shabd-logo

जानिए "शिवलिंग" पूजा का प्रारंभ एवं महत्व एवं पूजन विधि

31 जुलाई 2019

1069 बार देखा गया 1069
featured image

जानिए Shiv Aradhana"शिवलिंग" पूजा का महत्व


भगवान शिव अत्यंत ही सहजता से अपने भक्तों की मनोकामना की पूर्ति करने के लिए तत्पर रहते है। भक्तों के कष्टों का निवारण करने में वे अद्वितीय हैं। समुद्र मंथन के समय सारे के सारे देवता अमृत के आकांक्षी थे लेकिन भगवान शिव के हिस्से में भयंकर हलाहल विष आया। उन्होने बडी सहजता से सारे संसार को समाप्त करने में सक्षम उस विष को अपने कण्ठ में धारण किया तथा ÷नीलकण्ठ' कहलाए। भगवान शिव को सबसे ज्यादा प्रिय मानी जाने वाली क्रिया है ÷अभिषेक'।


अभिषेक का शाब्दिक तात्पर्य होता है श्रृंगार करना तथा शिवपूजन के संदर्भ में इसका तात्पर्य होता है किसी पदार्थ से शिवलिंग को पूर्णतः आच्ठादित कर देना। समुद्र मंथन के समय निकला विष ग्रहण करने के कारण भगवान शिव के शरीर का दाह बढ गया। उस दाह के शमन के लिए शिवलिंग पर जल चढाने की परंपरा प्रारंभ हुयी। जो आज भी चली आ रही है । इससे प्रसन्न होकर वे अपने भक्तों का हित करते हैं इसलिए शिवलिंग पर विविध पदार्थों का अभिषेक किया जाता है।


श्री शिवमहापुराण के सृष्टिखंड अध्याय १२श्लोक ८२से८६ में ब्रह्मा जी के पुत्र सनत्कुमार जी वेदव्यास जी को उपदेश देते हुए कहते है कि हर गृहस्थ को देहधारी सद्गुरू से दीक्षा लेकर पंचदेवों (श्री गणेश,सूर्य,विष्णु,दुर्गा,शंकर) की प्रतिमाओं में नित्य पूजन करना चाहिए क्योंकि शिव ही सबके मूल है, मूल (शिव)को सींचने से सभी देवता तृत्प हो जाते है परन्तु सभी देवताओं को तृप्त करने पर भी प्रभू शिव की तृप्ति नहीं होती। यह रहस्य देहधारी सद्गुरू से दीक्षित व्यक्ति ही जानते है।

सृष्टि के पालनकर्ता विष्णु ने एक बार ,सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा के साथ निर्गुण-निराकार- अजन्मा ब्रह्म(शिव)से प्रार्थना की, "प्रभों! आप कैसे प्रसन्न होते है।"


प्रभु शिव बोले,"मुझे प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग का पूजन करो। जब जब किसी प्रकार का संकट या दु:ख हो तो शिवलिंग का पूजन करने से समस्त दु:खों का नाश हो जाता है।

(प्रमाण श्री शिवमहापुराण सृष्टिखंड अध्याय श्लोक से पृष्ठ )


(२) जब देवर्षि नारद ने श्री विष्णु को शाप दिया और बाद में पश्चाताप किया तब श्री विष्णु ने नारदजी को पश्चाताप के लिए शिवलिंग का पूजन, शिवभक्तों का सत्कार, नित्य शिवशत नाम का जाप आदि क्रियाएं बतलाई।


(प्रमाण श्री शिवमहापुराण सृष्टिखंड अध्याय श्लोक से पृष्ठ )

(३) एक बार सृष्टि रचयिता ब्रह्माजी देवताओं को लेकर क्षीर सागर में श्री विष्णु के पास परम तत्व जानने के लिए पहुँचे । श्री विष्णु ने सभी को शिवलिंग की पूजा करने की आज्ञा दी और विश्वकर्मा को बुलाकर देवताओं के अनुसार अलग-अलग द्रव्य के शिवलिंग बनाकर देने की आज्ञा दी और पूजा विधि भी समझाई।(प्रमाण श्री शिवमहापुराण सृष्टिखंड अध्याय १२ )


(४) रूद्रावतार हनुमान जी ने राजाओं से कहा कि श्री शिवजी की पूजा से बढ़कर और कोई तत्व नहीं है। हनुमान जी ने एक श्रीकर नामक गोप बालक को शिव-पूजा की दीक्षा दी। (प्रमाण श्री शिवमहापुराण कोटीरूद्र संहिता अध्याय १७ ) अत: हनुमान जी के भक्तों को भी भगवान शिव की प्रथम पूजा करनी चाहिए।


(५) ब्रह्मा जी अपने पुत्र देवर्षि नारद को शिवलिंग की पूजा की महिमा का उपदेश देते है। देवर्षि नारद के प्रश्न और ब्रह्मा जी के उत्तर पर ही श्री शिव महापुराण की रचना हुई है। पार्वती जगदम्बा के अत्यन्त आग्रह से, जनकल्याण के लिए, निर्गुण निराकार अजन्मा ब्रह्म (शिव) ने सौ करोड़ श्लोकों में श्री शिवमहापुराण की रचना की। चारों वेद और अन्य सभी पुराण, श्री शिवमहापुराण की तुलना में नहीं आ सकते। प्रभू शिव की आज्ञा से विष्णु के अवतार वेदव्यास जी ने श्री शिवमहापुराण को २४६७२ श्लोकों में संक्षिप्त किया है। ग्रन्थ विक्रेताओं के पास कई प्रकार के शिवपुराण उपलब्ध है परन्तु वे मान्य नहीं है केवल २४६७२ श्लोकों वाला श्री शिवमहापुराण ही मान्य है।


यह ग्रन्थ मूलत: देववाणी संस्कृत में है और कुछ प्राचीन मुद्रणालयों ने इसे हिन्दी, गुजराती भाषा में अनुदित किया है। श्लोक संख्या देखकर और हर वाक्य के पश्चात् श्लोक क्रमांक जॉंचकर ही इसे क्रय करें। जो व्यक्ति देहधारी सद्गुरू से दीक्षा लेकर , एक बार गुरूमुख से श्री शिवमहापुराण श्रवण कर फिर नित्य संकल्प करके (संकल्प में अपना गोत्र,नाम, समस्याएं और कामनायें बोलकर)नित्य श्वेत ऊनी आसन पर उत्तर की ओर मुखकर के श्री शिवमहापुराण का पूजन करके दण्डवत प्रणाम करता है और मर्यादा-पूर्वक पाठ करता है, उसे इस प्रकार सम्पूर्ण २४६७२ श्लोकों वाले श्री शिवमहापुराण का बोलते हुए सात बार पाढ करने से भगवान शंकर का दर्शन हो जाता है। पाठ करते समय स्थिर आसन हो, एकाग्र मन हो, प्रसन्न मुद्रा हो, अध्याय पढते समय किसी से वार्ता नहीं करें, किसी को प्रणाम नहीं करे और अध्याय का पूरा पाठ किए बिना बीच में उठे नहीं।


श्री शिवमहापुराण पढते समय जो ज्ञान प्राप्त हुआ उसे व्यवहार में लावें।श्री शिव महापुराण एक गोपनीय ग्रन्थ है। जिसका पठन (परीक्षा लेकर) सात्विक, निष्कपटी, प्रभू शिव में श्रद्धा रखने वालों को ही सुनाना चाहिए।

(६) जब पाण्ड़व लोग वनवास में थे , तब भी कपटी, दुर्योधन , पाण्ड़वों को कष्ट देता था।(दुर्वासा ऋषि को भेजकर तथा मूक नामक राक्षस को भेजकर) तब पाण्ड़वों ने श्री कृष्ण से दुर्योधन के दुर्व्यवहार के लिए कहा और उससे राहत पाने का उपाय पूछा।


तब श्री कृष्ण ने उन सभी को प्रभू शिव की पूजा के लिए सलाह दी और कहा "मैंने सभी मनोरथों को प्राप्त करने के लिए प्रभू शिव की पूजा की है और आज भी कर रहा हॅूॅ।तुम लोग भी करो।" वेदव्यासजी ने भी पाण्ड़वों को भगवान् शिव की पूजा का उपदेश दिया। हिमालय में, काशी में,उज्जैन में, नर्मदा-तट पर या विश्व में कहीं भी चले जायें, प्रत्येक स्थान पर सबसे सनातन शिवलिंग की पूजा ही है। मक्का मदीना में एवं रोम के कैथोलिक चर्च में भी शिवलिंग स्थापित है परन्तु सही देहधारी सद्गुरू से दीक्षा न लेकर ,सही पूजा न करने से ही हमें सांसारिक सभी सुख प्राप्त नहीं हो रहे है।


