मंदिर जाना शिव धर्म के लिए ही नहीं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी है फायदेमंद, पढ़े क्यों……
मंदिर जाना शिव धर्म के लिए ही नहीं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी है फायदेमंद, पढ़े क्यों……
जानिए पण्डित दयानन्द शास्त्री से ऐसे लाभ जो हमें प्रतिदिन मंदिर जाने से अनजाने में मिलते हैं-- हाई BP कंट्रोल करने के लिए मंदिर के अंदर नंगे पैर जाने से वहां की साकारात्मक ऊर्जा पैरों के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करती है। नंगे पैर चलने के कारण पैरों में मौजूद प्रेशर प्वाइंट्स पर दवाब भी पड़ता है, जिससे हाई BP की प्रॉब्लम दूर होती है। कॉन्सेंट्रेशन बढ़ाने के लिए रोज़ मंदिर जाने और भौहों के बीच माथे पर तिलक लगाने से हमारे दिमाग के विशेष हिस्से पर दवाब पड़ता है। इससे कॉन्सेंट्रेशन बढ़ता है। सकारात्मक ऊर्जा बढ़ना साकारात्मक ऊर्जा स्तर बढ़ाने के लिए रिसर्च कहती है, जब हम मंदिर का घंटा बजाते हैं, तो 7 सेकण्ड्स तक हमारे कानों में उसकी आवाज़ गूंजती है। इस दौरान शरीर में शान्ति पहुंचाने वाले 7 प्वाइंट्स क्रियाशील हो जाते हैं। इससे ऊर्जा स्तर बढ़ाने में मदद मिलती है। शारीरिक क्षमता बढ़ना शारिरीक क्षमता बढ़ाने के लिए मंदिर में दोनों हाथ जोड़कर पूजा करने से हथेलियों और उंगलियों के उन बिन्दुओं पर दवाब बढ़ता है, जो शरीर के कई पुर्जों से जुड़े होते हैं। इससे शरीर के बहुत से क्रिया सुधरते हैं और शारिरीक क्षमता बढ़ती है। बैक्टीरिया से बचाव के लिए मंदिर में मौजूद कपूर और हवन का धुआं बैक्टीरिया ख़त्म करता है। इससे वायरल इंफेक्शन का खतरा टलता है। तनाव दूर होना तनाव (स्ट्रेस) दूर करने के लिए मंदिर का शांत माहौल और शंख की आवाज़ मेंटली रिलैक्स करती है। इससे स्ट्रेस दूर होता है। डिप्रेशन दूर होता है रोज़ मंदिर जाने और भगवान की आरती गाने से ब्रेन फंक्शन सुधरते हैं। इससे डिप्रेशन दूर होता हैं।।