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क्या वास्तु दोष के कारण होते हैं महिलाओं एवं पुरुषों के रोग..????

30 सितम्बर 2019

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वास्तु शास्त्र के प्रसिद्ध ग्रंथ: समरांगण सूत्रधार, मानसार, विश्वकर्मा प्रकाश, नारद संहिता, बृहतसंहिता, वास्तु रत्नावली, भारतीय वास्तु शास्त्र, मुहूत्र्त मार्तंड आदि वास्तुज्ञान के भंडार हैं। अमरकोष हलायुध कोष के अनुसार वास्तुगृह निर्माण की वह कला है, जो ईशान आदि कोण से आरंभ होती है और घर को विघ्नों, प्राकृतिक उत्पातों और उपद्रवों से बचाती है। ब्रह्मा जी ने विश्वकर्मा जी को संसार निर्माण के लिए नियुक्त किया था। इसका उद्देश्य था कि गृह स्वामी को भवन शुभफल दे, पुत्र, पौत्रादि, सुख, लक्ष्मी, धन और वैभव को बढ़ाने वाला हो। वास्तु दोष से मुक्ति के लिए पंचतत्व पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु एवं आकाश चारों दिशाएं पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण तथा चारों कोण नैत्य, ईशान, वायव्य, अग्नि एवं ब्रह्म स्थान (केंद्र) को संतुलित करना आवश्यक है।


आइये जाने की किन वास्तु दोष के कारण होते हैं महिलाओं एवं पुरुषों के रोग---


देखने में आ रहा है कि आजकल पुरूषों को पहले की तुलना में ज्यादा शारीरिक एवं मानसिक रोग हो रहे है। यह तय कि विज्ञान ने बहुत उन्नति की है। मेडिकल सांईस के कई अविष्कार मनुष्य के जटिल रोगों को दूर करने में सहायक हो रहे है। किंतु विज्ञान आधुनिक चिकित्सा की इतनी तरक्की के बाद भी मनुष्य के रोग घटने की बजाए, बढ़ते ही जा रहे है। आज नई-नई और असाध्य बीमारियां जन्म ले रही है प्रायः हर व्यक्ति किसी ना किसी रोग से पीडि़त है।


आधुनिक तकनीकों के कारण आजकल छोटे या बड़े भवनों की बनावट पहले के भवनों की तुलना में सुंदर व भव्य तो जरूर हो गई हैं, परंतु अब भवन आयताकार या चैकर न होकर अनियमित आकार के बनने लगे है। घरों की अनियमित आकार की बनावट के कारण ही उनमें वास्तुदोष उत्पन्न होते है। जो वहां रहने वालों को शारीरिक व मानसिक रोगी बनाने में अहम भूमिका निभाते है। यह एक अटल सत्य हे की वास्तु का रोगों से अभिन्न संबंध है।


किसी भी भवन में उत्तर पूर्वी भाग का संबंध जल तत्व से होता है अतः स्वास्थ्य की दृष्टि से किसी भी मानव के शरीर में जल तत्व के असंतुलित होने से अनेक व्याधियां उत्पन्न हो जाती हैं। अतः उत्तर पूर्व को जितना खुला एवं हल्का रखेंगे उतना ही अच्छा है इस दिशा में रसोई का निर्माण अशुभ है रसोई निर्माण करने पर उदर जनित रोगों का सामना करना पड़ता है परिवार के सदस्यों में तनाव बना रहता है इस दिशा में यदि भूमिगत जल भण्डारण की व्यवस्था हो तो घर में आने वाली जलापूर्ति की पाइप भी इसी दिशा में होना शुभ है।


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भवन में ईशान कोण कटा हुआ नहीं होना चाहिए। कोण कटा होने से भवन में निवास करने वाले व्यक्ति रक्त विकार से ग्रस्त हो सकते है यौन रोगों में वृद्धि होती है प्रजनन क्षमता दुष्प्रभावित होती है। ईशान कोण में यदि उत्तर का स्थान अधिक ऊंचा है तो उस स्थान पर रहने वाली स्त्रियों के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। ईशान के पूर्व का स्थान ऊंचा होने पर पुरुष दुष्प्रभावित होते हैं परिवार का कोई सदस्य बीमार हो तो उसे ईशान कोण में मुंह करके दवा का सेवन कराने से जल्दी स्वास्थ्य लाभ मिलता है। भवन के दक्षिण-पूर्व दिशा का संबंध अग्नि तत्व से होता है जिसे अग्नि कोण माना गया है। इस दिशा में रसोई का निर्माण करने से निवास करने वाले लोगों का स्वास्थ्य ठीक रहता है अगर इस दिशा में जल भण्डारण या जल स्त्रोत की व्यवस्था की जाती है तो उदर रोग, आंत संबंधी रोग एवं पित्त विकार आदि बीमारियों की संभावना रहती है।


दक्षिण-पूर्वी दिशा में दक्षिण का स्थान अधिक बढ़ा हो तो परिवार की स्त्रियों को शारीरिक और मानसिक कष्ट होते हैं। पूर्वी दिशा में दक्षिण का स्थान अधिक बढ़ा हो तो परिवार की स्त्रियों को शारीरिक और मानसिक कष्ट होते हैं। पूर्व का स्थान बढ़ा हुआ होने से पुरुषों को शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।


दक्षिण-पश्चिम भाग का संबंध पृथ्वी तत्व से होता है अतः इसे ज्यादा खुला नहीं रखना चाहिए इस स्थान को हल्का व खुला रखने से अनेक प्रकार की शारीरिक बीमारियों एवं मानसिक व्याधियों का शिकार होना पड़ता है। निवास करने वाले सदस्यों में निराशा तनाव एवं क्रोध उत्पन्न रहता है अतः इस स्थान को सबसे भारी रखना श्रेष्ठकर है यह भाग भवन के अन्य भागों से कटा हुआ नहीं होना चाहिए वरना मधुमेय की बीमारी, ज्यादा सोचना अतिचेष्टा तथा अति जागरुकता जैसी व्याधियां उत्पन्न होती हैं।



दक्षिण-पश्चिम में दक्षिण का भाग अधिक बढ़ा हुआ अथवा नीचा हो तो उसमें निवास करने वाली स्त्रियों के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है पश्चिमी भाग अगर अधिक बढ़ा हुआ और अधिक नीचा हो तो पुरुषों के मानसिक स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। अतः दक्षिण-पश्चिम के कोण को न तो बढ़ायें और न छोटा करें। इस स्थान को भवन में सबसे ज्यादा भारी रखना शुभ है।


भवन के उत्तर-पश्चिम भाग वायव्य कोण का संबंध वायु तत्व से होता है मानव के प्राणों का वायु से सीधा संबंध है अतः इस स्थान को खुला रखना शुभ है इस स्थान में भारी सामान नहीं रखना चाहिए एवं भारी निर्माण भी नहीं करवाना चाहिए। भारी निर्माण करवाने से वायु विकार तथा मानसिक रोगों की संभावना बढ़ जाती है। इसके धरातल का उत्तर -पूर्व के अपेक्षा थोड़ा ऊंचा किंतु दक्षिण-पूर्व एवं दक्षिण-पश्चिम से कुछ नीचा होना शुभ है। भवन के इस भाग में ऊपर का स्थान अधिक बड़ा होने से परिवार की स्त्रियों को त्वचा संबंधी रोग जैसे एग्जिमा, एलर्जी आदि बीमारियों की संभावना रहती है।



