shabd-logo

जानिए ब्रह्म स्थान/ ब्रह्म स्थल क्या होता हैं ??

30 सितम्बर 2019

10751 बार देखा गया 10751
featured image

प्रिय पाठकों/मित्रों, पृथ्वी, आकाश, जल, अग्नि एवं वायु इन पंचतत्वों तथा दसों दिशाओं के कल्याणकारी सूत्र एवं सिद्धान्त ही वास्तु शास्त्र की मूल अवधारणा है। प्रकृति के इन नियमों का पालन मनुष्य किस तरह शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु करके सुखी एवं सम्पन्न रहे, यही वास्तु शास्त्र की नींव है। किसी भी निर्मित अथवा खुले स्थल का केन्द्र बिन्दु उस स्थान का हृदय होता है एवं घर में ब्रह्म स्थान बड़ा महत्व रखता है। ये घर का बिलकुल बीच वाला स्थान होता है। इसी स्थान से ऊर्जा पूरे घर में प्रवाहित होती है। वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की वास्तु शास्त्र में इसे सूर्य का स्थान माना जाता है। किसी भी भूखण्ड के मध्य भाग को ब्रह्म स्थान या नाभी स्थल कहां जाता है।


ब्रह्म स्थान/ ब्रह्म स्थल का आपके जीवन पर असर/प्रभाव और परिणाम ????


वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की ब्रह्म स्थान को जानने के लिए किसी भूखण्ड या मकान की लंबाई को तीन भागों में बांटे। तत्पश्चात उसकी चौड़ाई को चार भागों में बांटकर सभी भागों को रेखाओं के माध्यम से इस प्रकार से मिलाएं कि वह चौकोर आकार में नजर आने लगें। इस प्रकार कुल नौ वर्ग या आयत बन जाएंगे। इनमें से सबसे मध्य वाला भाग ब्रह्म स्थान कहलाता है। ब्रह्म स्थान सदैव खुला व साफ रखना चाहिए। पुराने जमाने में ब्रह्म स्थान में चौक, आंगन होता था। वास्तु शास्त्र जैव शक्ति, गुरुत्वाकर्षण शक्ति, पृथ्वी के चुम्बकीय क्षेत्र, वायु की गति एवं ब्रह्माण्डीय तरंगों पर आधारित विज्ञान है। उपरोक्त प्राकृतिक शक्तियां, तरंगें, गति एवं क्षेत्र भला भेदभाव करना कहां जानती हैं। इनके लिए अमीर-गरीब, शिक्षित-गंवार, छोटा-बड़ा, हिंदू-मुस्लिम सभी बराबर हैं। अत: वास्तु के नियम किसी भी स्थान पर निष्पक्ष रूप से सभी पर लागू होते हैं।


वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की पृथ्वी तत्व का स्वामित्व नैऋत्य में, अग्नि का आग्नेय में, वायु का वायव्य में, जल का ईशान में और आकाश तत्व का स्वामित्व ब्रह्मस्थान में माना जाता है। इन चार विदिशाओं और पांचवे ब्रह्मस्थान में इन पांच तत्वों के गुणों के अनुरुप ही कार्य करने चाहिए। ईशान कोण में जल तत्व का स्वामित्व है इसलिए यहां अग्नि तत्व से संबंधित कोई भी कार्य करना पूरे परिवार के लिए हानिप्रद है। यहां किचन रखना, कपड़े प्रेस करने के लिए टेबल रखना, कपड़े प्रेस करने के लिए टेबल रखना, गीजर या बाॅयलर रखना हानिप्रद होता है। अग्नि तत्व और जल तत्व दो विपरीत गुणों वाले तत्व हैं इसीलिए इनका मिलन दोनों ही तत्वों को कमजोर करता है, अग्नि तत्व जल को नष्ट करता है और जल तत्व अग्नि को बुझाता है। अग्नि तत्व स्वास्थ्य का और जल तत्व सुख-शांति, समृद्धि और संपन्नता का कारक है। जल और अग्नि तत्वों के कमजोर होने से परिवार में स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख शांति संबंधित कई समस्याएं आ जाएंगी। इसी तरह अन्य तत्वों की प्रकृति और उनके प्रभाव को ध्यान रखते हुए ही घर का नक्शा बनाना चाहिए।


वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की पौराणिक दृष्टिकोण से भी देखें तो ब्रह्म स्थान, यानी ब्रह्मा का स्थल। ब्रह्मा के चार सिर हैं और उसी प्रकार किसी भी स्थान का ब्रह्म स्थल मध्य में स्थित रह कर ब्रह्मा की तरह उस स्थान के चतुर्दिक देखता है। किसी भी दिशा के दोषपूर्ण होने पर अगर उस दिशा से प्राप्य ऊर्जा अगर ब्रह्मस्थल तक नहीं पहुंचती हैं तो स्वभावत: ब्रह्मस्थल की लाभकारी दृष्टि से वह दिशा वंचित रह जाती है। ब्रह्मा जी का प्रकोप फलत: वहाँ नकारात्मक ऊर्जा व्याप्त होकर वहाँ के निवासियों के जीवन को अपने स्वाभावानुसार प्रभावित करके कष्ट एवं दु:ख का कारण न जाती है। साधारण सी बात है। किसी भी देश, राज्य, शहर का संचालन वहाँ का केन्द्र ही करता है।किसी भी घर में ब्रह्म स्थान बड़ा महत्व रखता है। ये घर का बिलकुल बीच वाला स्थान होता है. इसी स्थान से ऊर्जा पुरे घर में प्रवाहित होती है. वास्तु शास्त्र में इसे सूर्य का स्थान माना जाता है।




वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की वास्तु शास्त्र और वास्तु विज्ञान में मुख्य अंतर यह है कि शास्त्र हम पर शासन करता है, लेकिन विज्ञान हमें आवास संबंधी ज्ञान के बारे में नई जानकारियों से परिचित कराता है। जब किसी कार्य-पद्धति के विशिष्ट ज्ञान के कारण का संबंध स्थापित हो जाये और बार-बार अनुसंधान करने पर ठोस परिणाम आने लगते हैं। तब यह कार्य पद्धति स्वत ही वैज्ञानिक बन जाती है। कई ज्योतिष जो वास्तु के बढ़ते महत्व के कारण सिर्प पुस्तकीय ज्ञान के आधार पर वास्तु विषय में प्रवेश कर चुके हैं। यह महाशय समस्याग्रस्त इंसान को वास्तु दोष निवारण के नाम पर पूजा-पाठ, यंत्र-मंत्र, टोटके इत्यादि में उलझा देते हैं। जबकि समस्याओं का समाधान एवं सुख-समृद्धि प्राप्त करने के लिये वास्तु विषय को अन्य किसी भी विषय के माध्यम की जरूरत ही नहीं पड़ती। वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की साधारण भाषा में समझा जाए तो वास्तु शास्त्र के सिद्धांत आठों दिशाओं तथा पंच महाभूतों आकाश, भू, वायु, जल, अग्नि आदि के प्रवाह आदि को ध्यान में रखने बनाए गए हैं। इन सबके मेल से एक ऐसी प्रकिया खड़ी की जाती है जो मनुष्य के रहने के स्थान को सुखमय बनाने का कार्य करती है। पंच-तत्वों पर आधारित वास्तु पर मानव सिद्धि प्राप्त करता है, तो वह उसे सुख-शांति और समृद्धि प्रदान कर सकती है। यही वास्तु का रहस्य है। वास्तु विषय का महत्व बढ़ने के साथ-साथ केवल पुस्तकीय ज्ञान के आधार पर इस विषय में इतने अपरिपक्व एवं अज्ञानी लोग प्रवेश कर चुके हैं कि आम व्यक्ति के लिये सही-गलत का फैसला कर पाना मुश्किल हो जाता है। बाजार में वास्तु-शास्त्र से संबंधित मिलने वाली लगभग सभी पुस्तकों में एक ही तरह की बातें लिखी रहती हैं। इसका अर्थ यह है कि यह पुस्तकें लेखक की मौलिक रचना नहीं है और ना ही स्वयं शोध या अनुसंधान करके लिखी गयी है। बल्कि शास्त्रों में लिखी गयी बातों को अपनी भाषा में पिरो दी जाती है या फिर अन्य पुस्तकों की नकल, जिन्हें पढ़कर आम इंसान वास्तु-विषय के प्रति भ्रमित ही रहता है। जब कई मकानों का अवलोकन किया जाता है, तब हम यह देखते हैं कि प्रत्येक मकान का आकार एवं दिशाएं अलग-अलग होती हैं।


वास्तु शास्त्र और वास्तु विज्ञान में मुख्य अंतर यह है कि शास्त्र हम पर शासन करता है, लेकिन विज्ञान हमें आवास संबंधी ज्ञान के बारे में नई जानकारियों से परिचित कराता है। जब किसी कार्य-पद्धति के विशिष्ट ज्ञान के कारण का संबंध स्थापित हो जाये और बार-बार अनुसंधान करने पर ठोस परिणाम आने लगते हैं। तब यह कार्य पद्धति स्वत ही वैज्ञानिक बन जाती है।वास्तु शास्त्र में मकान आँगन रखने पर जोर दिया जाता है। वास्तु के अनुसार, मकान का प्रारूप इस प्रकार रखना चाहिए कि आँगन मध्य में अवश्य हो। अगर स्थानाभाव है, तो मकान में खुला क्षेत्र इस प्रकार उत्तर या पूर्व की ओर रखें, जिससे सूर्य का प्रकाश व ताप मकान में अधिकाधिक प्रवेश कर सके। वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की वास्तु शास्त्र में मकान आँगन रखने पर जोर दिया जाता है। वास्तु के अनुसार, मकान का प्रारूप इस प्रकार रखना चाहिए कि आँगन मध्य में अवश्य हो। अगर स्थानाभाव है, तो मकान में खुला क्षेत्र इस प्रकार उत्तर या पूर्व की ओर रखें, जिससे सूर्य का प्रकाश व ताप मकान में अधिकाधिक प्रवेश कर सके। इस तरह की व्यवस्था होने पर घर में रहने वाले प्राणी बहुत कम बीमार होते हैं। वे हमेशा सुखी रहते हैं, स्वस्थ व प्रसन्न रहते हैं। आँगन किस प्रकार होना चाहिए- यह मध्य में ऊँचा और चारों ओर से नीचा हो। अगर यह मध्य में नीचा व चारों ओर से ऊँचा है, तो यह आपके लिए नुकसान देह है। आपकी सम्पत्ति नष्ट हो सकती है। परिवार में विपदा बढ़ेगी।

=======================================================

जानिए ब्रह्म स्थान/ब्रह्म स्थल को—


पौराणिक दृष्टिकोण से भी देखें तो ब्रह्म स्थान, यानी ब्रह्मा का स्थल। ब्रह्मा के चार सिर हैं और उसी प्रकार किसी भी स्थान का ब्रह्म स्थल मध्य में स्थित रह कर ब्रह्मा की तरह उस स्थान के चतुर्दिक देखता है। किसी भी दिशा के दोषपूर्ण होने पर अगर उस दिशा से प्राप्य ऊर्जा अगर ब्रह्मस्थल तक नहीं पहुंचती हैं तो स्वभावत: ब्रह्मस्थल की लाभकारी दृष्टि से वह दिशा वंचित रह जाती है।

=====================================================

ब्रह्म स्थान का दोष होता हैं ब्रह्मा जी का प्रकोप (स्वास्थ्य, वंश व आर्थिक हानि)…


फलत: वहाँ नकारात्मक ऊर्जा व्याप्त होकर वहाँ के निवासियों के जीवन को अपने स्वाभावानुसार प्रभावित करके कष्ट एवं दु:ख का कारण न जाती है। साधारण सी बात है। किसी भी देश, राज्य, शहर का संचालन वहाँ का केन्द्र ही करता है।किसी भी घर में ब्रह्म स्थान बड़ा महत्व रखता है। ये घर का बिलकुल बीच वाला स्थान होता है. इसी स्थान से ऊर्जा पुरे घर में प्रवाहित होती है. वास्तु शास्त्र में इसे सूर्य का स्थान माना जाता है || वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की किसी भी घर/भवन/मकान में घर में ब्रह्मस्थान एक तरह से हमारे पेट की तरह होता है. खाना हम खाते तो मुँह से है लेकिन distribution का काम पेट का है इसी तरह से ऊर्जा उत्पन्न north-east यानि के ईशान से होती है लेकिन circulation ब्रह्मस्थान से ही होता है ||


