नुकसान हुआ है, हमारा कॉन्फिडेंस, इमोशनल काफी गिरा है और इसकी भरपाई कौन करेगा मेरा ये सवाल है? जो प्रदर्शन जामिया में नहीं हुआ, उसे भी जामिया यूनिवर्सिटी के नाम से फैलाया जा रहा है। इससे हमारी यूनिवर्सिटी की इमेज खराब हो रही है, जामिया सबसे शांत यूनिवर्सिटीज़ में से एक है। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से काफी नुकसान हुआ है. आप संपत्ति दोबारा बना सकते हैं, लेकिन अगर आपकी इज्जत चली गई तो उसे कैसे दोबारा बनाएंगे और हमारे छात्रों ने बहुत झेला है। हम हाई लेवल जांच की मांग करते हैं, यूनिवर्सिटी में पुलिस प्रवेश के खिलाफ FIR दर्ज करेंगे।' दिल्ली पुलिस के PRO एमएस रंधावा ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
उन्होंने कहा, 'पुलिस प्रदर्शनकारियों को पीछे पुश कर रही थी, तो वे लोग कैम्पस में घुस गए। वहां से भी पथराव होना शुरु हुआ, अंदर से ट्यूबलाइट्स और बल्ब फेंके जा रहे थे। हिंसा में DTC की चार बसों को बर्बाद किया गया और इसमें करीब 30 पुलिसकर्मियों को गंभीर चोट भी आई। एक हमारा साथी अभी भी ICU में हैं और हमने कुछ स्टूडेंट्स को हिरासत में लिया था लेकिन बाद में उन्हें छोड़ भी दिया। दो FIR दर्ज हुई है और इसकी जांच क्राइम बांच करेगा, इसके अलावा यही कहूंगा कि हर एक पहलू की जांच होगी।'अगर अंत में अपनी समझ की बात करें तो ऐसा लग रहा है कि स्टूडेंट्स ने ये हिंसा नहीं भड़काई बल्कि कुछ बाहरी लोग यहां आकर छात्रों को बदनाम कर रहे हैं।