यदि उत्तर की अपेक्षा यदि पश्चिम का स्थान अधिक बढ़ा हुआ हो तो पुरुषों को शारीरिक व्याधियां होने की संभावना रहती है। वास्तु शास्त्र में भवन के मध्य या केंद्र ब्रह्म स्थान को अति महत्वपूर्ण माना गया है। वास्तु में इसका वही महत्व है जो मानव शरीर में नाभि का होता है।



आकाश तत्व से संबंधित होने के कारण इस स्थान को खुला छोड़ना श्रेयस्कर होता है। इस स्थान पर किसी भी प्रकार की गंदगी होने से निवास करने वाले प्राणियों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बनी रहती हैं इस स्थान पर विशेषकर शौचालय सीढ़ियां अथवा गटर, सैप्टिक टैंक आदि का निर्माण नहीं कराना चाहिए अन्यथा श्रवण दोष पैदा होते हैं एवं विकास कार्य प्रभावित होते हैं ब्रह्म स्थान खुला रखने से अनेक परेशानियों से मुक्ति मिलती है।


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इन मुख्य वास्तु दोषी के कारन होते हैं पुरुषों एवं महिलाओं में रोग (बीमारियां)----


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आइये जानते हे (देखते है) कि वह कौन से ऐसे महत्वपूर्ण वास्तुदोष है जिसके कारण पुरूषों में विभिन्न प्रकार के रोग पैदा होते है जो कभी-कभी उनका जीवन भी लील लेते है।


1. यदि घर का नैऋत्य कोण (SW), विशेषतौर पर पश्चिम नैऋत्य (West of the South West) किसी प्रकार से नीचा हो या वहां किसी भी प्रकार का भूमिगत पानी का टैंक, कुआ, बोरवेल, सैप्टिक टैंक इत्यादि हो तो वहां रहने वाले पुरूष सदस्य अक्सर रोगों से पीडि़त रहेगें और उन्हें मृत्यु-भय बना रहेगा।

2. अगर नैऋत्य कोण पर ऊँचाई पर हो, और दक्षिण और नैऋत्य के बीच में या नैऋत्य और पश्चिम के बीच में कुएं, गड्ढे या चैम्बर खोदे जायें या मोरी बनायी जाय तो उस घर का मालिक ऐसी बीमारी से पीडि़त हो जाएगा जिसका इलाज नहीं हो।

3. पूर्व दिशा में खाली जगह न हो और पश्चिम दिशा की ओर बरामदे को ढलाऊ बनाकर घर बना हो तो वहां रहने वालो को आंखों की बीमारी, लकवा आदि बीमारियां होती है।

4. दक्षिण दिशा की ओर घर का द्वार हो और पूर्व-उत्तर की हद तक निर्माण किया गया हो तथा पश्चिम में खाली जगह हो और प्लाट में पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर ढलान हो, पश्चिम में भूमिगत पानी का स्रोत हो तो ऐसे घर का मालिक अल्पायु में ही भयंकर रोगों का शिकार होगा।

5. नैऋत्य (SW) या पश्चिम-नैऋत्य (West of the South West) में कम्पाऊण्ड वाल या घर का द्वार हो तो घर के लोग बदनामी, जेल, एक्सीडेंट या खुदकुशी के शिकार होंगे। हार्ट अटैक, आपरेशन, एक्सिडेन्ट, हत्या, लकवा अर्थात किसी भी प्रकार की असामयिक मृत्यु का शिकार होगें।

6. पूर्व, आग्नेय कोण, दक्षिण, पश्चिम, नैऋत्य कोण और वायव्य कोण, उत्तर और ईशान कोण से किसी भी प्रकार से नीचे हो तो घर के स्वामी की पत्नी का निधन हो जाएगा। उसे आर्थिक समस्याएं आएगी और अंत में उसकी जीवन यात्रा भी समाप्त हो जाएगी। वह लाईलाज बीमारी से पीडि़त होगा।

7. घर के पश्चिम नैऋत्य (West of the South West) मार्ग प्रहार हो तो घर के पुरूष उन्माद जैसे रोगों की शिकार होंगे। कहीं कहीं वे खुदकुशी भी कर सकते है।

8. जिस घर का पश्चिम नैऋत्य कोण बढ़ा हुआ हो उस घर के पुरूषों को लम्बी बीमारियों या उनकी दर्दनाक मौत की संभावना बनती है।

9. बड़े आकार के वह बंगले जिसके पश्चिम भाग में कम्पाऊण्ड वाल के अंदर झोपडि़यां, कमरे, चबूतरे इत्यादि के फर्श गृहगर्भ के स्तर से नीचे हो तो बीमारी, बदनामी और धनहानि होती है।

10. पूर्व, आग्नेय और दक्षिण नीचे हो नैऋत्य, पश्चिम और वायव्य कोण उत्तर और ईशान से ऊँचे हों तो घर के मालिक की मृत्यु होगी, पुत्रों का नाश होगा।

11. दक्षिण के साथ मिलकर अगर नैऋत्य में बढ़ाव होता तो मालिक रोगों, प्राण-भय और अकाल मृत्यु के भय से परेशान रहेगा।

12. किसी घर के आंगन से पानी नैऋत्य की ओर से बाहर बहकर जाता है तो उस घर में अनहोनी की संभावना रहती है।


इसका कारण यह है कि जब घर का ईशान कोण कट जाता है या पूर्व व उत्तर की सड़कों के कारण उस स्थल का ईशान कोण कट गया हो, तो ऐसे में नैऋत्य में रहने वाले की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है। परंतु ऐसे घरों में रहने वाले केवल पैसे को महत्व देते हुए अभिमान के कारण दूसरो की इज्जत करना, प्रेमपूर्वक व्यवहार रखना भूल जाते है। निश्चित ही हत्या करने वाले, हत्या और आत्महत्या के शिकार हुए लोग, दुर्घटनाओं में मरने वालों दीर्घव्याधिग्रस्तों के घरों की बनावट में यह दोष अवश्य होता है।


उपरोक्त वास्तुदोषों को दूर कर पुरूषों को होने वाले रोगों से बचा जा सकता है। ध्यान रहे वास्तुशास्त्र एक विज्ञान है। वास्तुदोष होने पर उनका निराकरण केवल वैज्ञानिक तरीके से ही करना चाहिए और उसका एकमात्र तरीका घर की बनावट में वास्तुनुकुल परिवर्तन कर वास्तुदोषों को दूर किया जाए।

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इन वास्तुदोषों का प्रभाव होता हैं महिलाओं के स्वास्थ्य पर ----


आजकल की महिलाओं का स्वास्थ्य चार-पांच दशक पहले की महिलाओं की तुलना में ज्यादा खराब रहने लगा है। रहन-सहन, खान-पान इत्यादि हर प्रकार की सावधानियां बरतने के बाद भी महिलाओं में रोग बढ़ते ही जा रहे है।



वास्तु का रोगों से अभिन्न संबंध है। आजकल बनने वाले घरों की बनावट में बहुत ज्यादा वास्तुदोष होते है। पिछले कुछ दशकों से आर्किटेक्ट मकानों को सुंदरता प्रदान करने के लिए अनियमित आकार के मकानों को महत्त्व देने लगे है। जिस कारण मकान बनाते समय जाने-अनजाने वास्तु सिद्धांतों की अवहेलना होती रहती है।


