भारत में जितने भी बड़े-बड़े व्यापारी और सेलिब्रिटीज हैं उनके अपने पर्सनल पंडितजी होते हैं। जिनसे पूछकर ही वे अपने सारे शुभ काम करते हैं। ऐसा हर कोई करता है और धार्मिक गुरु पर उनका ये विश्वास ही उन्हें सच्ची सफलता प्रदान करता है। ज्योतिषीयों के बारे में बहुत सारी बातें होती हैं जिन्हें समझने के लिए ज्ञान की जरूरत होती है और ज्ञान को प्राप्त करने के लिए आपको जानकारी तो होनी ही चाहिए। यहां पर आपके लिए ज्योतिष के बारे में कुछ बात, उपाय और सुझाव के बारे में लिखा है।
ज्योतिष ज्योतिषीय उपाय/सुझाव-
1. जिन जातकों की जन्म कुंडली में सूर्य नीच राशि में हो या राहु से पीड़ित हो तो ऐसे व्यक्तियों में आत्मविश्वास की बहुत कमी बनी रहती है ऐसे लोगो के लिए "आदित्य हृदय स्तोत्र" का पाठ करना अमृत तुल्य कार्य करता है और आत्मविश्वास में वृद्धि करता है।
2. यदि जन्म कुंडली में मंगल, आठवे भाव में स्थित हो या कुंडली में मंगल राहु का योग हो तो ऐसे व्यक्तियों को वाहन चलते समय बहुत सावधानी रखनी चाहिए अष्टम मंगल दुर्घटनाएं अधिक कराता है।
3. यदि जन्म कुंडली में केतु की दशा के समय जीवन में बाधाये अधिक आ रही हों तो गणेश जी की उपासना करें लाभ मिलेगा।
4. यदि जन्म कुंडली में मंगल नीच राशि (कर्क) में हो, राहु के साथ हो या पाप भाव (6,8,12) में होने से पीड़ित हो तो ऐसे में व्यक्ति को लेंड प्रोपर्टी या जमीन जायदात से जुड़े कार्य नहीं करने चाहिए हानि होती है।
5. यदि जन्म कुंडली में चन्द्रमाँ नीचस्थ या पाप प्रभाव में होने से मानसिक अस्थिरता और तनाव की स्थिति रहती हो तो चाँदी की एक ठोस गोली का लॉकेट सफ़ेद धागे के साथ गले में धारण करें लाभ होगा।
6. यदि किसी कारण से जन्म कुंडली में संतान सुख में कमी हो या संतान आज्ञाकारी ना हो तो "ॐ ग्रां ग्रीम ग्रोम सः गुरवे नमः" मंत्र का जाप करे, स्थिति में सकारात्मक परिवर्तन होगा।
7. यदि जन्म कुंडली में राहु की दशा में दुष्परिणाम मिल रहे हों तो सफ़ेद चन्दन की माला गले में धारण करें लाभ होगा।
8. जिन लोगों की कुंडली में शनि स्व उच्च राशि (मकर,कुम्भ,तुला) में हो या शुभ स्थान में बली हो तो ऐसे व्यक्तियों के लिए तकनीकी कार्य, मसीनों, पुर्जों, लोहे, स्टील और केमिकल प्रोडक्ट्स का कार्य लाभकारी होता है।
9. यदि जीवन में बार बार दुर्घटना या एक्सीडेंट की स्थिति बनती हो तो हनुमान चालीस और संकटमोचन हनुमानाष्टक का रोज पाठ करें लाभ होगा।
10. जिन लोगों की कुंडली में लाभेश (ग्यारहवे भाव का स्वामी) छटे, आठवे, बारहवे भाव में होकर कमजोर हो, नीच राशि में में हो या अन्य प्रकार पीड़ित हो तो ऐसे लोगों को निजी व्यापार के क्षेत्र में नहीं जाना चाहिए। हानि की संभावनाएं अधिक होती हैं।