श्री शिवमहापुराण सृष्टिखंड अध्याय ११ श्लोक १२से १५ में श्री शिव-पूजा से प्राप्त होने वाले सुखों का वर्णन निम्न प्रकार से है:- दरिद्रता, रोग सम्बन्धी कष्ट, शत्रु द्वारा होने वाली पीड़ा एवं चारों प्रकार का पाप तभी तक कष्ट देता है, जब तक प्रभू शिव की पूजा नहीं की जाती। महादेव का पूजन कर लेने पर सभी प्रकार का दु:ख नष्ट हो जाता है, सभी प्रकार के सुख प्राप्त हो जाते है और अन्त में मुक्ति लाभ होता है। जो मनुष्य जीवन पाकर उसके मुख्य सुख संतान को प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें सब सुखों को देने वाले महादेव की पूजा करनी चाहिए। ब्राह्मण, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र विद्यिवत शिवजी का पूजन करें। इससे सभी मनोकामनाएं सिद्द्ध हो जाती है।

(प्रमाण श्री शिवमहापुराण सृष्टिखंड अध्याय ११श्लोक१२ से १५)


दक्ष -प्रजापति ने अपने यग्य में 'शिव" का भाग नहीं रखा ,जिससे कुपित होकर -माँ पार्वती ने दक्ष के यग्य मंडप में योगाग्नि द्वारा अपना शारीर को भस्म कर दिया |यह वदित होने के वाद -भगवान् "शिव"अयंत क्रुद्ध हो गए एवं नग्न होकर पृथ्वी पर भ्रमण करने लगे | एक दिन वह [शिव ] नग्नावस्था में ही ब्राह्मणों की नगरी में पहुँच गए | शिवजी के नग्न स्वरूप को देखकर भूदेव की स्रियां[भार्या ] उन पर मोहित हो गईं|स्त्रिओं की मोहित अवस्था को देखकर ब्राह्मणों ने शिवजी को शाप दे दिया कि-ये लिंग विहीन तत्काल हो जाएँ एवं शिवजी शाप से युक्त भी हो गए ,जिस कारन से तीनों लोकों में घोर उत्पात होने लगा |


समस्त देव ,ऋषि ,मुनि व्याकुल होकर ब्रह्माजी की शरण में गए | ब्रह्मा ने योगबल से शिवलिंग के अलग होने का कारन जान लिया और समस्त देवताओं ,ऋषियों ,एवं मुनियों को साथ लेकर शिवजी के पास गए -ब्रह्मा ने शिवजी से प्रार्थना की कि -आप अपने लिंग को पुनः धारण करें -अन्यथा तीनों लोक नष्ट हो जायेंगें | स्तुति को सुनकर -भगवान् शिव बोले -आज से सभी लोग मेरे लिंग की पूजा प्रारंभ कर दें ,तो मैं अपने लिंग को धारण कर लूँगा | शिवजी की बात सुनकर सर्वप्रथम ब्रह्मा ने सुवर्ण का शिवलिंग बनाकर उसका पूजन किया | पश्चात देवताओं ,ऋषियों और मुनियों ने अनेक द्वयों के शिवलिंग बनाकर पूजन किया | तभी से शिवलिंग के पूजन का प्रारंभ हुआ ||


जो लोग किसी तीर्थ में -मृतिका - के शिवलिंग बनाकर -उनका हजार बार अथवा लाख या करोड़ बार सविधि पूजन करते हैं-वे शिव स्वरूप हो जाते हैं || जो मनुष्य तीर्थ में मिटटी ,भस्म ,गोबर अथवा बालू का शिवलिंग बनाकर एक बार भी उसका सविधि पूजन करता है -वह दस हजार कल्प तक स्वर्ग में निवास करता है


-शिवलिंग का विधि पूर्वक पूजन करने से -मनुष्य -संतान ,धन ,धन्य ,विद्या ,ज्ञान ,सद्बुधी ,दीर्घायु ,और मोक्ष की प्राप्ति करता है ||


जिस स्थान पर शिवलिंग का पूजन होता है ,वह तीर्थ नहीं होते हुआ भी तीर्थ बन जाता है | जिस स्थान पर शिवलिंग का पूजन होता है ,उस स्थान पर जिस मनुष्य की मृत्यु होती है-वह शिवलोक को प्रप्त करता है | जो शिव -शिव ,शिव नाम का उच्चारण करता है -वह परम पवित्र एवं परम श्रेष्ठ हो जाता है ||


भाव -जो मनुष्य शिव -शिव का स्मरण करते हुए प्राण त्याग देता है -वह अपने करोड़ों जन्म के पापों से मुक्त होकर शिवलोक को प्राप्त करता है ||


Meaning of Shiv - शिव का अर्थ है -कल्याण || "शिव "यह दो अक्षरों वाला नाम परब्रह्मस्वरूप एवं तारक है इससे भिन्न और कोई दूसरा तारक नहीं है --"तारकं ब्रह्म परमं शिव इत्य्क्षर द्वयं |


नैतस्मादपरम किंचित तारकं ब्रह्म सर्वथा ||

============================================

शिवलिंग पूजन में जलधारा से अभिषेक का विशेष महत्व है। अभिषेक का शाब्दिक अर्थ है स्नान करना या कराना। शिवजी के अभिषेक को रुद्राभिषेक भी कहा जाता है। रुद्राभिषेक का मतलब है भगवान रुद्र (शिव) का अभिषेक करना। शास्त्रों के अनुसार अभिषेक कई प्रकार के बताए गए हैं। रुद्रमंत्रों द्वारा शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है, इसे ही रुद्राभिषेक कहा जाता है। अभिषेक जलधारा से किया जाता है। शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के समय दुर्लभ रत्नों के साथ ही भयंकर विष भी निकला था। इस विष की वजह से समस्त सृष्टि पर प्राणियों का जीवन संकट में आ गया था। सृष्टि को बचाने के लिए शिवजी ने इस विष का पान किया था। विष पान की वजह से शिवजी के शरीर में गर्मी का असर काफी तीव्र हो गया था। इस गर्मी को खत्म करने के लिए ही शिवलिंग पर लगातार जलधारा से अभिषेक करने की परंपरा प्रारंभ हुई। जल से शिवजी को शीतलता प्राप्त होती है और विष की गर्मी शांत होती है। शिवलिंग पर ऐसी कई चीजें अर्पित की जाती हैं, जिनकी तासीर ठंडी होती है। ठंडी तासीर वाली चीजों से शिवजी को शीतलता प्राप्त होती है। जो भी भक्त नियमित रूप से शिवलिंग पर जल अर्पित करता है, उसे सभी सुख-सुविधाएं प्राप्त होती हैं। कार्यों में भाग्य का साथ भी मिलने लगता है।

==============================================


article-image


जानिए शिव लिंग के प्रकार एवं महत्व (सम्पूर्ण)---


1. मिश्री(चीनी) से बने शिव लिंग कि पूजा से रोगो का नाश होकर सभी प्रकार से सुखप्रद होती हैं।

2. सोंढ, मिर्च, पीपल के चूर्ण में नमक मिलाकर बने शिवलिंग कि पूजा से वशीकरण और अभिचार कर्म के लिये किया जाता हैं।

3. फूलों से बने शिव लिंग कि पूजा से भूमि-भवन कि प्राप्ति होती हैं।

4. जौं, गेहुं, चावल तीनो का एक समान भाग में मिश्रण कर आटे के बने शिवलिंग कि पूजा से परिवार में सुख समृद्धि एवं संतान का लाभ होकर रोग से रक्षा होती हैं।

5. किसी भी फल को शिवलिंग के समान रखकर उसकी पूजा करने से फलवाटिका में अधिक उत्तम फल होता हैं।

6. यज्ञ कि भस्म से बने शिव लिंग कि पूजा से अभीष्ट सिद्धियां प्राप्त होती हैं।

7. यदि बाँस के अंकुर को शिवलिंग के समान काटकर पूजा करने से वंश वृद्धि होती है।

8. दही को कपडे में बांधकर निचोड़ देने के पश्चात उससे जो शिवलिंग बनता हैं उसका पूजन करने से समस्त सुख एवं धन कि प्राप्ति होती हैं।

9. गुड़ से बने शिवलिंग में अन्न चिपकाकर शिवलिंग बनाकर पूजा करने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होती हैं।

10. आंवले से बने शिवलिंग का रुद्राभिषेक करने से मुक्ति प्राप्त होती हैं।

11. कपूर से बने शिवलिंग का पूजन करने से आध्यात्मिक उन्नती प्रदत एवं मुक्ति प्रदत होता हैं।

12. यदि दुर्वा को शिवलिंग के आकार में गूंथकर उसकी पूजा करने से अकाल-मृत्यु का भय दूर हो जाता हैं।

13. स्फटिक के शिवलिंग का पूजन करने से व्यक्ति कि सभी अभीष्ट कामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं।

14. मोती के बने शिवलिंग का पूजन स्त्री के सौभाग्य में वृद्धि करता हैं।

15. स्वर्ण निर्मित शिवलिंग का पूजन करने से समस्त सुख-समृद्धि कि वृद्धि होती हैं।

16. चांदी के बने शिवलिंग का पूजन करने से धन-धान्य बढ़ाता हैं।

17. पीपल कि लकडी से बना शिवलिंग दरिद्रता का निवारण करता हैं।

18. लहसुनिया से बना शिवलिंग शत्रुओं का नाश कर विजय प्रदत होता हैं।

19. बिबर के मिट्टी के बने शिवलिंग का पूजन विषैले प्राणियों से रक्षा करता है।

20. पारद शिवलिंग का अभिषेक सर्वोत्कृष्ट माना गया है।घर में पारद शिवलिंग सौभाग्य, शान्ति, स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए अत्यधिक सौभाग्यशाली है। दुकान, ऑफिस व फैक्टरी में व्यापारी को बढाऩे के लिए पारद शिवलिंग का पूजन एक अचूक उपाय है। शिवलिंग के मात्र दर्शन ही सौभाग्यशाली होता है। इसके लिए किसी प्राणप्रतिष्ठा की आवश्कता नहीं हैं। पर इसके ज्यादा लाभ उठाने के लिए पूजन विधिक्त की जानी चाहिए।