चाहे महिला हो या पुरूष उनकी हर प्रकार की बीमारी में वास्तुदोष की भी अपनी एक महत्त्व भूमिका अवश्य रहती है। वास्तुदोष के कारण घर में सकारात्क और नकारात्क ऊर्जा के बीच असंतुलन पैदा हो जाता है। जो महिलाओं के स्वास्थ्य के साथ-साथ उनके जीवन पर भी प्रभाव डालता है। देखते है ऐसे कौन से वास्तु दोष है जो घर में ऊर्जा के असंतुलन का कारण बनते है।

1. जिस घर का आगे का भाग टूटा हुआ, प्लास्टर उखड़ा हुआ या सामने की दीवार में दरार, टूटी फूटी या किसी प्रकार से भी खराब हो रही हो उस घर की मालकिन का स्वास्थ्य खराब रहता है उसे मानसिक अशान्ति रहती है और हमेशा अप्रसन्न उदास रहती हैं।

2. किसी घर का नैऋत्य कोण (SW), विशेषतौर पर दक्षिण नैऋत्य (South of the South West) किसी भी प्रकार से नीचा हो या वहां किसी भी प्रकार का भूमिगत पानी का टैंक, कुआ, बोरवेल, सैप्टिक टैंक इत्यादि हो तो वहां रहने वाली महिलाएं सदस्य अक्सर रोगों से पीडि़त रहेगी और उन्हें मृत्यु-भय बना रहेगा।

3. उत्तर (North) और ईशान (North east) ऊँचा हो और बाकी सभी दिशाए व कोण पूर्व (East), आग्नेय (South east), दक्षिण (South), पश्चिम (West), नैऋत्य (South west) और वायव्य (North west) नीचे हो तो घर की स्त्री को लाईलाज बीमारी होती है और असामयिक मृत्यु की संभावना प्रबल हो जाती है।

4. अगर उत्तर, ईशान और पूर्व से नैऋत्य और पश्चिम निचले हो तथा आग्नेय, दक्षिण और वायव्य ऊँचे हो तो जबरदस्त आर्थिक हानि होगी उस घर का मालिक कर्ज से परेशान होगा। उसकी पुत्री व पत्नी लम्बी बीमारियों से पीडि़त होगी।

5. उत्तर, ईशान और पूर्व से नैऋत्य, पश्चिम और वायव्य निचले, आग्नेय और दक्षिण ऊँचे होने पर उस घर के मालिक की पत्नी की या तो असामयिक मृत्यु हो जाएगी या वह लम्बी बीमारी से परेशान रहेगी। ऐसे बने घर में हमेशा बीमारी, कलह, शत्रुता बनी रहती है।

6. घर का आग्नेय नीचा हो, और आग्नेय और पूर्व के बीच में या आग्नेय और दक्षिण के बीच में कुओं, पानी का टैंक, सैप्टिक टैंक, बोरवेल या मोरियां बनायी जाएं तो घर के सदस्यों को दीर्घकालिन व्याधियां होंगी विशेषतौर पर घर के मालिक की पत्नी दीर्घ व्याधि से पीडि़त होगी।

7. ईशान कोण स्थित घर की उत्तर ईशान दिशा की लम्बाई घटे और उत्तरी हद तक निर्माण किया गया हो तो घर की मालकिन रोग से ग्रस्त होकर मृत्यु को प्राप्त हो जाएगी अथवा आर्थिक कठिनाईयों से परेशान होकर कठिन जीवन व्यतीत करेगी।

8. घर के दक्षिण नैऋत्य (South of the South West) मार्ग प्रहार हो तो स्त्रियां उन्माद जैसे रोगों की शिकार होंगी। कहीं कहीं वे खुदकुशी भी कर सकती है।

9. दक्षिण नैऋत्य मार्गप्रहार से उस घर की नारियां भयंकर रोगों से पीडि़त होंगी। इसके साथ नैऋत्य में कुआं, बोरवेल, भूमिगत पानी की टंकी अर्थात् किसी भी प्रकार से नीचा हो तो वे आत्महत्या कर सकती है या लम्बी बीमारी से उनकी मृत्यु हो सकती है।

10. जिस घर का दक्षिण नैऋत्य कोण बढ़ा हुआ हो उस घर की स्त्रियों को लम्बी बीमारियों या उनकी दर्दनाक मौत की संभावना बनती है।

11. उत्तर वायव्य में मार्ग प्रहार हो तो उस घर की स्त्रियां बीमार रहेगी। उत्तर वायव्य मार्ग प्रहार हो तो स्त्रियां न केवल बीमार होंगी, बल्कि घर वाले अनेक प्रकार के व्यसनों के शिकार होंगे।

12. पूर्व दिशा में मुखद्वार हो और उत्तर दिशा की हद तक निर्माण किया हो, दक्षिण में खाली स्थल हो तथा नैऋत्य अगे्रत हो, तो उस घर की स्त्रियां दुर्घटनाग्रस्त होंगी।

13. दक्षिण में घर का मुख्यद्वार हो और ईशान कोण तक भवन निर्माण किया गया हो दक्षिण दिशा खुली हो और वहां ढलाऊ बरामदा बनाया जाये तो ऐसे घर की मालकिन लाइलाज बीमारी से परेशान रहेगी। उस घर के बच्चे भी गलत रास्तों पर चलेंगे।

14. घर के दक्षिण दिशा में अहाते का होना या खुला होना या सभी कमरों व बरामदों में दक्षिण का भाग नीचा हो तो उस घर की स्त्रियां सदैव रोगी रहती है, ऐसे घरों में अकाल मृत्यु की संभावना रहती है। परिवार में आर्थिक कष्ट रहता है।

15. किसी घर के आंगन से पानी दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण की ओर से बाहर बह जाता तो उस घर की स्त्रियों के स्वास्थ्य के लिए शुभ नहीं होता है।


उपरोक्त वास्तुदोषों को दूर कर महिलाओं को होने वाले रोगों से बचा जा सकता है। ध्यान रहे वास्तुशास्त्र एक विज्ञान है। वास्तुदोष होने पर उनका निराकरण केवल वैज्ञानिक तरीके से ही करना चाहिए और उसका एकमात्र तरीका घर की बनावट में वास्तुनुकुल परिवर्तन कर वास्तुदोषों को दूर किया जाए।


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ध्यान दीजिये ,वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन न करने से निम्न लिखित रोग हो सकते हैं---


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पूर्व दिशा में दोष: यदि पूर्व दिशा का स्थान ऊंचा हो, तो गृह स्वामी गरीब होगा और उसकी संतान अस्वस्थ, मंदबुद्धि, पेट और यकृत की रोगी रहेगी।