ब्रह्म स्थान को खुला, साफ तथा हवादार रखना चाहिए। गृह निर्माण में 81 पद वाले वास्तु चक्र में 9 स्थान ब्रह्म स्थान के लिए नियत किए गये हैं। ब्रह्म स्थल यह केन्द्र बिन्दु अत्यन्त सूक्ष्म परन्तु सर्वाधिक महत्वपूर्ण होता है। प्रकृति के पंचतत्वों की ऊर्जा विभिन्न दिशाओं से आकर किसी भी स्थल के केन्द्र विन्दु पर ही एकत्रित होती है एवं वहीं से अपने निर्दिष्ट स्थान को प्रभावित करती है। वास्तु मे यह केन्द्र बिन्दु ब्रह्मस्थान कहलाता है। अत: प्रत्येक स्थान, जहाँ हम निवास अथवा कार्य करते हैं, वहां के ब्रह्मस्थान को स्वच्छ एवं सुरक्षित रखना परम आवश्यक होता है।


वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की ब्रह्म स्थान अर्थात घर का मध्य भाग भारी हो तथा घर के मध्य में अधिक लोहे का प्रयोग हो या ब्रह्म भाग से सीडीयां ऊपर कि और जा रही हो तो समझ ले कि मधुमेह का घर में आगमन होने जा रहा हें अर्थात दक्षिण-पश्चिम भाग यदि आपने सुधार लिया तो काफी हद तक आप असाध्य रोगों से मुक्त हो जायेगे..


ब्रह्म स्थान नीचा हो जैसे आजकल architect बना देते हैं step दे के तो समझो पेट की भयंकर बिमारी है किसी को।वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की वास्तु शास्त्र में मकान आँगन रखने पर जोर दिया जाता है। वास्तु के अनुसार, मकान का प्रारूप इस प्रकार रखना चाहिए कि आँगन मध्य में अवश्य हो। अगर स्थानाभाव है, तो मकान में खुला क्षेत्र इस प्रकार उत्तर या पूर्व की ओर रखें, जिससे सूर्य का प्रकाश व ताप मकान में अधिकाधिक प्रवेश कर सके।


यह एक सर्वमान्य सत्य है कि जो लोग वास्तु सम्मत स्थान पर निवास एवं कार्य करते हैं, उन्हें पीढ़ी दर पीढ़ी सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है। स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं आनन फानन नहीं आती हैं। परिवार में शान्ति, सन्तोष एवं सौहार्द की प्रवृत्ति रहती है तथा ईष्र्यालु लोगों की नजरों से भी बचाव होता है। जीवन में मददगार मित्र एवं अच्छे रिश्तेदार मिलते हैं तथा सुख व समृद्धि सदैव सहज हासिल होती है।

=========================================================


अपने घर में इनका रखे हमेशा ध्यान—


1. आपके घर का मध्य (ब्रह्मस्थान) हमेशा साफ और खाली रखना चाहिए ||

2. ब्रह्मस्थान में कोई खंबा, कील आदि नहीं लगाना चाहिए।

3. ब्रह्मस्थान पर कभी भी अग्नि नहीं लाएं क्योंकि यहाँ अग्नि का प्रवेश होने से परिवार के सदस्यों में झगड़े शुरू हो जाते हैं।

4. ब्रह्मस्थान वास्तु शास्त्र के साथ-साथ आध्यात्म और दर्शन से संबंध रखता है, इसलिए यहाँ आप शास्त्र पढ़ सकते हैं, भगवान का नाम जप सकते हैं।

5. ब्रह्मस्थान पर कोई भारी फर्नीचर न रखें, इसे यथासंभव खाली रखें।

6. हो सके तो ब्रह्मस्थान के स्थान पर यानी कि घर के मध्य में आंगन बनाएँ और इस आंगन में तुलसी का पौधा लगाएं।

7. इस स्थान पर झाड़ू, पोछा आदि वस्तुएं कभी न रखें।

==============================================================भवन/घर/मकान में वास्तु का ब्रह्मस्थान—


वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की प्लाॅट या मकान के बिल्कुल बीच के भाग को ब्रह्मस्थान कहते हैं। यह एक बिंदु नहीं बल्कि क्षेत्र या जोन होता है, जिसका एरिया मकान या प्लाॅट के साइज से मालूम किया जाता है। ब्रह्म स्थान पवित्र स्थान माना जाता है। यहां कूड़ा करकट झाडू-पोंछा या माॅप आदि नहीं रखने चाहिए। ब्रह्मस्थान में टाॅयलेट सर्वथा वर्जित है। यहां आग से संबंधित कामकाज भी नहीं हो सकते। इसलिए ब्रह्मस्थान में बना किचन अवश्य ही परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य पर बुरा असर डालेगा। विशेषकर परिवार का मुखिया लंबे समय तक ठीक न होने वाली अनेक बीमारियों का शिकार बन सकता है।


ब्रह्मस्थान घर की नाभि है और यही कारण है कि यहां ऊंची और भारी वस्तुएं या फर्नीचर नहीं रखे जा सकते। आयुर्वेद में भी सलाह दी जाती है कि अपने नाभिस्थान को हल्का-फुल्का रखें, आसानी से पचने वाला खाना खाएं ताकि पाचन क्रिया ठीक बनी रहे और पूरे शरीर को स्वस्थ रखें। इसी प्रकार घर के नाभिस्थल को भी हल्का-फुल्का रखना चाहिए। यहां दीवारें, खंभे या सीढ़ियां हों तो यह स्थान बहुत ही भारी होकर अनेक बीमारियों का सबसे बड़ा कारण बन जाता है। अगर घर का ब्रह्मस्थान बिल्कुल खुला है और उसके चारों तरफ कमरे बने हैं तो ऐसा घर भाग्यवान परिवार को ही मिलता है।


पुरानी हवेलियों और महलों में ब्रह्मस्थान आकाश की ओर खुला होता था। पुरानी शैली के मकानों में ब्रह्मस्थान पर खुला आंगन जरूर होता था। खुला ब्रह्मस्थान अनेक अन्य वास्तुदोषों के कुप्रभाव को कम करने में सक्षम होता है। ऐसे घरों में रहने वाले स्वस्थ, खुशहाल और शांति से भरपूर जीवन व्यतीत करते हैं। खुला ब्रह्मस्थान फ्लैट्स में तो मिल ही नहीं सकता, अपने भूखंड पर बनाए हुए घर में भी अब खुला ब्रह्मस्थान रखना आउट आॅफ फैशन हो चुका है। खुले ब्रह्मस्थान से धूल-मिट्टी तो आती है इसके अलावा एयरकंडिशनिंग लोड बढ़ जाता है और सुरक्षा की समस्या भी बन सकती है। पर फिर भी इन समस्याओं के मुकाबले खुले ब्रह्मस्थान के गुण कहीं अधिक हैं।


वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की ब्रह्मस्थान, वास्तुशास्त्र के कालपुरूष की नाभि है। जिस प्रकार नाभि से पूरे शरीर का नियंत्रण होता है, उसी प्रकार ब्रह्मस्थान से भी पूरे मकान या भूखण्ड को स्वच्छ वायु, स्वच्छ प्रकाश एवं अध्यात्मिक ऊर्जा की प्राप्ति होने के साथ-साथ पूरे मकान या भूखण्ड का नियंत्रण भी होता है। जिस प्रकार किसी भूखण्ड के ईशान, पूर्व दिशा को पवित्र रखा जाता है, उसी प्रकार भूखण्ड के ब्रह्मस्थान (Center of house) स्थान की भी पूरी सुरक्षा की जानी चाहिये।

========================================================

प्रस्तुत हैं ब्रह्मस्थान (Center of house) के लिये वास्तुशास्त्र (Vastu) की कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां-


-प्रत्येक घर में ब्रह्मस्थान (Center of house) अवश्य होना चाहिये तथा वह बिना छत के होना चाहिये, सुरक्षा की दृष्टि से लोहे का जाल डाला जा सकता है।


-भूखण्ड के ब्रह्मस्थान को चौक भी कहते हैं, इस भाग में कोई भी निर्माण कार्य नहीं करना चाहिये, हमेशा खुला रखना चाहिये।


==============================================================जानिए ब्रह्म स्थल में क्या ना करें:-


ध्यान रखें– वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की ब्रह्म स्थल पर सेप्टिक टेंक , भूमिगत पानी की टंकी, बोरिंग, खंभा, सीढ़ी, बिम, छज्जा, आदि का निर्माण ना करें । ब्रह्म स्थान में गन्दी, नई-पुरानी, छोटी या बड़ी वस्तु नहीं होनी चाहिए । भारतीय परम्परा में धर्म, अर्थ, काम तथा मोक्ष नामक चार पुरूषार्थ हैं । भूखण्ड का ब्रह्म स्थल इन्ही पुरूषार्थो की प्राप्ति के लिए होता हैं । ब्रह्म स्थल निर्दोष होना चाहिए वहां किसी भी प्रकार का निर्माण नहीं होना चाहिए ।


—ब्रह्म स्थान में toilet मतलब लाइलाज बिमारी किसी को निमंत्रण देना ।


––ब्रह्म स्थल ख़राब होने के कारण होती हैं स्वास्थ्य प्रॉब्लम्स–


वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की किसी घर में ब्रहम स्थान अथवा आंगन न होने से प्रचुर मात्रा में हवा व प्रकाश नहीं मिल पाता है, जिसके फलस्वरूप हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, और हमारे शरीर की हडिड्यां कमजोर हो जाती हैं। इस कारण आपको हड्डी रोग से संबंधित बीमारियां घेर लेती है। खासकर वह महिलायें जो घरेलू कार्यो में ही अपना पूरा समय व्यतीत करती है, उन्हे इस प्रकार के disease होने की ज्यादा आशंका रहती है चूंकि उन्हे भरपूर मात्रा में सूर्य का प्रकाश नहीं मिल पाता है। इसलिए भवन में आंगन होना अतिआवश्यक है|


— वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की किसी भी घर में ब्रह्म स्थान पर सीढियां बनी होना एक गंभीर वास्तु दोष है जिससे आर्थिक एवं स्वास्थ्य हानि होती है। परिवार बढ़ता नहीं है। ब्रह्मस्थान में ही सीढ़ियों के नीचे भूमिगत जल स्रोत था जिससे घर में गंभीर स्वास्थ्य परेशानियां होती हैं, विशेषतः पेट संबंधी (आप्रेशन तक हो सकते हैं), घर में अनचाहे खर्चे होते रहते हैं अथवा दिवालियापन तक भी हो सकता है। किसी भी भवन के ब्रह्म स्थल में बना सेप्टिक टेंक या केन्द्र में बनी सीढ़ियों के नीचे शौचालय बनाना पारिवारिक उन्नति में बाधक होता है एवं घर की महिलाएं विशेषतः बहन, बुआ तथा बेटी के जीवन में समस्याएं उत्पन्न होने का कारण हो सकता है।


घर के अंदर ब्रह्म स्थान को खाली रखना चाहिए इस स्थान पर भरी सामग्री रखने से या किसी बीम या पिल्लर का निर्माण करने से आपको बड़े वास्तु दोष का सामना करना पड़ सकता है.ऐसा माना जाता है के ब्रह्मस्थान में दोष होने पर घर वंश वृद्धि रूक सकती है.

