वर्ष 2019 का पहला चंद्र ग्रहण 21 जनवरी (सोमवार) को लगने वाला है । वैज्ञानिक इसे सुपर ब्लड वूल्फ मून का नाम दे रहे हैं। इस दिन आसमान में खगोलीय घटना का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, केवल अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका और मध्य प्रशांत में दिखाई देगा।इसकी समयावधि सुबह 09:03:54 से 12:20:39 तक बजे तक रहेगी। 21 जनवरी 2019 (सोमवार) के दिन यह अनोखा चंद्र ग्रहण लगने वाला है. सोमवार को पौष पूर्णिमा है, यानि अशुभ पौष मास खत्म हो जाएगा. सुपर ब्लड मून पर खग्रास चंद्र ग्रहण लगेगा. चंद्र ग्रहण के दौरान चांद की रौशनी 30 प्रतिशत ज्यादा तेज हो जाएगी और चांद 15 प्रतिशत बड़ा दिखेगा. इस ग्रहण की कुल अवधि साढ़े तीन घंटे की होगी. हालांकि भारत में यह ग्रहण दिखाई नहीं देगा. लेकिन फिर भी इसका असर 15 दिन तक रहेगा। राजनितिक उथल पुथल होने की संभवना है. महंगाई बढ़ सकती है। मौसम में बदलाव आ सकते हैं।इस खग्रास चन्द्र ग्रहण 21 जनवरी की सुबह तक रहेगा। यह ग्रहण भारत मे दृश्य नही होगा, इसलिए इसका कोई धार्मिक महत्त्व नहीं होगा। फिर भी ग्रह नक्षत्रीय प्रभाव हुए बिना नहीं रहेगा। ज्योतिषशाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि भारतीय समयानुसार यह चंद्रग्रहण सुबह 10.11 बजे से शुरू होगा और तकरीबन 1 घंटा यानि 11.12 बजे तक रहेगा। इसका सूतक 20 जनवरी 2019 की रात 9 बजे से ही शुरू हो जाएगा। चंद्र ग्रहण के दौरान सूरज और चांद के बीच धरती यानी पृथ्वी आ जाती है। उस स्थिति में सूर्य एक तरफ, चंद्रमा दूसरी तरफ और पृथ्वी बीच में होती है। जब चंद्रमा धरती की छाया से निकलता है तो चंद्र ग्रहण पड़ता है, जैसे-जैसे चांद पृथ्वी के करीब पहुंचता है उसका रंग और भी चमकीला और गहरा हो जाता है और तांबे के रंग जैसे भूरा लाल दिखने लगता है। इसी अवस्था को ब्लड मून भी कहा जाता है। चंद्र ग्रहण में चंद्रमा आम दिनों के मुकाबले 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत से अधिक चमकीला यानी चमकदार होता है। ऐसी अवस्था में चंद्रमा का रंग सुर्ख लाल (गहरा भूरा) हो जाता है। रात के अंधेरे में इसका दुर्लभ नजारा बेहद अद्भुत होता है। इसलिए इसे ब्लड मून भी कहा जाता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दौरान सूरज की रोशनी पृथ्वी से होकर चंद्रमा पर पड़ती है, इसी छाए से चांद का रंग भी ग्रहण के दौरान बदल जाता है। पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार चन्द्र ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान और दान करना बहुत अच्छा होता है। इसलिए गेहूं, धान, चना, मसूर दाल, गुड़, चावल,काला कम्बल, सफेद-गुलाबी वस्त्र, चूड़ा, चीनी, चांदी-स्टील की कटोरी में खीर दान से विशेष लाभ मिलेगा। इस दिन चंद्रमा अपनी कर्क राशि में होगा। शनि का पुष्य नक्षत्र होगा। इस अवसर पर विशेष चंद्र पुष्य बन रहा है । इस