- यदि पूर्व दिशा में रिक्त स्थान न हो और बरामदे की ढाल पश्चिम दिशा की ओर हो, तो जातक आंखों की बीमारी से ग्रस्त और लकवे का शिकार होगा। - घर के पूर्वी भाग में कूड़ा-कचरा, पत्थर और मिट्टी के ढेर हांे, तो संतान हानि हो सकती है। - घर के पश्चिम में नीचा, या रिक्त स्थान हो, तो गृह स्वामी यकृत, गले, गाल ब्लैडर की बीमारी से अल्प काल में मृत्यु को प्राप्त होगा। - यदि पूर्व की दीवार पश्चिम की दीवार से ऊंची हो, तो संतान की हानि होगी। - यदि पूर्व में शौचालय हो, तो घर की बहू-बेटियां अस्वस्थ रहेंगी। बचने के उपाय: - पूर्व में पानी, पानी की टंकी, टोंटी और कुआं लगाना शुभ है। - पूर्व दिशा का प्रतिनिधि ग्रह सूर्य है। यह काल पुरुष का मुख है। पूर्वी फाटक पर ‘सूर्य यंत्र’ स्थापित करें और वास्तु मंगलकारी तोरण लगाएं। - पूर्वी भाग नीचा और खाली होने से घर के लोग स्वस्थ रहेंगे। धन और वंश की वृद्धि होगी तथा यश और प्रतिष्ठा बढ़ेगी। पश्चिम दिशा में दोष: पश्चिम दिशा का प्रतिनिधि ग्रह शनि है। यह काल पुरुष का पेट, गुप्तांग एवं प्रजनन अंग है। - यदि पश्चिम भाग के चबूतरे नीचे हों, तो फेफड़े, मुख, छाती और चमड़ी के रोग होने की संभावना होगी। - यदि पश्चिमी भाग नीचा होगा, तो पुरुष संतान अस्वस्थ होगी। यदि पश्चिमी भाग का जल, या वर्षा का जल पश्चिम से हो कर, बाहर जाए तो पुरुष लंबी बीमारियों के शिकार होंगे। - यदि मुख्य द्वार पश्चिम दिशा वाला हो, तो घर के लोग बीमार रहेंगे। - यदि पश्चिम दिशा में दरारें हों, तो गृह स्वामी के गुप्तांग में बीमारी होगी। - यदि पश्चिम में अग्नि स्थान हो, तो गर्मी, पित्त और मस्से की शिकायतें हांगी। बचने के उपाय: घर में ‘वरुण यंत्र’, स्थापित करें।

शनिवार को व्रत रखें और काले दान करें। पश्चिम की चारदीवारी ऊंची रखें। भारी वृक्ष लगाएं। पश्चिम में ढाल न रखें। उत्तर दिशा में दोष: - यदि उत्तर दिशा ऊंची हो और उसमें चबूतरे बने हों, तो घर में गुर्दे का रोग, कान का रोग, रक्त संबंधी बीमारियां, थकावट, घुटने की बीमारियां बनी रहेंगी। - उत्तर दिशा का प्रतिनिधि ग्रह बुध है। यह काल पुरुष का हृदय है। कुंडली का चतुर्थ भाव इसका कारक स्थान है। - यदि उत्तर दिशा उन्नत हो, तो परिवार की स्त्रियां रुग्ण हो जाएंगी। बचने के उपाय: यदि उत्तर में बरामदे की ढाल हो, तो स्वास्थ्य लाभ होगा और आयु में वृद्धि होगी।, पूजा घर में ‘बुध यंत्र’ स्थापित करें। बुधवार का व्रत रखें।, घर के प्रवेश द्वार पर संगीतमय घंटियां लगाएं। घर की दीवारों को हरे रंग का बनाएं। घर में तोता पालना शुभ है। - दक्षिण दिशा के दोष: - दक्षिण दिशा का प्रतिनिधि ग्रह मंगल है। यह काल पुरुष का बायां सीना, बायां फेफड़ा और गुर्दा होता है। जन्मकुंडली का दशम भाव इसका कारक स्थान है। - यदि घर के दक्षिण में कुआं, दरार, कचरा, कूड़ादान, पुराना कबाड़ हों, तो गृहस्वामी को हृदय रोग, जोड़ों का दर्द, खून की कमी, पीलिया, आंखों की बीमारी और हाजमे की खराबी आदि हो सकते हैं। - दक्षिण में उत्तर से कम ऊंचा चबूतरा हो, तो जातक हृदय और आंखों के रोगों से पीड़ित होगा। - यदि दक्षिण द्वार नैर्ऋत्याभिमुख हो, तो दीर्घ व्याधियां, एवं अचानक मृत्यु देने वाला हो। - यदि दक्षिण भाग नीचा हो ओर उत्तर से अधिक खाली स्थान हो, तो घर की महिलाएं सदा अस्वस्थ रहेंगी। वे उच्च रक्तचाप, चोट, पाचन क्रिया की गड़बड़ी मासिक-धर्म में दोष, खून की कमी, अचानक मृत्यु, या दुर्घटना की शिकार होंगी। दक्षिण पिशाच का निवास है। इसलिए थोड़ी जगह खाली रख कर घर का निर्माण करवाएं। - यदि दक्षिण में कुआं, या जल हो, तो अचानक दुर्घटना से मृत्यु होगी। बचने के उपाय: यदि दक्षिण भाग ऊंचा हो, तो घर के लोग स्वस्थ एवं संपन्न होंगे। वास्तु मंगलकारी तोरण लगावें। हनुमान जी की उपासना करें। दक्षिणमुखी घर का जल उत्तर-पूर्व दिशा से हो कर बाहर निकले, तो स्वास्थ्य लाभ होगा। दक्षिण द्वार पर ‘मंगल यंत्र’ लगावें। दक्षिण में कमरे ऊंचे बनवाएं।

घर के मुख्य फाटक के अंदर-बाहर दक्षिणावर्ती सूंड वाले गणपति लगावें। रसोई के गलत स्थान पर होने से रोग: रक्तचाप, अफारा, अपच, अम्लता, मंदाग्नि, बदहज़मी, नाड़ी अवरुद्धता, लकवा और, मानसिक तनाव हांेगे। उत्तर-पूर्व में रसोई होना : यह जल का स्थान है। यदि यहां रसोई होगी, तो हृदय रोग, खांसी, अम्लता, मंदाग्नि, बदहज़मी, पेट में गड़बड़ी और आतों के रोग आदि होंगे। पूर्व में दोष होना: यदि पूर्व में रसोई हो, तो मधुमेह, मोटापा, कान के रोग और गुप्तांग में रोग उत्पन्न हो सकते हैं। उत्तर-पश्चिम में दोष होना: यदि रसोई पश्चिम में हो, तो पेट में गैस, चर्म के रोग, छाती में जलन, दिमाग के रोग आदि होंगे और स्वभाव में क्रोध रहेगा। रसोई दक्षिण-पश्चिम (नैर्ऋत्य कोण) में होना: नैर्ऋत्य कोण का संबंध पृथ्वी तत्व (मंगल) से है। दक्षिण पश्चिम का संबंध राहु से है। मंगल और राहु की युति होने से कई प्रकार के रोग उत्पन्न होंगे। रोग: कोलेस्ट्राॅल बढ़ने का रोग, नाड़ी विकार, रक्तचाप, सिर दर्द, लकवा, जोड़ों का दर्द, यकृत-गर्दन के रोग, चर्म रोग, आंखों और हृदय के रोग, पागलपन, कैंसर, टाइफायड जैसे रोग हो सकते हैं। दक्षिण-पूर्व में दोष होना: दक्षिण पूर्व में दोष होने से बहरापन, गूंगापन, तिल्ली के रोग, पीलिया, लीवर और छाती के रोग होने की संभावना रहती है।


श्रीमान जी, धन्यवाद..

Thank you very much .


धन्यवाद...

पंडित दयानन्द शास्त्री,(ज्योतिष-वास्तु सलाहकार)


मोबाइल एवं वाट्सएप - 09039390067 ....