==============================================

कैसे और किस नाम से की जाती हैं शिवलिंग पूजन---


सभी जानते हैं की शिव पूजन में सामान्यतः प्रत्येक व्यक्ति शिवलिंग पर जल या दूध चढाता है । शिवलिंग पर इस प्रकार द्रवों का अभिषेक ÷धारा' कहलाता है । जल तथा दूध की धारा भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है ।

पंचामृतेन वा गंगोदकेन वा अभावे गोक्षीर युक्त कूपोदकेन च कारयेत

अर्थात पंचामृत से या फिर गंगा जल से भगवान शिव को धारा का अर्पण किया जाना चाहिये इन दोनों के अभाव में गाय के दूध को कूंए के जल के साथ मिश्रित कर के लिंग का अभिषेक करना चाहिये ।

हमारे शास्त्रों तथा पौराणिक ग्रंथों में प्रत्येक पूजन क्रिया को एक विशिष्ठ मंत्र के साथ करने की व्यवस्था है, इससे पूजन का महत्व कई गुना बढ जाता है । शिवलिंग पर अभिषेक या धारा के लिए जिस मंत्र का प्रयोग किया जा सकता है वह हैः-

1 । ऊं हृौं हृीं जूं सः पशुपतये नमः ।

२ । ऊं नमः शंभवाय च मयोभवाय च नमः शंकराय, च मयस्कराय च नमः शिवाय च शिवतराय च।

इन मंत्रों का सौ बार जाप करके जल चढाना शतधारा तथा एक हजार बार जल चढाना सहस्रधारा कहलाता है । जलधारा चढाने के लिए विविध मंत्रों का प्रयोग किया जा सकता है । इसके अलावा आप चाहें तो भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र का प्रयोग भी कर सकते हैं। पंचाक्षरी मंत्र का तात्पर्य है ÷ ऊं नमः शिवाय ' मंत्र ।

विविध कार्यों के लिए विविध सामग्रियों या द्रव्यों की धाराओं का शिवलिंग पर अर्पण किया जाता है । तंत्र में सकाम अर्थात किसी कामना की पूर्ति की इच्ठा के साथ पूजन के लिए विशेष सामग्रियों का उपयोग करने का प्रावधान रखा गया है । इनमें से कुछ का वर्णन आगे प्रस्तुत हैः-

सहस्रधाराः-

जल की सहस्रधारा सर्वसुख प्रदायक होती है ।

घी की सहस्रधारा से वंश का विस्तार होता है ।

दूध की सहस्रधारा गृहकलह की शांति के लिए देना चाहिए ।

दूध में शक्कर मिलाकर सहस्रधारा देने से बुद्धि का विकास होता है ।

गंगाजल की सहस्रधारा को पुत्रप्रदायक माना गया है ।

सरसों के तेल की सहस्रधारा से शत्रु का विनाश होता है ।

सुगंधित द्रव्यों यथा इत्र, सुगंधित तेल की सहस्रधारा से विविध भोगों की प्राप्ति होती है ।

इसके अलावा कइ अन्य पदार्थ भी शिवलिंग पर चढाये जाते हैं, जिनमें से कुछ के विषय में निम्नानुसार मान्यतायें हैं:-

सहस्राभिषेक

एक हजार कनेर के पुष्प चढाने से रोगमुक्ति होती है ।

एक हजार धतूरे के पुष्प चढाने से पुत्रप्रदायक माना गया है ।

एक हजार आक या मदार के पुष्प चढाने से प्रताप या प्रसिद्धि बढती है ।

एक हजार चमेली के पुष्प चढाने से वाहन सुख प्राप्त होता है ।

एक हजार अलसी के पुष्प चढाने से विष्णुभक्ति व विष्णुकृपा प्राप्त होती है ।

एक हजार जूही के पुष्प चढाने से समृद्धि प्राप्त होती है ।

एक हजार सरसों के फूल चढाने से शत्रु की पराजय होती है ।

लक्षाभिषेक

एक लाख बेलपत्र चढाने से कुबेरवत संपत्ति मिलती है ।

एक लाख कमलपुष्प चढाने से लक्ष्मी प्राप्ति होती है ।

एक लाख आक या मदार के पत्ते चढाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है ।

एक लाख अक्षत या बिना टूटे चावल चढाने से लक्ष्मी प्राप्ति होती है ।

एक लाख उडद के दाने चढाने से स्वास्थ्य लाभ होता है ।

एक लाख दूब चढाने से आयुवृद्धि होती है ।

एक लाख तुलसीदल चढाने से भोग व मोक्ष दोनों की प्राप्ति होती है ।

एक लाख पीले सरसों के दाने चढाने से शत्रु का विनाश होता है ।

बेलपत्र

शिवलिंग पर अभिषेक या धारा के साथ साथ बेलपत्र चढाने का भी विशेष महत्व है। बेलपत्र तीन-तीन के समूह में लगते हैं। इन्हे एक साथ ही चढाया जाता है।अच्छे पत्तों के अभाव में टूटे फूटे पत्र भी ग्रहण योग्य माने गये हैं।इन्हे उलटकर अर्थात चिकने भाग को लिंग की ओर रखकर चढाया जाता है।इसके लिये जिस श्लोक का प्रयोग किया जाता है वह है,

त्रिदलं त्रिगुणाकारम त्रिनेत्रम च त्रिधायुधम।

त्रिजन्म पाप संहारकम एक बिल्वपत्रं शिवार्पणम॥

उपरोक्त मंत्र का उच्चारण करते हुए शिवलिंग पर बेलपत्र को समर्पित करना चाहिए ।

शिवपूजन में निम्न बातों का विशेष ध्यान रखना चाहियेः-

पूजन स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनकर करें।

माता पार्वती का पूजन अनिवार्य रुप से करना चाहिये अन्यथा पूजन अधूरा रह जायेगा।

रुद्राक्ष की माला हो तो धारण करें।

भस्म से तीन आडी लकीरों वाला तिलक लगाकर बैठें।

शिवलिंग पर चढाया हुआ प्रसाद ग्रहण नही किया जाता, सामने रखा गया प्रसाद अवश्य ले सकते हैं।

शिवमंदिर की आधी परिक्रमा ही की जाती है।

केवडा तथा चम्पा के फूल न चढायें।

पूजन काल में सात्विक आहार विचार तथा व्यवहार रखें।

====================================


article-image

शिवलिंग की अनुभूत साधना एवं पारद शिवलिंग पूजन---


देवो गुणत्रयातीतश्चतुर्व्यहो महेश्वरो:,

सकल: सकालाधारशक्तेरूत्पत्तिकरणं |

सोऽयमात्मा त्रयस्यास्य प्रक्रते: पुरुषस्य च,

लीलाकृतेजगत्स्रष्टिरीश्वरत्वे व्यवस्तिथ: ||


चतुर्व्यूह के रूप में प्रकट देवाधिदेव महेश्वर तीनों गुणों से अतीत हैं वे आधारभूत शक्ति के उत्पत्ति के कारण भी हैं, वे ही पुरुष और प्रक्रति दोनों की आत्मा स्वरूप हैं लीला से खेल ही खेल में वे अनत ब्रह्मांडों की रचना करते देते हैं, जगन्नियन्ता ईस्वर रूप में वे ही स्तिथ हैं ऐंसे गुणातीत महेश्वर को नमन…….

जय सदगुरुदेव,

भाइयो बहनों स्रष्टि के प्रारम्भ से केवल मात्र एक ही देव रूद्र ही विद्दमान हैं दूसरा और कोई नहीं वे ही इस जगत की उत्पत्ति करते हैं और इसकी रक्षा भी और अंत में स्वयं इसका संहार भी कर देते हैं.


स्रष्टि, सभ्यता और संस्कृति के विकास क्रम में ही शिव का महत्व स्थापित हुआ है | उपनिषदों के चिंतन में ‘एकोरुद्र: न द्वितीयायस्तुथ: कह कर ब्रह्म जैसी अद्वेत सत्ता के रूप ऋषियों ने उन्हें मान्यता दी है | वेदों में शिव का रूप विज्ञानमय है, पुराणों में उपासना का रूप और साहित्यिक ग्रंथों में उन्हें ज्ञान का पर्याय के रूप में स्थापित किया जाता है वेदों में वर्णित निराकार,निर्विकार, चिन्मय स्वरुप, शिव, शम्भू, ईश, पशुपति, रूद्र, शूली, महेश्वर, ईश्वर, सर्व ईशान, शंकर, चंद्रशेखर, महादेव, भूतेश, पिनाकी, खंड-परशु, गिरीश, मृडः, मृत्युन्जय, क्रतिवास, प्रमथाधिप, धुर्जटि,कपर्दी, आदि…. अनेकानेक नाम वर्णित हैं…..