===========================================================

जानिए महाभारत में वास्तु दोष –


महाभारत में भी कथा प्रचलित है जब इंद्रप्रस्थ का निर्माण हो रहा था तब भगवान श्री कृष्णा को पता था के ये आज नही तो कल कौरवों के पास ही जाएगा इसी कारण उन्होंने एक कुँए का निर्माण बिलकुल बीचों बीच करवाया था जिसके फलस्वरूप पहले पांडवों को वनवास झेलना पड़ा उसके बाद कौरवों के वंश का सर्वनाश हो गया.

======================================================

आपके स्वास्थ्य पर ब्रह्म स्थल का प्रभाव--


वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की घर में ब्रहम स्थान अथवा आंगन न होने से प्रचुर मात्रा में हवा व प्रकाश नहीं मिल पाता है, जिसके फलस्वरूप हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है, और हमारे शरीर की हडिड्यां कमजोर हो जाती हैं। इस कारण आपको हड्डी रोग से संबंधित बीमारियां घेर लेती है। खासकर वह महिलायें जो घरेलू कार्यो में ही अपना पूरा समय व्यतीत करती है, उन्हे इस प्रकार के disease होने की ज्यादा आशंका रहती है चूंकि उन्हे भरपूर मात्रा में सूर्य का प्रकाश नहीं मिल पाता है। इसलिए भवन में आंगन होना अतिआवश्यक है.


घर के अंदर ब्रह्म स्थान को खाली रखना चाहिए इस स्थान पर heavy things रखने से या किसी बीम या पिल्लर का निर्माण करने से आपको बड़े vastu dosh का सामना करना पड़ सकता है.ऐसा माना जाता है के ब्रह्मस्थान में dosh होने पर घर वंश वृद्धि रूक सकती है.

======================================================

–-जानिए किसी भी फ्लेट/अपार्ट मेंट में बेसमेंट का प्रभाव–


आजकल flats & apartments के जमाने में घर का brahmsthan खुला होना मुश्किल है. ऐसे में कोशिश करें की कम से कम यहाँ पर कोई construction जैसे बीम या कोई pillar न हो..


-वास्तु शास्त्र में कहा गया है कि सम्पूर्ण भूखण्ड के तीन भागों में से एक भाग ब्रह्मस्थान (Center of house) होना चाहिये तथा यह भाग या अन्य शब्दों में घर का मध्य भाग ऊंचा होना चाहिये। दूसरे शब्दों में इसे गजपुष्ट (हाथी की पीठ की तरह) होना चाहिये। यदि हम ब्रह्मस्थान पर जल डाले तो वह चारों ओर फैल जाये, कहने का तात्पर्य है कि ब्रह्मस्थान के मध्य में गडडा नहीें होना चाहिये, खडडे युक्त ब्रह्मस्थान, नीचे ब्रह्मस्थान या बैठे हुये ब्रह्मस्थान से ग्रहस्वामी के धन का नाश होता है।

-----भूखण्ड के मध्य में तलघर कभी न बनायें।

------भूखण्ड के मध्य में हैंडपम्प, कुआं, सैप्टिक टैंक, जल भण्डारण कभी न बनायें, यदि ऐसा किया तो भवन व भवन के स्वामी का विनाश हो सकता है।

------घर के मध्य भाग ब्रह्मस्थान में जल निकासी के लिये गृह से बाहर तक नालियां अवश्य बनवानी चाहिये।

==============================================================

जानिए की ब्रह्म स्थल के दोष कैसे करे दूर:-


ब्रह्म स्थल पर सत्संग हरि कीर्तन, हरि भजन, आदि से दूर हो जाता हैं। ब्रह्म स्थल की निष्काम भाव से पूजा करें, ईश्वर की उपासना करें कुछ मांगे नहीं । ब्रह्म स्थल के नौ चैखानों के ऊपर एक-एक पिरामिड लगाने से यह दोष कम हो जाता हैं । भागवत गीता का नियमित पाठ, गुरूनानक की वाणियों के पाठ अथवा कुरान की आयतों के नियमित पाठ से यह दोष कम होता हैं। इस स्थान पर नियमित रूप से रामायण पाठ, पढ़ने से इस समस्या का निदान होता हैं। ब्रह्म स्थान ठिक कर लेने से ईशान कोण का दोष स्वतः ठिक हो जाता हैं।


वास्तुविद पंडित दयानन्द शास्त्री ने बताया की सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य की प्राप्ति हेतु आपके सपनों का महल इस प्रकार बनाएं कि ब्रह्म स्थल का दोष न रहें । ब्रह्म स्थान वास्तु शास्त्र के साथ-साथ आध्यात्म और दर्शन से संबंध रखता है।


ब्रह्म स्थान में यदि घडी लगा दे तो ऎसे में शुभ प्रभाव मिलने लगते है।

====================================================

जानिए वास्तु के अनुसार आँगन की लंबाई और चौड़ाई का परिणाम/फल/परिणाम-- वास्तु के अनुसार आँगन की लंबाई और चौड़ाई के योग को 8 से गुणा करके 9 से भाग देने पर शेष का नाम व फल इस प्रकार जानें:-


शेष का नाम फल

,, 1 ,, तस्कर ,, चोट भय

,, 2 ,, भोगी ,, ऐश्वर्य

,, 3 ,, विलक्षण ,, बौद्धिक विकास,, 4 ,, दाता ,, धर्म-कर्म में वृद्धि

,, 5 ,, नृपति ,, राज-सम्मान

,, 6 ,, नपुंसक ,, स्त्री-पुत्रादि की हानि

,, 7 ,, धनद ,, धन का आगमन

,, 8 ,, दरिद्र ,, धन नाश

,, 9 ,, भयदाता ,, चोरी, शत्रुभय।

--------------------------------------------------------------------------

।।इति शुभम्।।

वास्तुविद एवं ज्योतिषाचार्य पंडित दयानन्द शास्त्री।।

📲📲📲📲📲📲📲

MOB.-7000395414 & 09669290067 &

WHATS App-09039390067,

E-mail ---vastushastri08@gmail.com,

vastushastri08@hotmail.com,


नोट: आपकी कुंडली व राशि के ग्रहों के आधार पर आपके जीवन में घटित हो रही घटनाओं में कुछ भिन्नता हो सकती है। पूरी जानकारी के लिए किसी पंडित या ज्योतिषी से मिल सकते हैं।

पं दयानन्द शास्त्री की अन्य किताबें

1

जानिए कौनसे ज्योतिषीय योग बनाते हैं आपको धनवान...