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भगवान शिव की कथाओं का अनसुना पहलु, दो नहीं बल्कि 6 पुत्रों के पिता थे शिव

17 जनवरी 2019
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आपने भगवान विष्णु के पुत्रों के नाम पढ़े होंगे। नहीं पढ़ें तो अब पढ़ लें- आनंद, कर्दम, श्रीद और चिक्लीत। विष्णु ने ब्रह्मा के पुत्र भृगु की पुत्री लक्ष्मी से विवाह किया था। शिव ने ब्रह्मा के पुत्र दक्ष की कन्या सती से विवाह किया था, लेकिन सती तो दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर भस्म हो गई थी। उनका तो को

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माँ लक्ष्मी दे रही हैं वरदान, इन राशियों के भरेंगे भंडार, होगी अपार धन की बरसात

18 जनवरी 2019
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ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है माँ लक्ष्मी की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष किसी

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भोलेनाथ की कृपा से इन 7 राशियों के होंगे संकट दूर, होगा भाग्योदय, मिलेंगीं खुशियाँ

21 जनवरी 2019
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ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भोलेनाथ की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष आप स्नेह

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आज साल का पहला चंद्रग्रहण होने वाला है बेहद अनोखा, इन राशियों के लिए कष्टदायी, जाने किस पर होगा असर

21 जनवरी 2019
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वर्ष 2019 का पहला चंद्र ग्रहण 21 जनवरी (सोमवार) को लगने वाला है । वैज्ञानिक इसे सुपर ब्लड वूल्फ मून का नाम दे रहे हैं। इस दिन आसमान में खगोलीय घटना का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, केवल अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका और मध्य प्रशांत में दिखाई देगा।इसकी समय

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इन 7 राशियों पर होगी बजरंगबली की कृपा, होगा कष्टों का नाश, चमकेगी किस्मत, मिलेगी सफलता

22 जनवरी 2019
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ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है की हनुमान जी असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष आत्मविश

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ये 18 वास्तु टिप्स खोल देंगे तरक्की के सारे दरवाज़े, बरसेगा धन, होगी खुशियां ही खुशियां

22 जनवरी 2019
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हमारा घर (भवन/आवास/मकान) एक ऐसी जगह होती है जहां खुलकर सांस ले सकते हैं ।अगर घर में सभी जरूरी चीजों के लिए शुभ-अशुभ दिशाओं का ध्यान रखा जाए तो नकारात्मकता से मुक्ति मिल सकती है। वास्तु शास्त्र में घर के लिए कई नियम बताए गए हैं, इनका पालन करने पर घर की पवित्रता बनी रहती है। उज्जैन के वास्तु विशेषज्ञ

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इन 5 राशियों पर होगी गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा, होगा भाग्योदय, दूर होंगे सभी संकट

22 जनवरी 2019
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ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष व

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इन 5 राशियों पर होगी भगवान विष्णु की असीम कृपा, होगा भाग्योदय, दूर होंगे सभी संकट

24 जनवरी 2019
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ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भगवान विष्णु की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेषअनजान

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इन 7 राशियों पर होगी बजरंगबली की कृपा, होगा कष्टों का नाश, चमकेगी किस्मत, मिलेगी सफलता

29 जनवरी 2019
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ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है की हनुमान जी असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेषआज के दि

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शुक्र की बदलती चाल का क्या प्रभाव पड़ेगा आपकी राशि पर जानिए......

1 फरवरी 2019
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ज्योतिष में शुक्र को धन समृद्धि मान-सम्मान सौंदर्य का ग्रह माना गया है। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार, जीवन में ऐश्वर्या की प्राप्ति के लिए शुक्र ग्रह का मजबूत होना बहुत जरूरी है. शुक्र के राशि परिवर्तन से हर राशि के लोगों की आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य, प्यार, पारिवारिक जीवन, भोग विल

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सोमवती अमावस्या के दिन ये उपाय करने से दरिद्रता होगी दूर, घर में आएगी सुख सम्बृद्धि, बरसेगा अपार धन

4 फरवरी 2019
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जब सोमवार को अमावस्या होती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। ऐसी अमावस्या का शास्त्रों में काफी अधिक महत्व बताया गया है। इस दिन किये जाने वाले उपायों का शीघ्र फल प्राप्त होता हैं। यहां हम आपको सोमवती अमावस्या के दिन किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय बताने जा रहे हैं। इन्हें करने से गरीबी और दरिद्रता

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क़र्ज़ से हैं परेशान तो अपनाये ये उपाय, हो जायेंगे क़र्ज़ मुक्त, घर में होगी बरकत ही बरकत

6 फरवरी 2019
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कर्ज या ऋ़ण का होना जिंदगी को मुश्किल में डाल देता है। कर्ज मुक्त जीवन ही सबसे खुशहाल जीवन होता है।कई बार जरूरी चीजों के लिए हमें कर्ज लेने पड़ जाते हैं लेकिन ये कर्ज खत्म होने का नाम नहीं लेता है। कई बार कर्ज लेने के बाद उसे लौटाना व्यक्ति को भारी पड़ता है और उसकी पूरी जिंदगी कर्ज चुकाते-चुकाते खत्

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मंदिर जाना केवल धर्म के लिए ही नहीं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी है फायदेमंद, पढ़े क्यों……

7 फरवरी 2019
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मंदिर जाना शिव धर्म के लिए ही नहीं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी है फायदेमंद, पढ़े क्यों……आमतौर पर मंदिर में जाना धर्म से जोड़ा जाता है। लेकिन मंदिर जाने के कुछ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्वास्थ्य लाभ भी हैं। ज्योतिर्विद पण्डित दयानन्द शास्त्री बताते हैं कि यदि हम रोज मंदिर जाते हैं तो इससे कई तरह की ह

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जाने किन- किन राशियों पर रहेगी माँ लक्ष्मी की असीम कृपा, साथ ही क्या है आपका भाग्यांक

7 फरवरी 2019
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ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है माँ लक्ष्मी की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष आपको

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घर या दुकान (कार्यस्थल) पर वास्तु अनुसार यहाँ मन्दिर होने से होती हैं माँ लक्ष्य प्रसन्न, होती है धन की बरसात, बनते हैं बिगड़े काम.....

12 फरवरी 2019
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यह सच है कि ईश्‍वर सर्वव्यापी हैं और वे हमेशा सबका कल्याण ही करेंगे, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि दिशाओं के स्वामी भी देवता ही हैं। अत: आवश्यक है कि पूजा स्थल बनवाते समय भी वास्तु के कुछ नियमों का ध्यान रखा जाए।वास्तु विज्ञान के अनुसार देवी-देवताओं की कृपा घर पर बनी रहे, इसके लिए पूजाघर वास्तुदोष से

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14 फरवरी (वेलेन्टाइन डे) पर विशेष जानिए क्यों प्रेम और वासना के देवता "कामदेव" को,कोई नहीं बच पाया जिनके तीरो से........

13 फरवरी 2019
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सनातन (हिन्दू) धर्म में कामदेव, कामसूत्र, कामशास्त्र और चार पुरुषर्थों में से एक काम की बहुत चर्चा होती है। खजुराहो में कामसूत्र से संबंधित कई मूर्तियां हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या काम का अर्थ सेक्स ही होता है? नहीं, काम का अर्थ होता है कार्य, कामना और कामेच्छा से। वह सारे कार्य जिससे जीवन आनंदद

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जानिए की क्या हैं माघ पूर्णिमा और माघ पूर्णिमा का महत्व..???