इस धरती पर रूद्र के एकादश पार्थिव रूपों की पूजा की जाती है उपनिषद के ऋषियों के एकादश रूद्र पूजा का जो रहस्य व्यक्त किया गया है वह प्राणी जगत में व्याप्त आत्मा या जीव के रहस्य से सम्बंधित है .


चन्दनागुरुकर्पुर कुंकुमान्तर्गतोरसः

मूर्छितः शिवपूजा सा शिवसानिध्यसिद्धये ||


उपरोक्त पंक्तियाँ रस साधको के मध्य प्रचलित पंक्तियाँ है जो की रस एवं दुर्लभ रस लिंग अर्थात पारद शिवलिंग की महत्ता को स्पष्ट करता है. निश्चय ही रस एक अति दिव्य धातु है पदार्थ है जिसको हम तांत्रिक पद्धति से साध ले तो हम ज़रा मृत्यु के बंधन से मुक्त हो सकते है, रस सिद्ध श्री नागार्जुन ने तो यहाँ तक कहा है की इस दिव्य धातु के माध्यम से पुरे विश्व की दरिद्रता एवं सभी प्रकार के कष्ट के साथ साथ मृत्यु को भी मिटाया जा सकता है


उपरोक्त श्लोक का विश्लेषण कुछ इस प्रकार है की रस चन्दन, कुमकुम इत्यादि पदार्थो से की जाने वाली पूजा का फल पारद के स्पर्शमात्र से ही साधक को शिवलिंग का पूर्ण पूजन का फल प्राप्त हो सकता है, मूर्छित अर्थात अचंचल पारद अर्थात शिवलिंग की पूजा करने वाले सौभाग्यशाली साधक भगवान सदाशिवसे एकाकार होने की उनके सानिध्य को प्राप्त करने की सिद्धि भी प्राप्त कर सकता है.


जो भी व्यक्ति पारद एवं रस तंत्र के क्षेत्र में रूचि एवं जानकारी रखता है वे निश्चय ही पूर्ण चैतन्य विशुद्ध पारद शिवलिंग के महत्त्व के बारे में समझ सकते है. इसी लिंग के लिए तो ग्रंथो में कहा है की पारद से निर्मित शिवलिंग के दर्शन मात्र से ही ज्योतिर्लिंग एवं कोटि कोटि लिंग के दर्शन लाभ के जितना पुण्य प्राप्त होता है. यह विशेष लिंग अपने आप में अनंत गुण भाव से युक्त धातु से निर्मित होता है इसी लिए उसमे किसी भी व्यक्ति को प्रदान करने की क्षमता अनंत गुना होती है. और तंत्र के सभी मार्ग में चाहे वह लिंगायत हो, सिद्ध हो, क्रम हो या कश्मीरी शैव मार्ग हो या फिर अघोर जैसा श्रेष्ठतम साधना मार्ग हो, सभी साधना मत्त में पारदशिवलिंग की एक विशेष महत्ता है तथा निश्चय ही कई प्रकार के विशेष प्रयोग गुप्त रूप से सभी मत्त एवं मार्ग में होती आई है. इसी क्रम में सदगुरुदेव ने कई विशेष प्रयोगों को साधको के मध्य रखा था जिसमे पारदशिवलिंग के माध्यम से पूर्व जीवन दर्शन, शून्य आसन एवं वायुगमन आदि प्रयोग के बारे में समझाया एवं प्रायोगिक रूप से संपन्न भी करवाए थे. निश्चय ही अगर पूर्ण चैतन्य विशुद्द पारद शिवलिंग अगर व्यक्ति के पास हो तो साधक निश्चय ही कई प्रकार से अपने भौतिक एवं आध्यात्मिक जीवन को उर्ध्वगामी कर पूर्ण सुख एवं आनंद की प्राप्ति कर सकता है

रसलिंग के माध्यम से संपन्न होने वाले कई विशेष एवं दुर्लभ प्रयोग को हमने समय समय पर आप सब के मध्य प्रस्तुत किया है इसी क्रम में इस महा शिव रात्रि पर एक और प्रयोग…..

इस साधना में उपयोग होने वाली प्रमुख सामग्री….. शिवलिंग, श्री यंत्र, और पारद देवरंजनी गुटिका. साथ ही गंगाजल, चन्दन,बिल्वपत्र, अक्षत, मौली, धतूरे का फल, भस्म, और सदगुरुदेव का चित्र . जो कि अति आवश्यक है | सफ़ेद आसन, सफ़ेद धोती, यदि स्त्री है तो पीला आसन और साड़ी .

भाइयो बहनों अधिकांश भाइयो बहनों के पास ये तीनो विग्रह होने चाहिए, क्योंकि इन सबका वर्णन कई दिनों से निखिल एल्केमी ग्रुप पर आता भी रहा है और कई लोगों ने लिया भी है

ये पूजन प्रातः और रात्रि दोनों का है सिर्फ विधान अलग हैं कृपया ध्यान से पढ़ें और संपन्न करें….



article-image

पूजा विधि—


शिव रात्रि की प्रातः ६ से सात बजे तक स्नान आदि से निवृत्त होकर ईशान कोण की श्वेत (सफ़ेद) आसन पर बैठ कर लकड़ी के बजोट पर सफ़ेद वस्त्र बिछाकर शिवलिंग स्थापित करें, अब प्रारंभिक पूजन संपन्न कर गुरुदेव को और शिवलिंग को भस्म और धतूरे का फल अर्पण करें तथा गुरुदेव का आशुतोष स्वरूप का चिन्तन करें—


आशुतोषम ज्ञानमयं कैवल्यफल दायकं,

निरान्तकम निर्विकल्पं निर्विशेषम निरंजनम् ||

सर्वेषाम हित्कारतारम देव देवं निरामयम,

अर्धचंद्रोज्जद् भालम पञ्चवक्त्रं सुभुषितम ||


अब इसके बाद यदि गणपति विग्रह है तो उन्हें स्थापित कर उनका पूजन करें या गोल सुपारी को मौली लपेट कर चावलों की ढेरी पर स्थापित कर भगवन गणपति का ध्यान करें तथा सिंदूर चढ़ाकर धूम्र संकट मन्त्र करें—


मन्त्र- “गां गीं गुं गें गौं गां गणपतये वर वरद सर्वजन में वशमानय बलिम ग्रहण स्वाहा |”


“gaang geeng gung gaung gaang ganpataye var varad sarvjan me vashamanay balim grahan swaha.”


कार्तिकेय पूजन—अपने दाई और एक सुपारी स्थापित कर कार्तिकेय का ध्यान कर निम्न मन्त्र से एक पुष्प अर्पित करें, तथा खीर का भोग लगायें…..


मन्त्र– “ॐ गौं गौं कार्तिकेय नमः”


“Om gaung gaung kartikey namah”


भैरव पूजन—अब अपने बांई और चावलों की ढेरी पर एक गोल सुपारी स्थापित का सिंदूर का टिका और गुड का भोग लगा कर

भैरव लोचन मन्त्र द्वारा भोग लगाये—


“बलिदानेन संतुष्टो बटुकः सर्व सिद्ध्दा:

शांति करोतु में नित्यं भुत वेताल सेविते:”


“Balidanene santushto batukah sarv siddhihah

Shanti karotu me nityam bhut vetal sevitah”.


वीरभद्र पूजन—भगवन शिव के प्रमुख गण वीरभद्र की स्थापना हेतु भैरव के साथ एक गोल सुपारी चावलों की ढेरी पर स्थापित कर काले टिल व् पुष्प से निम्न मन्त्र द्वारा करें….


मन्त्र- एह्येहि पुत्र रौद्रनाथ कपिल जटा भार भासुर त्रिनेत्र,

ज्वालामुखी सर्व विघ्नान नाशय-नाशय सर्वोपचार,

सहितं बलिम ग्रहण-ग्रहण स्वाहा ||


Mantr —-

“Ehyehi putra raudranath kapil jata bhar bhaasur trinetra

Jwalamukhi sarva vighnaan naashay-naashay sarvopchar

Sahitam balim grahan-grahan swaha” .


क्षेत्रपाल पूजन—

अब जिस लकड़ी के बाजोट पर विग्रह स्थापित किया है उससे अलग हट कर नीचे दाहिनी और एक सुपारी लाल कपडे पर स्थापित कर लाल पुष्प से ही क्षेत्रपाल पूजन करें एक फल और धुप दीप निम्न मन्त्र द्वारा करें—-


मन्त्र—

“क्षां क्षीं क्षुं क्षें क्ष: हुं स्थान क्षेत्रपाल धुप दीपं सहितं

बलिम ग्रहण-ग्रहण सर्वान कामान पूरय-पूरय स्वाहा” ||


Mantra

“Kshaang ksheeng kshung ksheng kshaha hung sthan kshetra dhupam deepam sahitam , balim grahan-grahan sarvaan sarvaan kaamaan prray-pooray swaha .”