11. यदि जीवन में यश और प्रसिद्धि की कमी हो तो सूर्य की उपासना करें, सकारात्मक परिवर्तन होंगे।
12. यदि जन्म कुंडली में चन्द्रमाँ स्व उच्च राशि (कर्क,वृषभ) में होकर शुभ स्थान में बलि हो या दशम भाव में बली होकर स्थित हो और लाभेश शुभ स्थिति में हो तो ऐसे व्यक्ति को कन्फेक्शनरी, डेयरी प्रोडक्ट और पानी से जुड़े कार्य करना लाभदायक होता है।
13. यदि जन्म कुंडली में शुक्र पीड़ित होने से आर्थिक पक्ष संघर्षपूर्ण हो तो प्रत्येक शुक्रवार को गाय को खीर खिलाएं लाभ होगा।
14. यदि जन्म कुंडली के 6ठे भाव में कोई पाप योग (जैसे गुरुचांडाल योग, ग्रहण योग, अंगारक योग) बन रहा हो, छटे भाव में कोई पाप ग्रह नीच राशि में हो या कुंडली में मंगल बहुत पीड़ित हो तो ऐसे व्यक्ति को किसी भी प्रकार का लोन या कर्ज लेने से बचना चाहिए ऐसे में ऋण(कर्ज या लोन) चुकाने में बहुत बाधायें आती हैं।
15. यदि शीत रोग (नजला, जुखाम, कफ, खांसी) अधिक परेशान करते हों तो चन्द्रमाँ के मन्त्र "ॐ सोम सोमाय नमः" मन्त्र का नियमित रूप से जाप करने लाभ होगा।
16. यदि शिक्षा में बार बार बाधायें आती हों तो देव गुरु बृहस्पति के मन्त्र "ॐ ग्रामं ग्रीम ग्रौम सः गुरवे नमः" का नियमित रूप से जाप करें सकारात्मक परिवर्तन होंगे।
17. यदि मन में निराशा का भाव रहता हो तो नियमित रूप "आदित्य हृदय स्तोत्र" का पाठ करें अवश्य लाभ होगा।
18. जिन जातकों की कुंडली में बुध स्व उच्च राशि (मिथुन,कन्या) में होकर बली हो या शुभ स्थानों में होकर बली स्थिती में हो तो ऐसे व्यक्तियों को गणनात्मक और वाणिज्य से जुड़े विषयों जैसे वाणिज्य या कॉमर्स जैसे - अकाउंटिंग, सीए., टैली, और कंप्यूटर फील्ड में अच्छी सफलता मिलती है।
19. यदि बच्चा रात को सोते हुए डर जाता हो तो सोते समय उसके सिराने पर या तकिये के नीचे "हनुमान चालीसा" रख दें सकारात्मक परिवर्तन होंगे।
20. जोड़ों के दर्द की अमास्या यदि हमेशा बनी रहती हो तो शनि मन्त्र - "ॐ शम शनैश्चराय नमः" मन्त्र का नियमित रूप से जाप करें, अवश्य लाभ होगा।
21. यदि विवाह में विलम्ब हो तो पुरुष जातक शुक्र मन्त्र - "ॐ शुम शुक्राय नमः" तथा स्त्री जातक मंगल मन्त्र - "ॐ अंग अंगारकाय नमः" का नियमित जाप करें लाभ होगा।
22. यदि शनि की साढ़ेसाती या ढैय्या के कारण अधिक बाधाएं आ रही हों तो नियमित रूप से शनिवार को पीपल पर सरसों के तेल का दिया जलाएं और गरीब व्यक्तियों को भोजन कराएं लाभ होगा।
23. जिन जातकों की जन्म कुण्डली में बृहस्पति और सूर्य स्व उच्च राशि या शुभ स्थानों में होकर मजबूत स्थिति में हों तो ऐसे जातकों के लिए मैनेजमेंट का फील्ड करियर के लिए अच्छा होता है।
24. यदि कुण्डली में पितृ दोष या कालसर्प योग के कारण जीवन में संघर्ष की अधिकता हो तो पक्षियों और कुत्तों को प्रतिदिन भोजन दें लाभ होगा।