19 फरवरी 2019
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हिन्दू धर्म में धार्मिक दृष्टि से माघ मास को विशेष स्थान प्राप्त है। भारतीय संवत्सर का ग्यारहवां चंद्रमास और दसवां सौरमास माघ कहलाता है।मघा नक्षत्र से युक्त होने के कारण इस महीने का नाम का माघ नाम पडा। ऐसी मान्यता है कि इस मास में शीतल जल में डुबकी लगाने वाले पापमुक्त होकर स्वर्ग लोक जाते हैं। ज्योत

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ये हैं वो 7 भाग्यशाली राशियां जिन पर बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा, होगी धन की बरसात, मिलेगी कामयाबी

21 फरवरी 2019
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ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भगवान विष्णु की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । वो 7 भा

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जानिए सिंह राशि के चन्द्रमा, शतभिषा नक्षत्र और कुम्भ राशि के सूर्य का आज आपकी राशि पर क्या प्रभाव डालेगा , पढ़े कैसे रहेंगे ग्रह गोचर/तारे सितारे......

21 फरवरी 2019
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जानिए सिंह राशि के चन्द्रमा, शतभिषा नक्षत्र और कुम्भ राशि के सूर्य का आज आपकी राशि पर क्या प्रभाव डालेगा , पढ़े कैसे रहेंगे ग्रह गोचर/तारे सितारे......मेष आज व्यस्तता भरे दिन के बावजूद आपकी सेहत पूरी तरह दुरुस्त रहेगी। विशेष लोग ऐसी किसी भी योजना में रुपये लगाने के लिए तैय

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इन 5 राशियों पर होगी गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा, होगा भाग्योदय, दूर होंगे सभी संकट

26 फरवरी 2019
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ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष व

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जाने भगवान शिव से जुड़े वो रोचक तथ्य जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे......

4 मार्च 2019
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"भगवान शिव का कोई माता-पिता नहीं हैं ! उन्हें अनादि माना गया है! मतलब, जो हमेशा से था, जिसके जन्म की कोई तिथि नही!" कथक, भरतनाट्यम करते वक्त भगवान शिव की जो मूर्ति रखी जाती है, उसे "नटराज" कहते है!" किसी भी देवी-देवता की टूटी हुई मूर्ति की पूजा नही होती! लेकिन शिवलिंग चाहे कितना भी टूट जाए फिर भी पू

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शिवपूजा में बेलपत्र का महत्व

18 जुलाई 2019
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इस सावन जानिए शिवपूजा में बेलपत्र का महत्व..!!!सावन का पवन महीना चल रहा है ऐसे में हम आपको बता रहें है शिवलिंग की पूजा में क्या क्या चढ़ाना चाहिए।भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र प्रयोग होते हैं। बेलपत्र का बहुत महत्व होता है और इनके बिना शिव की उपासना सम्पूर्ण नहीं होती।👉🏻👉🏻👉🏻👉🏻 आइये जानते है ब

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ज्योतिष - परामर्श सेवाएं, दिल्ली में

18 जुलाई 2019
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19,20 एवम 21 जुलाई 2019 (शुक्रवार से रविवार) तक मेरी परामर्श सेवाएं ...नई दिल्ली में उपलब्ध रहेंगी।आज से दिल्ली प्रवास/विश्राम..22 जुलाई 2019 शाम तक।👍👍💐💐💐कमरा नम्बर - 104.होटल पूनम इंटरनेशनल,3169/70, Sangatrashan,बाँके बिहारी मन्दिर के निकट,पहाड़गंज, नई दिल्ली-110055..फोन नम्बर -(011) 41519884👍

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कैसा होगा आपका जीवन साथी ??

18 जुलाई 2019
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यदि आपके माता पिता आपके लिए वर / वधु की तलाश कर रहे हैं और आपका मन कहीं और अटका है तो यह सवाल आपके मन में अवश्य आएगा | किन्ही दो जातकों की जन्म कुंडली देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह दोनों पति पत्नी बनेंगे या नहीं |इस सम्बन्ध में सटीक भविष्यवाणी करने के पीछे मेरे पास कुछ सिद्धांत हैं जिन्हें

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जाने और समझे कितना उचित हैं बोलते नाम (प्रचलित नाम) से विवाह हेतु गुण मिलान ??

19 जुलाई 2019
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पंचांग के अनुसार नाम से लड़का-लड़की कुंडली मिलान कितना उचित ??--ज्यादातर भारतीय हिन्दू परिवार ज्योतिषी के पास विवाह के लिए श्रेष्ठ कुंडली मिलान या जन्मपत्रिका मिलान के लिए जाते ही हैं, ताकि विवाहित होने वाला जोड़ा किसी प्रकार के दुर्भाग्य का शिकार न हो, और अपनी जिंदगी हंसी ख़ुशी से काट सके. लोग ये विश्व

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Astro World 2019 Exhibition में मेरी कुछ झलकियां

19 जुलाई 2019
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हमारी परामर्श/सलाह/एडवाइज सेवाएं आज 19,20 एवम 21 जुलाई 2019 (शुक्रवार से रविवार) तक मेरी परामर्श सेवाएं ...स्टाल नम्बर #AH,Astro World 2019 Exhibition,कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया,कनॉट प्लेस, नई दिल्ली में उपलब्ध रहेंगी।संपर्क करें--आचार्य अमित तिवारी - 09893016120...ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास

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उज्जैन स्थित 84 महादेव यात्रा का सम्पूर्ण विवरण

22 जुलाई 2019
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चौर्यासी महादेव यात्रा चाहे क्रम अनुसार हो या क्षेत्र अनुसार परन्तु यात्रा का प्रारम्भ और अंत में पुनः दर्शन कर यात्रा का ससंकल्प समापन प्रथम महादेव मंदिर श्री अगस्तेश्वर से ही किया जाता है !(१) 1 /84 : अगस्तेश्वर : हरसिद्धि माता मंदिर के पीछे स्तिथ संतोषी माता मंदिर परिसर में(२) 10/84 : कर्कोटेश्वर

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उज्जैन स्थित 84 महादेवों की विशेष अर्चना श्रावण माह में

22 जुलाई 2019
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महाकाल की नगरी उज्जैन स्थित 84 महादेवों की अर्चना श्रावण माह में विशेष रूप से की जाती है जब पुरुषोत्तम मास (अधिक मास ) आता है, तब भी दर्शन यात्रा की जाती हैं । स्कन्द पुराण के अनुसार ८४ लाख योनियों का भ्रमण करते हुए, मानव योनि में आते है, तो मानव योनि में आने के बाद में ८४ लाख योनियों के भ्रमण म

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जानिए "शिवलिंग" पूजा का प्रारंभ एवं महत्व एवं पूजन विधि

31 जुलाई 2019
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जानिए Shiv Aradhana"शिवलिंग" पूजा का महत्व भगवान शिव अत्यंत ही सहजता से अपने भक्तों की मनोकामना की पूर्ति करने के लिए तत्पर रहते है। भक्तों के कष्टों का निवारण करने में वे अद्वितीय हैं। समुद्र मंथन के समय सारे के सारे देवता अमृत के आकां

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जानिए की कैसे और किस शुभ घड़ी में करें श्रावण मास में भगवान शिव का पूजन

31 जुलाई 2019
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भगवान शिव की भक्ति का प्रमुख माह श्रावण 17 जुलाई 2019 से सम्पूर्ण विश्व मे पूरी श्रद्धा से मनाया जा रहा है। पूरे माह भर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना का दौर जारी रहेगा। सभी शिव मंदिरों में श्रावण मास के अंतर्गत विशेष तैयारियां की गई हैं। चारों ओर श्रद्धालुओं द्वारा 'बम-बम भोले और ॐ नम: शिवाय' की गूंज सुना