योगिनी पूजन—

भाइयो बहनों महा शिवरात्रि तो योगनियों का उत्सव होता है अतः जो साधक पूर्ण समर्पण भाव से योगिनी पूजन संपन्न करता है उसका शिवशक्ति पूजन तो उसी समय संपन्न हो जाता है और साधना में सफलता के चांश बढ़ जाते हैं. अतः एक गौमती चक्र चावलों की ढेरी पर स्थापित कर सिंदूर और लाल पुष्प से पूजन करें निम्न मन्त्र द्वारा—–


मन्त्र—

“या काचिद योगिनी रौद्र सौम्या धरतरापरा,

खेचरी भूचरी व्योमचरी प्रतास्तु में सदा” ||


Mantra-

“Yaa kaachid yogini raudra saumya dharataparaa,

Khechari bhuchari vyomchari pratastu me sadaa”.


कुबेर पूजन-


भाइयो बहनों भोलेनाथ को कुबेरपति भी कहा गया है अतः शिव रात्रि में कुबेर पूजन का भी महत्व है और कुबेर्पूजन का सिद्धिदायक मुहूर्त भी अतः शिवलिंग के दांयी तरफ पारद श्री यंत्र की स्थापना करे और चन्दन, लाल पुष्प और सुगन्धित धुप दीप से श्रीयंत्र का पूजन करे और एक माला, जो कि रुद्राक्ष, या सफ़ेद हकिक की हो सकती है, से एक माला निम्न मन्त्र

की करें….

मन्त्र—

“ॐ क्षौं कुबेराय नमः”


Mantra –

“Om kshaung kuberay namah .”


इसके बाद पुनः शिव पारवती का सक्षिप्त पूजन कर रुद्राक्ष की माला से तीन माला मंत्र जप करें—–


मंत्र—

“ॐ शं शिवाय नं नमः”.


article-image


Manatra— shiv aradhana mantra


“ Om sham shivay nam namah.”


भाइयो बहनों ये तो हुआ सुबह का पूजन और इसी क्रम को दुसरे दिन भी करना है.


अब रात्रि काल की साधना—-


अब रात्रि में १० बजे पीले वस्त्र और पीले ही आसन पर साधना करनी है भगवान् पारदेश्वर को जल से स्नान करवा कर चन्दन चावल और पुष्प से पूजन करें और खीर का भोग लगायें…. तथा पुष्प और चावल से निम्न मन्त्रों द्वारा पूजन करें—


ॐ भवाय नमः, ॐ जगत्पित्रे नमः,ॐ रुद्राय नमः, ॐ कालान्तकाय नमः, ॐ नागेन्द्रहाराय नमः, ॐ कालकंठाय नमः, ॐ त्रिलोचनाय नमः, ॐ पार्देश्वराय नमः |


अब किसी पात्र में पांच बिल्व पत्रपर कुमकुम और चावल रख कर निम्न मन्त्र से बिल्वपत्र चढ़ाएं….


“त्रिदलं त्रिगुनाकारम त्रिनेत्रं च त्रिधायुधं,

त्रिजन्म पाप संहारम बिल्वपत्रं शिवार्पणं” |


फिर किसी पात्र में गाय का कच्चा दूध और जल मिलाकर निम्न मन्त्र से लगभग ३० मि. तक जल धारा प्रवाहित कर अभिषेक करें…..


article-image


मन्त्र—

“ॐ शं शम्भवाय पारदेश्वरय सशक्तिकाय नमः


Mantra — “om sham shambhavaay paardeshwaraay sashaktikaay namah.”


भाइयो बहनों ये अति महत्वपूर्ण साधना है इसे हलके में लेना गुरुदेव के प्रति अश्रद्धा होगी अतः ध्यान रखें और पूर्ण भक्ति व् श्रद्धा भाव से पूजन संपन्न करेंगे तो निश्चय ही भगवन पारदेश्वर की अमोघ शक्ति व उनके दिव्य स्वरुप का लाभ मिलेगा ही……


इस साधना के बाद पारद शिवलिंग का घर में स्थापन अति सौभाग्य की बात है…


शिवचालीसा shiv chalisa भी पढ़ें


मीनिंग ऑफ शिव

पं दयानन्द शास्त्री की अन्य किताबें

1

जानिए कौनसे ज्योतिषीय योग बनाते हैं आपको धनवान...

10 जनवरी 2019
0
0
0

प्रिय मित्रों/पाठकों, यदि आप थोड़ा-बहुत ज्योतिष भी जानते हैं तो खुद देख लीजिए आपकी जन्म कुंडली में धनवान होने के योग, कितना पैसा है आपकी किस्मत में...जानिए ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी से जन्म कुण्डली के कुछ प्रमुख धनवान बनाने वाले योग को --- यदि लग्न से त

2

भगवान विष्णु की कृपा से इन 5 राशियों को मिलेंगी ढेरों खुशियां, पूरी होगी हर मनचाही मुराद

10 जनवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भगवान विष्णु की असीम कृपा और साथ ही कैसा

3

जानिए कैसा है मुम्बई के सुप्रसिद्ध और सबसे लोकप्रिय "सिद्धिविनायक मंदिर" का वास्तु शिल्प पर सौन्दर्य !!!!!!!!

10 जनवरी 2019
0
0
0

प्रिय मित्रों/पाठकों, विघ्नविनाशक सिद्घिविनायक भगवान गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है। गणेश जी जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाईं तरह मुड़ी होती है, वे सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्घिविनायक मंदिर कहलाते हैं। कहते हैं कि सिद्धि विनायक की महिमा अपरंपार है, वे भक

4

इन राशियों पर बरसेगी महालक्ष्मी की कृपा, बदलेगी किस्मत, खुलेगा खुशियों का पिटारा…

10 जनवरी 2019
1
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है माँ लक्ष्मी की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष (चू,

5

आखिर क्यों लगाएं दौड़ते हुए घोड़ो की फोटो?? क्या है वास्तु अनुसार इसका लाभ(फायदा)..

11 जनवरी 2019
0
0
0

प्रिय मित्रों/पाठकों, आज के प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हर कोई सफलता पाना चाहता है, लेकिन मेहनत के बाद भी सफल नहीं हो पाता है। इसका ये अर्थ नहीं होता है कि उस व्यक्ति की मेहनत में किसी तरह की कमी है।जीवन में सफलता हासिल करने के लिए सबसे जरूरी होता है इंसान को ऊर्जावान होना. स्वस्थ होना।अगर आप ऊर्जा स

6

ये हैं वो 7 भाग्यशाली राशियां जिन पर बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा, होगी धन की बरसात, मिलेगी कामयाबी

17 जनवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भगवान विष्णु की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । वो 7 भा

7

भगवान शिव की कथाओं का अनसुना पहलु, दो नहीं बल्कि 6 पुत्रों के पिता थे शिव

17 जनवरी 2019
1
0
0

आपने भगवान विष्णु के पुत्रों के नाम पढ़े होंगे। नहीं पढ़ें तो अब पढ़ लें- आनंद, कर्दम, श्रीद और चिक्लीत। विष्णु ने ब्रह्मा के पुत्र भृगु की पुत्री लक्ष्मी से विवाह किया था। शिव ने ब्रह्मा के पुत्र दक्ष की कन्या सती से विवाह किया था, लेकिन सती तो दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर भस्म हो गई थी। उनका तो को

8

माँ लक्ष्मी दे रही हैं वरदान, इन राशियों के भरेंगे भंडार, होगी अपार धन की बरसात

18 जनवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है माँ लक्ष्मी की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष किसी

9

भोलेनाथ की कृपा से इन 7 राशियों के होंगे संकट दूर, होगा भाग्योदय, मिलेंगीं खुशियाँ

21 जनवरी 2019
1
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भोलेनाथ की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष आप स्नेह

10

आज साल का पहला चंद्रग्रहण होने वाला है बेहद अनोखा, इन राशियों के लिए कष्टदायी, जाने किस पर होगा असर

21 जनवरी 2019
0
0
0

वर्ष 2019 का पहला चंद्र ग्रहण 21 जनवरी (सोमवार) को लगने वाला है । वैज्ञानिक इसे सुपर ब्लड वूल्फ मून का नाम दे रहे हैं। इस दिन आसमान में खगोलीय घटना का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, केवल अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका और मध्य प्रशांत में दिखाई देगा।इसकी समय

11

इन 7 राशियों पर होगी बजरंगबली की कृपा, होगा कष्टों का नाश, चमकेगी किस्मत, मिलेगी सफलता

22 जनवरी 2019
1
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है की हनुमान जी असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष आत्मविश

12

ये 18 वास्तु टिप्स खोल देंगे तरक्की के सारे दरवाज़े, बरसेगा धन, होगी खुशियां ही खुशियां

22 जनवरी 2019
1
0
0

हमारा घर (भवन/आवास/मकान) एक ऐसी जगह होती है जहां खुलकर सांस ले सकते हैं ।अगर घर में सभी जरूरी चीजों के लिए शुभ-अशुभ दिशाओं का ध्यान रखा जाए तो नकारात्मकता से मुक्ति मिल सकती है। वास्तु शास्त्र में घर के लिए कई नियम बताए गए हैं, इनका पालन करने पर घर की पवित्रता बनी रहती है। उज्जैन के वास्तु विशेषज्ञ

13

इन 5 राशियों पर होगी गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा, होगा भाग्योदय, दूर होंगे सभी संकट

22 जनवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष व

14

इन 5 राशियों पर होगी भगवान विष्णु की असीम कृपा, होगा भाग्योदय, दूर होंगे सभी संकट

24 जनवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भगवान विष्णु की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेषअनजान

15

इन 7 राशियों पर होगी बजरंगबली की कृपा, होगा कष्टों का नाश, चमकेगी किस्मत, मिलेगी सफलता

29 जनवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है की हनुमान जी असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेषआज के दि

16

शुक्र की बदलती चाल का क्या प्रभाव पड़ेगा आपकी राशि पर जानिए......