चंद्र पर खग्रास चन्द्र ग्रहण है. स्नान दान जाप पूजा से बहुत लाभ मिलेगा। सारे पाप धूल जाएंगे । रोग और दरिद्रता से मुक्ति मिलेगी। सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ चंद्र ग्रहण आया है। पढ़ाई, नौकरी, व्यापार, शादी, मुकदमा, शत्रु शांति संबंधी हर काम सौ प्रतिशत बनेगा। शुभ माघ मास में सैकड़ों साल बाद ग्रह नक्षत्रों का ऐसा संयोग बना है। वृषभ लग्न और धनु राशि से प्रभावित कांग्रेस के बड़े नेता ओर पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम तथा उनके बेटे कार्ति चिदंबरम, जिनकी कुंडली मीन लग्न की है उनके लिए यह ग्रहण शुभ संकेत नहीं दे रहा है। कानूनी मामलों में इनके फंसने का लाभ बीजेपी को मिलेगा। ग्रहण के समय सूर्य का मकर राशि में होना अगले दो महीनों में लोहे और स्टील की वस्तुओं में तेजी का संकेत दे रहा है। शेयर बाजार में कुछ सुधार होगा लेकिन सोने की कीमतों में तेजी-मंदी चलती रहेगी। भारत में इस ग्रहण के प्रभाव से मौसम में बड़े बदलाव, राजनीति में उठा-पटक और वस्तुओं की कीमतों में तेजी-मंदी दिखेगी। माघ मास में पड़ने वाले इस चंद्रग्रहण के कारण असमय वर्षा और बर्फबारी से समूचे यूरोप, उत्तरी अमेरिका और भारत में भयंकर ठंड पड़ेगी। ग्रहण के प्रभाव से 21 जनवरी से 5 फरवरी के बीच उत्तर और मध्य भारत में कई स्थानों पर वर्षा और ओला वृष्टि हो सकती है। ग्रहण के समय चंद्रमा कर्क राशि में होगा, जिसके फल आचार्य वराहमिहिर की बृहत् संहिता में कुछ इस प्रकार कहे गए हैं। कर्क राशि में ग्रहण पड़े तो अहीर (दूध का काम करने वाले), दक्षिण के राजवंश, मल्ल-युद्ध करने वाले पहलवान, मत्स्य (वर्तमान राजस्थान), कुरु (उत्तर प्रदेश और हरियाणा), शक और पंजाब (भारत और पाकिस्तान का पंजाब प्रांत) आदि देशों में रहने वाले लोगों को कष्ट होता है।’ कर्क राशि में पड़ रहे इस चंद्र ग्रहण के बाद दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में बड़े नेताओं जैसे कर्नाटक के मुख्यमंत्री कुमारस्वामी और आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। 21 जनवरी को चंद्रग्रहण के समय बनने वाली पूर्णिमा की कुंडली सुबह 10 बजकर 45 मिनट पर मीन लग्न की है। पंचम भाव में पड़े चंद्रमा पर गुरु, सूर्य और बुध की दृष्टि 15 दिनों में सरकारी नौकरियों के निकलने का संकेत दे रही हैं, जिससे विद्यार्थियों को विशेष लाभ होगा। चंद्रग्रहण की इस कुंडली में लग्न में पड़े मंगल और दशम भाव में पड़े शनि इनकम टैक्स, प्रवर्तन निदेशालय और पुलिस द्वारा कुछ बड़े भ्रष्ट नेताओं और व्यापारियों पर कड़ी कार्यवाही का ज्योतिषीय संकेत दे रहे हैं। मेष:- भाग्य वृद्धि, पराक्रम, वृद्धि, खर्च वृद्धि, पेशाब की समस्या, वाहन की क्षति। वृषभ :- पेट की समस्या, परिश्रम में अवरोध, पराक्रम व धन वृद्धि, भाई से कष्ट। मिथुन:-वाणी में तीव्रता, आन्तरिक शत्रु एवं रोग, सीने की तकलीफ, दाम्पत्य से