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जानिए आपकी राशि का दैनिक राशिफल - 01-08-2019

31 जुलाई 2019
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जानिए आपकी राशि का दैनिक राशिफल... rashifal 2019 - 01-08-2019##मेष :- आज धार्मिक कार्य की ओर मन आकर्शित होगा। ईश्वर की अराधना करने से मानसिक शान्ति मिलेगी। परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।##वृषभ :-आज वाणी का प्रभाव भी अच्छा बना रहेगा।घर के बड़े-बुजुर्गो का सुख और स

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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल... 02-08-2019

31 जुलाई 2019
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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल... 02-08-2019 rashifal 2019##मेष :-आज परिश्रम के बावजूद कम सफलता मिलने से निराशा की भावना आ सकती है।धार्मिक स्थल की यात्रा हो सकती है। पारिवारिक सुख सहयोग मिलेगा।लम्बी यात्रा करने से बचने का प्रयास करें। ##वृषभ :-आज व्यावसायिक कार्यों में सरकारी हस्ताक्षेप

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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 03-08-2019

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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 03-08-2019 को##मेष :-आज निर्णय लेने में असंमजस बना रहेगा।मन में कामकाज के प्रति नया उत्साह देखने को मिलेगा।जीवन साथी का सुख सहयोग मिलेगा।अपने स्वास्थ्य का विषेश ध्यान रखें।##वृषभ :- मित्रों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। कामकाज में लाभ होगा। शरीर में फूर्ति

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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 04-08-2019

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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 04-08-2019 rashifal2019 ##मेष :-आज कार्य क्षेत्र में हालात आपके अनुकूल नहीं होंगे जिसके कारण कुछ परेशानियाँ खड़ी हो सकती है। दिन की शुरुआत मंदिर जाने से करें मानशिक शांति मिलेगी और काम में भी मन लगेगा। ##वृषभ :- आज आपके स्वभाव में गुस्से की बढ़ोतरी होगी जिस

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जानिए आपकी राशि का दैनिक राशिफल 05-08-2019

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जानिए आपकी राशि का दैनिक राशिफल 05-08-2019 को.. rashifal 2019 ##मेष :- आज आमदनी के नए स्रोत बन सकते है। भाग्य का साथ मिलेगा।व्यापार-व्यवसाय में संतोषजनक स्थिति रहेगी।परिवार से लाभ मिल सकता है।वे आपके कार्यों में मदद करेंगे।##वृषभ :- आज के दिन खुशी और सफलता मिल सकती है। पारिवारिक सदस्यों के साथ घर

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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 06-08-2019

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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 06-08-2019 को rashifal 2019 ##मेष-आज आपका व्यक्तित्व प्रभावशाली बना रहेगा।कामकाज में कुछ नया करने की सोच सकते है। काम काज सामान्य रहेगा। धन का सुख मिलेगा।वाहन के प्रति सावधानी बरतें। ##वृषभ- परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर जो भी कार्य होगा उसमें सफलता मिल

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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल.. 08-08-2019

31 जुलाई 2019
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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल.. 08-08-2019 को rashifal 2019 ##मेष :-धार्मिक आयोजन में शामिल होने से शान्ति मिलेगी।युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते है। उलझने दूर होंगी।लंबी दूरी की यात्राओ पर जाने की योजना बना सकते है।वाणी पर संयम रखें। ##वृषभ :-आज परिवार का सुख और अच्छा मिलेगा।

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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 07-08-2019

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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 07-08-2019 को.. rashifal 2019 ##मेष :- आज कामकाज की अधिकता होने के कारण कुछ चिंतित रहेंगे। कामकाज में आशानुरूप सफलता मिलेगी। मित्र सहयोग करेंगे। परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। स्वास्थ्य में ताजगी रहेगी।##वृषभ :- आज का दिन युवाओं को रोजगार के नए अवस

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आपकी राशि का दैनिक राशिफल 09-08-2019 को कैसा रहेगा..

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आपकी राशि का दैनिक राशिफल 09-08-2019 को कैसा रहेगा..##मेष :- आज आप किसी भी काम की शुरुआत करने से पहले अपने घर के बड़ों से राय-मशवरा जरूर करें और उनसे आशीर्वाद लेकर ही काम प्रारम्भ करें।काम काज सामान्य रहेगा। आज अपने गुस्से पर काबू रखने की जरूरत है। ##वृषभ :- विद्यार्थियों के लिए आज का दिन कुछ खास अच

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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 10-08-2019

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जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 10-08-2019 को rashifal 2019 ##मेष :- आज मेहनत के बलबूते पर अपनी हर मुश्किल काम को आसन कर लेंगे।काम काज सामान्य रहेगा। विद्यार्थियों के लिए आज का दिन अच्छा है शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी । ##वृषभ :- आज काम काज में सामान्य सफलता मिलेगी। कोशिश कर

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जानिए इस वर्ष 2019 में कब करें "हरतालिका तीज व्रत" और क्यो ??

29 अगस्त 2019
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हरतालिका तीज व्रत 2 सितंबर 2019 को ही मनाया जाना शास्त्र सम्मत क्यों होगा??विद्वतजन कृपया ध्यान देंसम्पूर्ण भारतवर्ष में "हरतालिका तीज" सुहागिन महिलाओं द्वारा किए जाने वाले प्रमुख व्रतों में से एक है। यह व्रत पति की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए रखा जाता है। इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता

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विशेष -- श्राद्ध पक्ष 2019 पर---

13 सितम्बर 2019
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ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया की शतभिषा नक्षत्र में शुरू हो रहे पितृ आराधना के पर्व में श्राद्ध करने से सौ प्रकार के तापों से मुक्ति मिलेगी।इस वर्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा पर 13 सितंबर 2019 ( शुक्रवार) को शततारका (शतभिषा) नक्षत्र,धृति योग,वणिज करण एवं कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्

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जानिए पितृपक्ष में पितरों के लिए पिण्डदान और श्राद्ध कैसे करें??

13 सितम्बर 2019
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शास्त्रों में मनुष्य के लिए तीन ऋण कहे गये हैं- देव ऋण, ऋषि ऋण व पितृ ऋण। इनमें से पितृ ऋण को श्राद्ध करके उतारना आवश्यक है। क्योंकि जिन माता-पिता ने हमारी आयु, आरोग्यता तथा सुख सौभाग्य की अभिवृद्धि के लिए अनेक प्रयास किये, उनके ऋण से मुक्त न होने पर हमारा जन्म लेना निरर्थक होता है। इसे उतारने में क

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क्या पंचकों में अस्थि संचयन हो सकती है ???

13 सितम्बर 2019
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अंत‌िम संस्कार का शास्‍त्रों में बहुत वर्णन द‌िया गया है क्योंक‌ि इसी से व्यक्त‌ि को परलोक में उत्तम स्थान और अगले जन्म में उत्तम कुल पर‌िवार में जन्म और सुख प्राप्त होता है। गरुड़ पुराण में बताया गया है क‌ि ज‌िस व्यक्त‌ि का अंत‌िम संस्कार नहीं होता है उनकी आत्मा मृत्‍यु के बाद प्रेत बनकर भटकती है औ

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क्या करें मृत आत्मा की शांति के लिए--

14 सितम्बर 2019
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पितृ सदा रहते हैं आपके आस-पास। मृत्यु के पश्चात हमारा और मृत आत्मा का संबंध-विच्छेद केवल दैहिक स्तर पर होता है, आत्मिक स्तर पर नहीं। जिनकी अकाल मृत्यु होती है उनकी आत्मा अपनी निर्धारित आयु तक भटकती रहती है। हमारे पूर्वजों को, पितरों को जब मृत्यु उपरांत भी शांति नहीं मिलती और वे इसी लोक में भटकते रह

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कब और कैसे करें महालय (कनागत या श्राद्ध)वर्ष 2019 में..