1 फरवरी 2019
0
1
0

ज्योतिष में शुक्र को धन समृद्धि मान-सम्मान सौंदर्य का ग्रह माना गया है। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार, जीवन में ऐश्वर्या की प्राप्ति के लिए शुक्र ग्रह का मजबूत होना बहुत जरूरी है. शुक्र के राशि परिवर्तन से हर राशि के लोगों की आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य, प्यार, पारिवारिक जीवन, भोग विल

17

सोमवती अमावस्या के दिन ये उपाय करने से दरिद्रता होगी दूर, घर में आएगी सुख सम्बृद्धि, बरसेगा अपार धन

4 फरवरी 2019
0
2
0

जब सोमवार को अमावस्या होती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। ऐसी अमावस्या का शास्त्रों में काफी अधिक महत्व बताया गया है। इस दिन किये जाने वाले उपायों का शीघ्र फल प्राप्त होता हैं। यहां हम आपको सोमवती अमावस्या के दिन किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय बताने जा रहे हैं। इन्हें करने से गरीबी और दरिद्रता

18

क़र्ज़ से हैं परेशान तो अपनाये ये उपाय, हो जायेंगे क़र्ज़ मुक्त, घर में होगी बरकत ही बरकत

6 फरवरी 2019
0
0
0

कर्ज या ऋ़ण का होना जिंदगी को मुश्किल में डाल देता है। कर्ज मुक्त जीवन ही सबसे खुशहाल जीवन होता है।कई बार जरूरी चीजों के लिए हमें कर्ज लेने पड़ जाते हैं लेकिन ये कर्ज खत्म होने का नाम नहीं लेता है। कई बार कर्ज लेने के बाद उसे लौटाना व्यक्ति को भारी पड़ता है और उसकी पूरी जिंदगी कर्ज चुकाते-चुकाते खत्

19

मंदिर जाना केवल धर्म के लिए ही नहीं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी है फायदेमंद, पढ़े क्यों……

7 फरवरी 2019
0
1
0

मंदिर जाना शिव धर्म के लिए ही नहीं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी है फायदेमंद, पढ़े क्यों……आमतौर पर मंदिर में जाना धर्म से जोड़ा जाता है। लेकिन मंदिर जाने के कुछ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्वास्थ्य लाभ भी हैं। ज्योतिर्विद पण्डित दयानन्द शास्त्री बताते हैं कि यदि हम रोज मंदिर जाते हैं तो इससे कई तरह की ह

20

जाने किन- किन राशियों पर रहेगी माँ लक्ष्मी की असीम कृपा, साथ ही क्या है आपका भाग्यांक

7 फरवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है माँ लक्ष्मी की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष आपको

21

घर या दुकान (कार्यस्थल) पर वास्तु अनुसार यहाँ मन्दिर होने से होती हैं माँ लक्ष्य प्रसन्न, होती है धन की बरसात, बनते हैं बिगड़े काम.....

12 फरवरी 2019
0
0
0

यह सच है कि ईश्‍वर सर्वव्यापी हैं और वे हमेशा सबका कल्याण ही करेंगे, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि दिशाओं के स्वामी भी देवता ही हैं। अत: आवश्यक है कि पूजा स्थल बनवाते समय भी वास्तु के कुछ नियमों का ध्यान रखा जाए।वास्तु विज्ञान के अनुसार देवी-देवताओं की कृपा घर पर बनी रहे, इसके लिए पूजाघर वास्तुदोष से

22

14 फरवरी (वेलेन्टाइन डे) पर विशेष जानिए क्यों प्रेम और वासना के देवता "कामदेव" को,कोई नहीं बच पाया जिनके तीरो से........

13 फरवरी 2019
0
0
0

सनातन (हिन्दू) धर्म में कामदेव, कामसूत्र, कामशास्त्र और चार पुरुषर्थों में से एक काम की बहुत चर्चा होती है। खजुराहो में कामसूत्र से संबंधित कई मूर्तियां हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या काम का अर्थ सेक्स ही होता है? नहीं, काम का अर्थ होता है कार्य, कामना और कामेच्छा से। वह सारे कार्य जिससे जीवन आनंदद

23

जानिए की क्या हैं माघ पूर्णिमा और माघ पूर्णिमा का महत्व..???

19 फरवरी 2019
0
0
0

हिन्दू धर्म में धार्मिक दृष्टि से माघ मास को विशेष स्थान प्राप्त है। भारतीय संवत्सर का ग्यारहवां चंद्रमास और दसवां सौरमास माघ कहलाता है।मघा नक्षत्र से युक्त होने के कारण इस महीने का नाम का माघ नाम पडा। ऐसी मान्यता है कि इस मास में शीतल जल में डुबकी लगाने वाले पापमुक्त होकर स्वर्ग लोक जाते हैं। ज्योत

24

ये हैं वो 7 भाग्यशाली राशियां जिन पर बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा, होगी धन की बरसात, मिलेगी कामयाबी

21 फरवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भगवान विष्णु की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । वो 7 भा

25

जानिए सिंह राशि के चन्द्रमा, शतभिषा नक्षत्र और कुम्भ राशि के सूर्य का आज आपकी राशि पर क्या प्रभाव डालेगा , पढ़े कैसे रहेंगे ग्रह गोचर/तारे सितारे......

21 फरवरी 2019
0
0
0

जानिए सिंह राशि के चन्द्रमा, शतभिषा नक्षत्र और कुम्भ राशि के सूर्य का आज आपकी राशि पर क्या प्रभाव डालेगा , पढ़े कैसे रहेंगे ग्रह गोचर/तारे सितारे......मेष आज व्यस्तता भरे दिन के बावजूद आपकी सेहत पूरी तरह दुरुस्त रहेगी। विशेष लोग ऐसी किसी भी योजना में रुपये लगाने के लिए तैय

26

इन 5 राशियों पर होगी गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा, होगा भाग्योदय, दूर होंगे सभी संकट

26 फरवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष व

27

जाने भगवान शिव से जुड़े वो रोचक तथ्य जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे......

4 मार्च 2019
1
0
0

"भगवान शिव का कोई माता-पिता नहीं हैं ! उन्हें अनादि माना गया है! मतलब, जो हमेशा से था, जिसके जन्म की कोई तिथि नही!" कथक, भरतनाट्यम करते वक्त भगवान शिव की जो मूर्ति रखी जाती है, उसे "नटराज" कहते है!" किसी भी देवी-देवता की टूटी हुई मूर्ति की पूजा नही होती! लेकिन शिवलिंग चाहे कितना भी टूट जाए फिर भी पू

28

शिवपूजा में बेलपत्र का महत्व

18 जुलाई 2019
0
1
1

इस सावन जानिए शिवपूजा में बेलपत्र का महत्व..!!!सावन का पवन महीना चल रहा है ऐसे में हम आपको बता रहें है शिवलिंग की पूजा में क्या क्या चढ़ाना चाहिए।भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र प्रयोग होते हैं। बेलपत्र का बहुत महत्व होता है और इनके बिना शिव की उपासना सम्पूर्ण नहीं होती।👉🏻👉🏻👉🏻👉🏻 आइये जानते है ब

29

ज्योतिष - परामर्श सेवाएं, दिल्ली में

18 जुलाई 2019
0
0
0

19,20 एवम 21 जुलाई 2019 (शुक्रवार से रविवार) तक मेरी परामर्श सेवाएं ...नई दिल्ली में उपलब्ध रहेंगी।आज से दिल्ली प्रवास/विश्राम..22 जुलाई 2019 शाम तक।👍👍💐💐💐कमरा नम्बर - 104.होटल पूनम इंटरनेशनल,3169/70, Sangatrashan,बाँके बिहारी मन्दिर के निकट,पहाड़गंज, नई दिल्ली-110055..फोन नम्बर -(011) 41519884👍

30

कैसा होगा आपका जीवन साथी ??

18 जुलाई 2019
0
0
0

यदि आपके माता पिता आपके लिए वर / वधु की तलाश कर रहे हैं और आपका मन कहीं और अटका है तो यह सवाल आपके मन में अवश्य आएगा | किन्ही दो जातकों की जन्म कुंडली देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह दोनों पति पत्नी बनेंगे या नहीं |इस सम्बन्ध में सटीक भविष्यवाणी करने के पीछे मेरे पास कुछ सिद्धांत हैं जिन्हें

31

जाने और समझे कितना उचित हैं बोलते नाम (प्रचलित नाम) से विवाह हेतु गुण मिलान ??