कष्ट। कर्क :-कन्धे एवं कमर का दर्द, विद्या वृद्धि, मनोबल कमजोर भाग्य वृद्धि, मन अशांत। सिंह :- गृह एवं वाहन सुख वृद्धि,बुद्धि एवं धन वृद्धि, वाणी में तीव्रता, पैर में चोट या दर्द। कन्या :- सीने की तकलीफ, आंतरिक डर, अध्ययन में अवरोध, दाम्पत्य में तनाव,आय में वृद्धि होगी। तुला :- धन, पराक्रम और सीने की तकलीफ में वृद्धि, शत्रु विजय परिश्रम में अवरोध। वृश्चिक :-धन, बुद्धि एवं विद्या वृद्धि , वाणी में तीव्रता,पराक्रम में वृद्धि, भाग्य वृद्धि। धनु :- दाम्पत्य में तनाव या अवरोध, पेट व पैर की समस्या, क्रोध में वृद्धि, मानसिक पीड़ा, आंतरिक शत्रुओं में वृद्धि। मकर :- दाम्पत्य में तनाव, खर्च वृद्धि, मन अशान्त, पैर में कष्ट, कन्धे या कमर के दर्द। कुम्भ :- आय में वृद्धि, सम्मान में वृद्धि, विद्याध्ययन में अवरोध, वाणी तीव्र, रोग एवं शत्रु का समन। मीन :- क्रोध में वृद्धि, सम्मान एवं परिश्रम में अवरोध, आय में वृद्धि, मन अशांत। ज्योतिषशाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री ने बताया कि जिन जातकों की कुंडली में मांगलिक दोष है, वे इसके निवारण के लिए चंद्रग्रहण के दिन सुंदरकांड का पाठ करें तो इसके सकारात्मक परिणाम मिलेंगें। जिन जातकों की कुंडली में शनि की साढ़े साती या ढईया का प्रभाव चल रहा है, वे शनि मंत्र का जाप करें एवं हनुमान चालीसा का पाठ भी अवश्य करें। ग्रहों का अशुभ फल समाप्त करने और विशेष मंत्र सिद्धि के लिए इस दिन नवग्रह, गायत्री एवं महामृत्युंजय आदि शुभ मंत्रों का जाप करें। दुर्गा चालीसा, विष्णु सहस्त्रनाम, श्रीमदभागवत गीता, गजेंद्र मोक्ष आदि का पाठ भी कर सकते हैं। चंद्र देव की आराधना करना चाहिए। चंद्र मंत्र ‘ॐ क्षीरपुत्राय विद्महे अमृत तत्वाय धीमहि तन्नो चन्द्रः प्रचोदयात्’ का जप करें। चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करें। स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान कराएं और उनकी पूजा करें। चंद्रग्रहण के बाद जरूरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मणों को अनाज का दान करें। गर्भवती स्त्रियों को ग्रहण में घर से बाहर न निकलें। दरअसल माना जाता है कि ग्रहण के दौरान वातावरण में नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा होता है इसलिए उन्हें घर से बाहर न निकलने की सलाह दी जाती है। किसी भी प्रकार के शुभ कार्य ग्रहण के दिन न करें। अपने मन में दुर्विचारों को न पनपने दें। ग्रहण के बाद पहले से बना हुआ भोजन न करें। ताजा बनाएं और उसका इस्तेमाल करें।जानिए कब होगा प्रभावी सूतक-
क्यों होता हैं चन्द्र ग्रहण-
जानिए इस चन्द्र ग्रहण का धार्मिक(वैदिक) ओर ज्योतिषीय महत्व-
इस चन्द्र ग्रहण के कारण संभावित घटनाएं-
यह होगा आपकी राशियों पर इस चन्द्र ग्रहण का प्रभाव-
इन विशेष उपाय से होगा लाभ-
जानिए चंद्रग्रहण के समय क्या करें?
जानिए क्या न करें चन्द्र ग्रहण में-