10 जनवरी 2019
0
0
0

प्रिय मित्रों/पाठकों, यदि आप थोड़ा-बहुत ज्योतिष भी जानते हैं तो खुद देख लीजिए आपकी जन्म कुंडली में धनवान होने के योग, कितना पैसा है आपकी किस्मत में...जानिए ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी से जन्म कुण्डली के कुछ प्रमुख धनवान बनाने वाले योग को --- यदि लग्न से त

2

भगवान विष्णु की कृपा से इन 5 राशियों को मिलेंगी ढेरों खुशियां, पूरी होगी हर मनचाही मुराद

10 जनवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भगवान विष्णु की असीम कृपा और साथ ही कैसा

3

जानिए कैसा है मुम्बई के सुप्रसिद्ध और सबसे लोकप्रिय "सिद्धिविनायक मंदिर" का वास्तु शिल्प पर सौन्दर्य !!!!!!!!

10 जनवरी 2019
0
0
0

प्रिय मित्रों/पाठकों, विघ्नविनाशक सिद्घिविनायक भगवान गणेश जी का सबसे लोकप्रिय रूप है। गणेश जी जिन प्रतिमाओं की सूड़ दाईं तरह मुड़ी होती है, वे सिद्घपीठ से जुड़ी होती हैं और उनके मंदिर सिद्घिविनायक मंदिर कहलाते हैं। कहते हैं कि सिद्धि विनायक की महिमा अपरंपार है, वे भक

4

इन राशियों पर बरसेगी महालक्ष्मी की कृपा, बदलेगी किस्मत, खुलेगा खुशियों का पिटारा…

10 जनवरी 2019
1
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है माँ लक्ष्मी की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष (चू,

5

आखिर क्यों लगाएं दौड़ते हुए घोड़ो की फोटो?? क्या है वास्तु अनुसार इसका लाभ(फायदा)..

11 जनवरी 2019
0
0
0

प्रिय मित्रों/पाठकों, आज के प्रतिस्पर्धा के इस दौर में हर कोई सफलता पाना चाहता है, लेकिन मेहनत के बाद भी सफल नहीं हो पाता है। इसका ये अर्थ नहीं होता है कि उस व्यक्ति की मेहनत में किसी तरह की कमी है।जीवन में सफलता हासिल करने के लिए सबसे जरूरी होता है इंसान को ऊर्जावान होना. स्वस्थ होना।अगर आप ऊर्जा स

6

ये हैं वो 7 भाग्यशाली राशियां जिन पर बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा, होगी धन की बरसात, मिलेगी कामयाबी

17 जनवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भगवान विष्णु की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । वो 7 भा

7

भगवान शिव की कथाओं का अनसुना पहलु, दो नहीं बल्कि 6 पुत्रों के पिता थे शिव

17 जनवरी 2019
1
0
0

आपने भगवान विष्णु के पुत्रों के नाम पढ़े होंगे। नहीं पढ़ें तो अब पढ़ लें- आनंद, कर्दम, श्रीद और चिक्लीत। विष्णु ने ब्रह्मा के पुत्र भृगु की पुत्री लक्ष्मी से विवाह किया था। शिव ने ब्रह्मा के पुत्र दक्ष की कन्या सती से विवाह किया था, लेकिन सती तो दक्ष के यज्ञ की आग में कूदकर भस्म हो गई थी। उनका तो को

8

माँ लक्ष्मी दे रही हैं वरदान, इन राशियों के भरेंगे भंडार, होगी अपार धन की बरसात

18 जनवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है माँ लक्ष्मी की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष किसी

9

भोलेनाथ की कृपा से इन 7 राशियों के होंगे संकट दूर, होगा भाग्योदय, मिलेंगीं खुशियाँ

21 जनवरी 2019
1
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भोलेनाथ की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष आप स्नेह

10

आज साल का पहला चंद्रग्रहण होने वाला है बेहद अनोखा, इन राशियों के लिए कष्टदायी, जाने किस पर होगा असर

21 जनवरी 2019
0
0
0

वर्ष 2019 का पहला चंद्र ग्रहण 21 जनवरी (सोमवार) को लगने वाला है । वैज्ञानिक इसे सुपर ब्लड वूल्फ मून का नाम दे रहे हैं। इस दिन आसमान में खगोलीय घटना का अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, केवल अफ्रीका, यूरोप, उत्तरी-दक्षिणी अमेरिका और मध्य प्रशांत में दिखाई देगा।इसकी समय

11

इन 7 राशियों पर होगी बजरंगबली की कृपा, होगा कष्टों का नाश, चमकेगी किस्मत, मिलेगी सफलता

22 जनवरी 2019
1
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है की हनुमान जी असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष आत्मविश

12

ये 18 वास्तु टिप्स खोल देंगे तरक्की के सारे दरवाज़े, बरसेगा धन, होगी खुशियां ही खुशियां

22 जनवरी 2019
1
0
0

हमारा घर (भवन/आवास/मकान) एक ऐसी जगह होती है जहां खुलकर सांस ले सकते हैं ।अगर घर में सभी जरूरी चीजों के लिए शुभ-अशुभ दिशाओं का ध्यान रखा जाए तो नकारात्मकता से मुक्ति मिल सकती है। वास्तु शास्त्र में घर के लिए कई नियम बताए गए हैं, इनका पालन करने पर घर की पवित्रता बनी रहती है। उज्जैन के वास्तु विशेषज्ञ

13

इन 5 राशियों पर होगी गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा, होगा भाग्योदय, दूर होंगे सभी संकट

22 जनवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष व

14

इन 5 राशियों पर होगी भगवान विष्णु की असीम कृपा, होगा भाग्योदय, दूर होंगे सभी संकट

24 जनवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भगवान विष्णु की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेषअनजान

15

इन 7 राशियों पर होगी बजरंगबली की कृपा, होगा कष्टों का नाश, चमकेगी किस्मत, मिलेगी सफलता

29 जनवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है की हनुमान जी असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेषआज के दि

16

शुक्र की बदलती चाल का क्या प्रभाव पड़ेगा आपकी राशि पर जानिए......

1 फरवरी 2019
0
1
0

ज्योतिष में शुक्र को धन समृद्धि मान-सम्मान सौंदर्य का ग्रह माना गया है। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री के अनुसार, जीवन में ऐश्वर्या की प्राप्ति के लिए शुक्र ग्रह का मजबूत होना बहुत जरूरी है. शुक्र के राशि परिवर्तन से हर राशि के लोगों की आर्थिक स्थिति, स्वास्थ्य, प्यार, पारिवारिक जीवन, भोग विल

17

सोमवती अमावस्या के दिन ये उपाय करने से दरिद्रता होगी दूर, घर में आएगी सुख सम्बृद्धि, बरसेगा अपार धन

4 फरवरी 2019
0
2
0

जब सोमवार को अमावस्या होती है तो उसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। ऐसी अमावस्या का शास्त्रों में काफी अधिक महत्व बताया गया है। इस दिन किये जाने वाले उपायों का शीघ्र फल प्राप्त होता हैं। यहां हम आपको सोमवती अमावस्या के दिन किए जाने वाले कुछ विशेष उपाय बताने जा रहे हैं। इन्हें करने से गरीबी और दरिद्रता

18

क़र्ज़ से हैं परेशान तो अपनाये ये उपाय, हो जायेंगे क़र्ज़ मुक्त, घर में होगी बरकत ही बरकत

6 फरवरी 2019
0
0
0

कर्ज या ऋ़ण का होना जिंदगी को मुश्किल में डाल देता है। कर्ज मुक्त जीवन ही सबसे खुशहाल जीवन होता है।कई बार जरूरी चीजों के लिए हमें कर्ज लेने पड़ जाते हैं लेकिन ये कर्ज खत्म होने का नाम नहीं लेता है। कई बार कर्ज लेने के बाद उसे लौटाना व्यक्ति को भारी पड़ता है और उसकी पूरी जिंदगी कर्ज चुकाते-चुकाते खत्

19

मंदिर जाना केवल धर्म के लिए ही नहीं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी है फायदेमंद, पढ़े क्यों……

7 फरवरी 2019
0
1
0

मंदिर जाना शिव धर्म के लिए ही नहीं बल्कि आपके स्वास्थ्य के लिए भी है फायदेमंद, पढ़े क्यों……आमतौर पर मंदिर में जाना धर्म से जोड़ा जाता है। लेकिन मंदिर जाने के कुछ वैज्ञानिक दृष्टिकोण से स्वास्थ्य लाभ भी हैं। ज्योतिर्विद पण्डित दयानन्द शास्त्री बताते हैं कि यदि हम रोज मंदिर जाते हैं तो इससे कई तरह की ह

20

जाने किन- किन राशियों पर रहेगी माँ लक्ष्मी की असीम कृपा, साथ ही क्या है आपका भाग्यांक

7 फरवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है माँ लक्ष्मी की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष आपको

21

घर या दुकान (कार्यस्थल) पर वास्तु अनुसार यहाँ मन्दिर होने से होती हैं माँ लक्ष्य प्रसन्न, होती है धन की बरसात, बनते हैं बिगड़े काम.....

12 फरवरी 2019
0
0
0

यह सच है कि ईश्‍वर सर्वव्यापी हैं और वे हमेशा सबका कल्याण ही करेंगे, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि दिशाओं के स्वामी भी देवता ही हैं। अत: आवश्यक है कि पूजा स्थल बनवाते समय भी वास्तु के कुछ नियमों का ध्यान रखा जाए।वास्तु विज्ञान के अनुसार देवी-देवताओं की कृपा घर पर बनी रहे, इसके लिए पूजाघर वास्तुदोष से

22

14 फरवरी (वेलेन्टाइन डे) पर विशेष जानिए क्यों प्रेम और वासना के देवता "कामदेव" को,कोई नहीं बच पाया जिनके तीरो से........

13 फरवरी 2019
0
0
0

सनातन (हिन्दू) धर्म में कामदेव, कामसूत्र, कामशास्त्र और चार पुरुषर्थों में से एक काम की बहुत चर्चा होती है। खजुराहो में कामसूत्र से संबंधित कई मूर्तियां हैं। अब सवाल यह उठता है कि क्या काम का अर्थ सेक्स ही होता है? नहीं, काम का अर्थ होता है कार्य, कामना और कामेच्छा से। वह सारे कार्य जिससे जीवन आनंदद

23

जानिए की क्या हैं माघ पूर्णिमा और माघ पूर्णिमा का महत्व..???

19 फरवरी 2019
0
0
0

हिन्दू धर्म में धार्मिक दृष्टि से माघ मास को विशेष स्थान प्राप्त है। भारतीय संवत्सर का ग्यारहवां चंद्रमास और दसवां सौरमास माघ कहलाता है।मघा नक्षत्र से युक्त होने के कारण इस महीने का नाम का माघ नाम पडा। ऐसी मान्यता है कि इस मास में शीतल जल में डुबकी लगाने वाले पापमुक्त होकर स्वर्ग लोक जाते हैं। ज्योत

24

ये हैं वो 7 भाग्यशाली राशियां जिन पर बरसेगी भगवान विष्णु की कृपा, होगी धन की बरसात, मिलेगी कामयाबी

21 फरवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है भगवान विष्णु की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । वो 7 भा

25

जानिए सिंह राशि के चन्द्रमा, शतभिषा नक्षत्र और कुम्भ राशि के सूर्य का आज आपकी राशि पर क्या प्रभाव डालेगा , पढ़े कैसे रहेंगे ग्रह गोचर/तारे सितारे......