19 जुलाई 2019
0
0
0

पंचांग के अनुसार नाम से लड़का-लड़की कुंडली मिलान कितना उचित ??--ज्यादातर भारतीय हिन्दू परिवार ज्योतिषी के पास विवाह के लिए श्रेष्ठ कुंडली मिलान या जन्मपत्रिका मिलान के लिए जाते ही हैं, ताकि विवाहित होने वाला जोड़ा किसी प्रकार के दुर्भाग्य का शिकार न हो, और अपनी जिंदगी हंसी ख़ुशी से काट सके. लोग ये विश्व

32

Astro World 2019 Exhibition में मेरी कुछ झलकियां

19 जुलाई 2019
0
0
0

हमारी परामर्श/सलाह/एडवाइज सेवाएं आज 19,20 एवम 21 जुलाई 2019 (शुक्रवार से रविवार) तक मेरी परामर्श सेवाएं ...स्टाल नम्बर #AH,Astro World 2019 Exhibition,कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया,कनॉट प्लेस, नई दिल्ली में उपलब्ध रहेंगी।संपर्क करें--आचार्य अमित तिवारी - 09893016120...ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास

33

उज्जैन स्थित 84 महादेव यात्रा का सम्पूर्ण विवरण

22 जुलाई 2019
21
0
0

चौर्यासी महादेव यात्रा चाहे क्रम अनुसार हो या क्षेत्र अनुसार परन्तु यात्रा का प्रारम्भ और अंत में पुनः दर्शन कर यात्रा का ससंकल्प समापन प्रथम महादेव मंदिर श्री अगस्तेश्वर से ही किया जाता है !(१) 1 /84 : अगस्तेश्वर : हरसिद्धि माता मंदिर के पीछे स्तिथ संतोषी माता मंदिर परिसर में(२) 10/84 : कर्कोटेश्वर

34

उज्जैन स्थित 84 महादेवों की विशेष अर्चना श्रावण माह में

22 जुलाई 2019
0
0
0

महाकाल की नगरी उज्जैन स्थित 84 महादेवों की अर्चना श्रावण माह में विशेष रूप से की जाती है जब पुरुषोत्तम मास (अधिक मास ) आता है, तब भी दर्शन यात्रा की जाती हैं । स्कन्द पुराण के अनुसार ८४ लाख योनियों का भ्रमण करते हुए, मानव योनि में आते है, तो मानव योनि में आने के बाद में ८४ लाख योनियों के भ्रमण म

35

जानिए "शिवलिंग" पूजा का प्रारंभ एवं महत्व एवं पूजन विधि

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए Shiv Aradhana"शिवलिंग" पूजा का महत्व भगवान शिव अत्यंत ही सहजता से अपने भक्तों की मनोकामना की पूर्ति करने के लिए तत्पर रहते है। भक्तों के कष्टों का निवारण करने में वे अद्वितीय हैं। समुद्र मंथन के समय सारे के सारे देवता अमृत के आकां

36

जानिए की कैसे और किस शुभ घड़ी में करें श्रावण मास में भगवान शिव का पूजन

31 जुलाई 2019
0
2
3

भगवान शिव की भक्ति का प्रमुख माह श्रावण 17 जुलाई 2019 से सम्पूर्ण विश्व मे पूरी श्रद्धा से मनाया जा रहा है। पूरे माह भर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना का दौर जारी रहेगा। सभी शिव मंदिरों में श्रावण मास के अंतर्गत विशेष तैयारियां की गई हैं। चारों ओर श्रद्धालुओं द्वारा 'बम-बम भोले और ॐ नम: शिवाय' की गूंज सुना

37

जानिए आपकी राशि का दैनिक राशिफल - 01-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए आपकी राशि का दैनिक राशिफल... rashifal 2019 - 01-08-2019##मेष :- आज धार्मिक कार्य की ओर मन आकर्शित होगा। ईश्वर की अराधना करने से मानसिक शान्ति मिलेगी। परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।##वृषभ :-आज वाणी का प्रभाव भी अच्छा बना रहेगा।घर के बड़े-बुजुर्गो का सुख और स

38

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल... 02-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल... 02-08-2019 rashifal 2019##मेष :-आज परिश्रम के बावजूद कम सफलता मिलने से निराशा की भावना आ सकती है।धार्मिक स्थल की यात्रा हो सकती है। पारिवारिक सुख सहयोग मिलेगा।लम्बी यात्रा करने से बचने का प्रयास करें। ##वृषभ :-आज व्यावसायिक कार्यों में सरकारी हस्ताक्षेप

39

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 03-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 03-08-2019 को##मेष :-आज निर्णय लेने में असंमजस बना रहेगा।मन में कामकाज के प्रति नया उत्साह देखने को मिलेगा।जीवन साथी का सुख सहयोग मिलेगा।अपने स्वास्थ्य का विषेश ध्यान रखें।##वृषभ :- मित्रों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। कामकाज में लाभ होगा। शरीर में फूर्ति

40

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 04-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 04-08-2019 rashifal2019 ##मेष :-आज कार्य क्षेत्र में हालात आपके अनुकूल नहीं होंगे जिसके कारण कुछ परेशानियाँ खड़ी हो सकती है। दिन की शुरुआत मंदिर जाने से करें मानशिक शांति मिलेगी और काम में भी मन लगेगा। ##वृषभ :- आज आपके स्वभाव में गुस्से की बढ़ोतरी होगी जिस

41

जानिए आपकी राशि का दैनिक राशिफल 05-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए आपकी राशि का दैनिक राशिफल 05-08-2019 को.. rashifal 2019 ##मेष :- आज आमदनी के नए स्रोत बन सकते है। भाग्य का साथ मिलेगा।व्यापार-व्यवसाय में संतोषजनक स्थिति रहेगी।परिवार से लाभ मिल सकता है।वे आपके कार्यों में मदद करेंगे।##वृषभ :- आज के दिन खुशी और सफलता मिल सकती है। पारिवारिक सदस्यों के साथ घर

42

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 06-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 06-08-2019 को rashifal 2019 ##मेष-आज आपका व्यक्तित्व प्रभावशाली बना रहेगा।कामकाज में कुछ नया करने की सोच सकते है। काम काज सामान्य रहेगा। धन का सुख मिलेगा।वाहन के प्रति सावधानी बरतें। ##वृषभ- परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर जो भी कार्य होगा उसमें सफलता मिल

43

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल.. 08-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल.. 08-08-2019 को rashifal 2019 ##मेष :-धार्मिक आयोजन में शामिल होने से शान्ति मिलेगी।युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते है। उलझने दूर होंगी।लंबी दूरी की यात्राओ पर जाने की योजना बना सकते है।वाणी पर संयम रखें। ##वृषभ :-आज परिवार का सुख और अच्छा मिलेगा।

44

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 07-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 07-08-2019 को.. rashifal 2019 ##मेष :- आज कामकाज की अधिकता होने के कारण कुछ चिंतित रहेंगे। कामकाज में आशानुरूप सफलता मिलेगी। मित्र सहयोग करेंगे। परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। स्वास्थ्य में ताजगी रहेगी।##वृषभ :- आज का दिन युवाओं को रोजगार के नए अवस

45

आपकी राशि का दैनिक राशिफल 09-08-2019 को कैसा रहेगा..

31 जुलाई 2019
0
0
0

आपकी राशि का दैनिक राशिफल 09-08-2019 को कैसा रहेगा..##मेष :- आज आप किसी भी काम की शुरुआत करने से पहले अपने घर के बड़ों से राय-मशवरा जरूर करें और उनसे आशीर्वाद लेकर ही काम प्रारम्भ करें।काम काज सामान्य रहेगा। आज अपने गुस्से पर काबू रखने की जरूरत है। ##वृषभ :- विद्यार्थियों के लिए आज का दिन कुछ खास अच

46

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 10-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 10-08-2019 को rashifal 2019 ##मेष :- आज मेहनत के बलबूते पर अपनी हर मुश्किल काम को आसन कर लेंगे।काम काज सामान्य रहेगा। विद्यार्थियों के लिए आज का दिन अच्छा है शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी । ##वृषभ :- आज काम काज में सामान्य सफलता मिलेगी। कोशिश कर

47

जानिए इस वर्ष 2019 में कब करें "हरतालिका तीज व्रत" और क्यो ??

29 अगस्त 2019
0
1
0

हरतालिका तीज व्रत 2 सितंबर 2019 को ही मनाया जाना शास्त्र सम्मत क्यों होगा??विद्वतजन कृपया ध्यान देंसम्पूर्ण भारतवर्ष में "हरतालिका तीज" सुहागिन महिलाओं द्वारा किए जाने वाले प्रमुख व्रतों में से एक है। यह व्रत पति की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए रखा जाता है। इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता

48

विशेष -- श्राद्ध पक्ष 2019 पर---

13 सितम्बर 2019
0
0
1

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया की शतभिषा नक्षत्र में शुरू हो रहे पितृ आराधना के पर्व में श्राद्ध करने से सौ प्रकार के तापों से मुक्ति मिलेगी।इस वर्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा पर 13 सितंबर 2019 ( शुक्रवार) को शततारका (शतभिषा) नक्षत्र,धृति योग,वणिज करण एवं कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्

49

जानिए पितृपक्ष में पितरों के लिए पिण्डदान और श्राद्ध कैसे करें??

