*गुरु ही सफलता का स्रोत*🌲🥀🌲🥀🌲🥀🌲🥀 *जय श्रीमन्नारायण* *भाग:-२*☘️🌿☘️🌿☘️🌿☘️🌿इस दुनिया के लिए एक और शब्द है संसार संसार शब्द दो शब्दों के सहयोग से बना है सम सार इसका अर्थ है कि जो अवस्था मेरी प्रकृति के अनुरूप है वही संसार है इसलिए अगर मैं कामों को हूं तो सुंदर स्त्री को देखने में अ
*जय श्रीमन्नारायण*🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹 *भाग:-१* *गुरु ही सफलता का स्रोत*🥀🌲🥀🌲🥀🌲🥀 गुरु चाहते हैं कि शिष्य दिव्यता के इस मार्ग पर अग्रसर हो और तुम इस पद पर पहुंच जाओगे तो तुम्हें अपने आप एहसास होगा तुम्हें संतोष होगा कि तुम इस पद पर खड़े हो औरों को तो इस पद का ज्ञान भी नहीं है वह पत्र जहां