14 सितम्बर 2019
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भाद्रपद (भादों मास) की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर आश्विन मास की अमावस्या तक कुल सोलह तिथियां श्राद्ध पक्ष की होती है। इस पक्ष में सूर्य कन्या राशि में होता है। इसीलिए इस पक्ष को कन्यागत अथवा कनागत भी कहा जाात है। श्राद्ध का ज्योतिषीय महत्त्व की अपेक्षा धार्मिक महत्व अधिक है क्योंकि यह हमारी धार्मिक आस

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अथ श्री बाटी पुराण कथा- - ऐसे हुआ बाटी का 'आविष्कार' बाटी का

30 सितम्बर 2019
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मालवा का प्रसिद्ध भोजन। कोई भी खास मौका इसके बगैर खास नहीं होता। कई घरों में तो छुट्टी के दिन बाटी बनना अनिवार्य है। नई बहुओं को भी पहले दिन ही परिवार के इस स्वादिष्ट नियम के बारे में बता दिया जाता है। हर घर की पसंद बाटी करीब तीन दिन तक खराब भी नहीं होती है। ऐसे में य

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नवदुर्गा और शारदीय नवरात्रि 2019, आपकी राशि अनुसार कौनसी देवी का पूजन, कोनसा भोग लगाएं ?

30 सितम्बर 2019
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मां दुर्गा का प्रत्येक स्वरूप मंगलकारी है और एक-एक स्वरूप एक-एक ग्रह से संबंधित है। इसलिए नवरात्रि में देवी के नौ स्वरूप की पूजा प्रत्येक ग्रहों की पीड़ा को शांत करती है।देवी माँ या निर्मल चेतना स्वयं को सभी रूपों में प्रत्यक्ष करती है,और सभी नाम ग्रहण करती है। माँ दुर्गा के नौ रूप और हर नाम में एक

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क्या वास्तु दोष के कारण होते हैं महिलाओं एवं पुरुषों के रोग..????

30 सितम्बर 2019
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वास्तु शास्त्र के प्रसिद्ध ग्रंथ: समरांगण सूत्रधार, मानसार, विश्वकर्मा प्रकाश, नारद संहिता, बृहतसंहिता, वास्तु रत्नावली, भारतीय वास्तु शास्त्र, मुहूत्र्त मार्तंड आदि वास्तुज्ञान के भंडार हैं। अमरकोष हलायुध कोष के अनुसार वास्तुगृह निर्माण की वह कला है, जो ईशान आदि कोण से आरंभ होती है और घर को विघ्नों

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जानिए ब्रह्म स्थान/ ब्रह्म स्थल क्या होता हैं ??

30 सितम्बर 2019
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प्रिय पाठकों/मित्रों, पृथ्वी, आकाश, जल, अग्नि एवं वायु इन पंचतत्वों तथा दसों दिशाओं के कल्याणकारी सूत्र एवं सिद्धान्त ही वास्तु शास्त्र की मूल अवधारणा है। प्रकृति के इन नियमों का पालन मनुष्य किस तरह शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु करके सुखी एवं सम्पन्न रहे, यही वास्तु श

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जानिए आपकी जन्मकुंडली से कब होगी बीमारी या, बीमारी / रोग का प्रकार , समय और निदान

30 सितम्बर 2019
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प्रिय दर्शकों/पाठकों,आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी ,अनियमित जीवनशैली, अनियमित खानपान कई रोगो और समस्याओ को जन्म दे रहे हैं।किसी भी जातक की जन्म कुण्डली से इस बात को जानने में बहुत सहायता मिलती है कि व्यक्ति को कब , क्यों और किस प्रकार के रोगो की सम्भावना है. इसी प्रकार नक्षत्रों का भी रोग विच

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समझें राम मंदिर विवाद, धर्म और भारत की कुंडली को..

24 अक्टूबर 2019
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उज्जैन (मध्यप्रदेश) निवासी आदरणीय पंडित सूर्य नारायण व्यास वह मूर्धन्य विद्वान ज्योतिषी थे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता का मुहूर्त 14 अगस्त की रात्रिकालीन अभिजीत (12 बजे ) या ये कहें की 15 अगस्त की सुबह 00 बजे का निकला था l स्वतंत्र भारत का जन्म 15 अगस्त 1947 को मध्यरात्रि दिल्ली में हुआ था और कुंडल

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जानिए भारत के मुख्य नगरों में दीपावली 2019 के लिए शुभ पूजन मुहूर्त..

24 अक्टूबर 2019
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27 अक्टूबर के दिन पूरा देश दीपावली का शुभ त्यौहार मनाएगा। हर कोई इसकी खरीदारी और तैयारी में लगा हुआ है लेकिन अगर इनमें सबसे अहम बात को जाना जाए तो पूजा सबसे अहम होती है। अगर दीपावली वाले दिन पूजा नहीं हो तो ये दिन मनाने का कोई मतलब नहीं होता है। यहां हम आपको दीपावली मनाने का तरीका और शुभ मुहूर्त के

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जानिए कैसा रहेगा आपके लिए नवम्बर 2019 का राशिफल (आपकी राशिनुसार)

24 अक्टूबर 2019
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मेष ( च, चू, चे, ला, ली, लू, ले, लो, अ ):- जीविका संबंधी महत्वपूर्ण कार्यों में आलस्य न करें. शिक्षा-प्रतियोगिता की दिशा में समुचित परिश्रम की आवश्यकता है. सुख-साधन हेतु व्यय संभव. यात्रा द्वारा कार्य सिद्धि होने का योग है. ==> शुभ रंग : सुनहरा शुभ अंक : 6# आपके लिए उपाय => गुनगुने पानी से सेंधा

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अगर श्री राम का मंदिर तोड़ा गया तो इसका जिक्र तुलसीदास ने क्यों नहीं किया...????

24 अक्टूबर 2019
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सुप्रीमकोर्ट में अब हिंदू और मुस्लिम पक्ष से सारी दलीलें 16 अक्टूबर को ही बंद कर दी गई थी। अब इस राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला दीवाली की छुट्टियों के बाद आ सकता है। पूरा देश अपने-अपने समर्थन में फैसला आने का इंतजार कर रहे हैं मगर क्या आपको ये मामला पूरी तरह से पता है? अगर पता है तो क्या आपको

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जानिए कुछ ज्योतिष ज्योतिषीय उपाय/सुझाव-

24 अक्टूबर 2019
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भारत में जितने भी बड़े-बड़े व्यापारी और सेलिब्रिटीज हैं उनके अपने पर्सनल पंडितजी होते हैं। जिनसे पूछकर ही वे अपने सारे शुभ काम करते हैं। ऐसा हर कोई करता है और धार्मिक गुरु पर उनका ये विश्वास ही उन्हें सच्ची सफलता प्रदान करता है। ज्योतिषीयों के बारे में बहुत सारी बातें होती हैं जिन्हें समझने के लिए ज

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