13 सितम्बर 2019
0
0
0

शास्त्रों में मनुष्य के लिए तीन ऋण कहे गये हैं- देव ऋण, ऋषि ऋण व पितृ ऋण। इनमें से पितृ ऋण को श्राद्ध करके उतारना आवश्यक है। क्योंकि जिन माता-पिता ने हमारी आयु, आरोग्यता तथा सुख सौभाग्य की अभिवृद्धि के लिए अनेक प्रयास किये, उनके ऋण से मुक्त न होने पर हमारा जन्म लेना निरर्थक होता है। इसे उतारने में क

50

क्या पंचकों में अस्थि संचयन हो सकती है ???

13 सितम्बर 2019
1
0
0

अंत‌िम संस्कार का शास्‍त्रों में बहुत वर्णन द‌िया गया है क्योंक‌ि इसी से व्यक्त‌ि को परलोक में उत्तम स्थान और अगले जन्म में उत्तम कुल पर‌िवार में जन्म और सुख प्राप्त होता है। गरुड़ पुराण में बताया गया है क‌ि ज‌िस व्यक्त‌ि का अंत‌िम संस्कार नहीं होता है उनकी आत्मा मृत्‍यु के बाद प्रेत बनकर भटकती है औ

51

क्या करें मृत आत्मा की शांति के लिए--

14 सितम्बर 2019
0
1
0

पितृ सदा रहते हैं आपके आस-पास। मृत्यु के पश्चात हमारा और मृत आत्मा का संबंध-विच्छेद केवल दैहिक स्तर पर होता है, आत्मिक स्तर पर नहीं। जिनकी अकाल मृत्यु होती है उनकी आत्मा अपनी निर्धारित आयु तक भटकती रहती है। हमारे पूर्वजों को, पितरों को जब मृत्यु उपरांत भी शांति नहीं मिलती और वे इसी लोक में भटकते रह

52

कब और कैसे करें महालय (कनागत या श्राद्ध)वर्ष 2019 में..

14 सितम्बर 2019
0
0
0

भाद्रपद (भादों मास) की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर आश्विन मास की अमावस्या तक कुल सोलह तिथियां श्राद्ध पक्ष की होती है। इस पक्ष में सूर्य कन्या राशि में होता है। इसीलिए इस पक्ष को कन्यागत अथवा कनागत भी कहा जाात है। श्राद्ध का ज्योतिषीय महत्त्व की अपेक्षा धार्मिक महत्व अधिक है क्योंकि यह हमारी धार्मिक आस

53

अथ श्री बाटी पुराण कथा- - ऐसे हुआ बाटी का 'आविष्कार' बाटी का

30 सितम्बर 2019
0
1
1

मालवा का प्रसिद्ध भोजन। कोई भी खास मौका इसके बगैर खास नहीं होता। कई घरों में तो छुट्टी के दिन बाटी बनना अनिवार्य है। नई बहुओं को भी पहले दिन ही परिवार के इस स्वादिष्ट नियम के बारे में बता दिया जाता है। हर घर की पसंद बाटी करीब तीन दिन तक खराब भी नहीं होती है। ऐसे में य

54

नवदुर्गा और शारदीय नवरात्रि 2019, आपकी राशि अनुसार कौनसी देवी का पूजन, कोनसा भोग लगाएं ?

30 सितम्बर 2019
0
0
0

मां दुर्गा का प्रत्येक स्वरूप मंगलकारी है और एक-एक स्वरूप एक-एक ग्रह से संबंधित है। इसलिए नवरात्रि में देवी के नौ स्वरूप की पूजा प्रत्येक ग्रहों की पीड़ा को शांत करती है।देवी माँ या निर्मल चेतना स्वयं को सभी रूपों में प्रत्यक्ष करती है,और सभी नाम ग्रहण करती है। माँ दुर्गा के नौ रूप और हर नाम में एक

55

क्या वास्तु दोष के कारण होते हैं महिलाओं एवं पुरुषों के रोग..????

30 सितम्बर 2019
0
0
0

वास्तु शास्त्र के प्रसिद्ध ग्रंथ: समरांगण सूत्रधार, मानसार, विश्वकर्मा प्रकाश, नारद संहिता, बृहतसंहिता, वास्तु रत्नावली, भारतीय वास्तु शास्त्र, मुहूत्र्त मार्तंड आदि वास्तुज्ञान के भंडार हैं। अमरकोष हलायुध कोष के अनुसार वास्तुगृह निर्माण की वह कला है, जो ईशान आदि कोण से आरंभ होती है और घर को विघ्नों

56

जानिए ब्रह्म स्थान/ ब्रह्म स्थल क्या होता हैं ??

30 सितम्बर 2019
0
0
0

प्रिय पाठकों/मित्रों, पृथ्वी, आकाश, जल, अग्नि एवं वायु इन पंचतत्वों तथा दसों दिशाओं के कल्याणकारी सूत्र एवं सिद्धान्त ही वास्तु शास्त्र की मूल अवधारणा है। प्रकृति के इन नियमों का पालन मनुष्य किस तरह शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु करके सुखी एवं सम्पन्न रहे, यही वास्तु श

57

जानिए आपकी जन्मकुंडली से कब होगी बीमारी या, बीमारी / रोग का प्रकार , समय और निदान

30 सितम्बर 2019
0
0
0

प्रिय दर्शकों/पाठकों,आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी ,अनियमित जीवनशैली, अनियमित खानपान कई रोगो और समस्याओ को जन्म दे रहे हैं।किसी भी जातक की जन्म कुण्डली से इस बात को जानने में बहुत सहायता मिलती है कि व्यक्ति को कब , क्यों और किस प्रकार के रोगो की सम्भावना है. इसी प्रकार नक्षत्रों का भी रोग विच

58

समझें राम मंदिर विवाद, धर्म और भारत की कुंडली को..

24 अक्टूबर 2019
0
0
0

उज्जैन (मध्यप्रदेश) निवासी आदरणीय पंडित सूर्य नारायण व्यास वह मूर्धन्य विद्वान ज्योतिषी थे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता का मुहूर्त 14 अगस्त की रात्रिकालीन अभिजीत (12 बजे ) या ये कहें की 15 अगस्त की सुबह 00 बजे का निकला था l स्वतंत्र भारत का जन्म 15 अगस्त 1947 को मध्यरात्रि दिल्ली में हुआ था और कुंडल

59

जानिए भारत के मुख्य नगरों में दीपावली 2019 के लिए शुभ पूजन मुहूर्त..

24 अक्टूबर 2019
0
0
0

27 अक्टूबर के दिन पूरा देश दीपावली का शुभ त्यौहार मनाएगा। हर कोई इसकी खरीदारी और तैयारी में लगा हुआ है लेकिन अगर इनमें सबसे अहम बात को जाना जाए तो पूजा सबसे अहम होती है। अगर दीपावली वाले दिन पूजा नहीं हो तो ये दिन मनाने का कोई मतलब नहीं होता है। यहां हम आपको दीपावली मनाने का तरीका और शुभ मुहूर्त के

60

जानिए कैसा रहेगा आपके लिए नवम्बर 2019 का राशिफल (आपकी राशिनुसार)

24 अक्टूबर 2019
0
0
0

मेष ( च, चू, चे, ला, ली, लू, ले, लो, अ ):- जीविका संबंधी महत्वपूर्ण कार्यों में आलस्य न करें. शिक्षा-प्रतियोगिता की दिशा में समुचित परिश्रम की आवश्यकता है. सुख-साधन हेतु व्यय संभव. यात्रा द्वारा कार्य सिद्धि होने का योग है. ==> शुभ रंग : सुनहरा शुभ अंक : 6# आपके लिए उपाय => गुनगुने पानी से सेंधा

61

अगर श्री राम का मंदिर तोड़ा गया तो इसका जिक्र तुलसीदास ने क्यों नहीं किया...????

24 अक्टूबर 2019
0
0
0

सुप्रीमकोर्ट में अब हिंदू और मुस्लिम पक्ष से सारी दलीलें 16 अक्टूबर को ही बंद कर दी गई थी। अब इस राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला दीवाली की छुट्टियों के बाद आ सकता है। पूरा देश अपने-अपने समर्थन में फैसला आने का इंतजार कर रहे हैं मगर क्या आपको ये मामला पूरी तरह से पता है? अगर पता है तो क्या आपको

62

जानिए कुछ ज्योतिष ज्योतिषीय उपाय/सुझाव-

24 अक्टूबर 2019
0
0
0

भारत में जितने भी बड़े-बड़े व्यापारी और सेलिब्रिटीज हैं उनके अपने पर्सनल पंडितजी होते हैं। जिनसे पूछकर ही वे अपने सारे शुभ काम करते हैं। ऐसा हर कोई करता है और धार्मिक गुरु पर उनका ये विश्वास ही उन्हें सच्ची सफलता प्रदान करता है। ज्योतिषीयों के बारे में बहुत सारी बातें होती हैं जिन्हें समझने के लिए ज

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए