जब भी तुम्हारे पास आता हूँ मैंकितना कुछ बदल जाता हैसारी दुनिया एक बंद कमरे में सिमिट जाता हैसारी संसार कितना छोटा हो जाता हैमैं देख पता हूँ, धरती के सभी छोरदेख पाता हूँ , आसमान के पारछू पाता हूँ, चाँद तारों को मैंमहसूस करता हूँ बादलो की नमीनहीं बाकी कुछ अब जिसकी हो कमीजब भी तुम्हारे पास आता हूँ मैं