21 फरवरी 2019
0
0
0

जानिए सिंह राशि के चन्द्रमा, शतभिषा नक्षत्र और कुम्भ राशि के सूर्य का आज आपकी राशि पर क्या प्रभाव डालेगा , पढ़े कैसे रहेंगे ग्रह गोचर/तारे सितारे......मेष आज व्यस्तता भरे दिन के बावजूद आपकी सेहत पूरी तरह दुरुस्त रहेगी। विशेष लोग ऐसी किसी भी योजना में रुपये लगाने के लिए तैय

26

इन 5 राशियों पर होगी गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा, होगा भाग्योदय, दूर होंगे सभी संकट

26 फरवरी 2019
0
0
0

ग्रहों की स्थिति कब बदल जाये कुछ कहा नहीं जा सकता, ज्योतिष की मानें तो रोज़ाना किसी न किसी ग्रह में परिवर्तन ज़रूर होता है जिसकी वजह से 12 रशियन प्रभावित होती हैं। तो आइये जानते हैं पं दयानन्द शास्त्री से कि किन-किन राशियों पर है गौरी पुत्र गणेश की असीम कृपा और साथ ही कैसा रहेगा आपका आज का दिन । मेष व

27

जाने भगवान शिव से जुड़े वो रोचक तथ्य जिनके बारे में आप नहीं जानते होंगे......

4 मार्च 2019
1
0
0

"भगवान शिव का कोई माता-पिता नहीं हैं ! उन्हें अनादि माना गया है! मतलब, जो हमेशा से था, जिसके जन्म की कोई तिथि नही!" कथक, भरतनाट्यम करते वक्त भगवान शिव की जो मूर्ति रखी जाती है, उसे "नटराज" कहते है!" किसी भी देवी-देवता की टूटी हुई मूर्ति की पूजा नही होती! लेकिन शिवलिंग चाहे कितना भी टूट जाए फिर भी पू

28

शिवपूजा में बेलपत्र का महत्व

18 जुलाई 2019
0
1
1

इस सावन जानिए शिवपूजा में बेलपत्र का महत्व..!!!सावन का पवन महीना चल रहा है ऐसे में हम आपको बता रहें है शिवलिंग की पूजा में क्या क्या चढ़ाना चाहिए।भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र प्रयोग होते हैं। बेलपत्र का बहुत महत्व होता है और इनके बिना शिव की उपासना सम्पूर्ण नहीं होती।👉🏻👉🏻👉🏻👉🏻 आइये जानते है ब

29

ज्योतिष - परामर्श सेवाएं, दिल्ली में

18 जुलाई 2019
0
0
0

19,20 एवम 21 जुलाई 2019 (शुक्रवार से रविवार) तक मेरी परामर्श सेवाएं ...नई दिल्ली में उपलब्ध रहेंगी।आज से दिल्ली प्रवास/विश्राम..22 जुलाई 2019 शाम तक।👍👍💐💐💐कमरा नम्बर - 104.होटल पूनम इंटरनेशनल,3169/70, Sangatrashan,बाँके बिहारी मन्दिर के निकट,पहाड़गंज, नई दिल्ली-110055..फोन नम्बर -(011) 41519884👍

30

कैसा होगा आपका जीवन साथी ??

18 जुलाई 2019
0
0
0

यदि आपके माता पिता आपके लिए वर / वधु की तलाश कर रहे हैं और आपका मन कहीं और अटका है तो यह सवाल आपके मन में अवश्य आएगा | किन्ही दो जातकों की जन्म कुंडली देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह दोनों पति पत्नी बनेंगे या नहीं |इस सम्बन्ध में सटीक भविष्यवाणी करने के पीछे मेरे पास कुछ सिद्धांत हैं जिन्हें

31

जाने और समझे कितना उचित हैं बोलते नाम (प्रचलित नाम) से विवाह हेतु गुण मिलान ??

19 जुलाई 2019
0
0
0

पंचांग के अनुसार नाम से लड़का-लड़की कुंडली मिलान कितना उचित ??--ज्यादातर भारतीय हिन्दू परिवार ज्योतिषी के पास विवाह के लिए श्रेष्ठ कुंडली मिलान या जन्मपत्रिका मिलान के लिए जाते ही हैं, ताकि विवाहित होने वाला जोड़ा किसी प्रकार के दुर्भाग्य का शिकार न हो, और अपनी जिंदगी हंसी ख़ुशी से काट सके. लोग ये विश्व

32

Astro World 2019 Exhibition में मेरी कुछ झलकियां

19 जुलाई 2019
0
0
0

हमारी परामर्श/सलाह/एडवाइज सेवाएं आज 19,20 एवम 21 जुलाई 2019 (शुक्रवार से रविवार) तक मेरी परामर्श सेवाएं ...स्टाल नम्बर #AH,Astro World 2019 Exhibition,कांस्टीट्यूशन क्लब ऑफ इंडिया,कनॉट प्लेस, नई दिल्ली में उपलब्ध रहेंगी।संपर्क करें--आचार्य अमित तिवारी - 09893016120...ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास

33

उज्जैन स्थित 84 महादेव यात्रा का सम्पूर्ण विवरण

22 जुलाई 2019
21
0
0

चौर्यासी महादेव यात्रा चाहे क्रम अनुसार हो या क्षेत्र अनुसार परन्तु यात्रा का प्रारम्भ और अंत में पुनः दर्शन कर यात्रा का ससंकल्प समापन प्रथम महादेव मंदिर श्री अगस्तेश्वर से ही किया जाता है !(१) 1 /84 : अगस्तेश्वर : हरसिद्धि माता मंदिर के पीछे स्तिथ संतोषी माता मंदिर परिसर में(२) 10/84 : कर्कोटेश्वर

34

उज्जैन स्थित 84 महादेवों की विशेष अर्चना श्रावण माह में

22 जुलाई 2019
0
0
0

महाकाल की नगरी उज्जैन स्थित 84 महादेवों की अर्चना श्रावण माह में विशेष रूप से की जाती है जब पुरुषोत्तम मास (अधिक मास ) आता है, तब भी दर्शन यात्रा की जाती हैं । स्कन्द पुराण के अनुसार ८४ लाख योनियों का भ्रमण करते हुए, मानव योनि में आते है, तो मानव योनि में आने के बाद में ८४ लाख योनियों के भ्रमण म

35

जानिए "शिवलिंग" पूजा का प्रारंभ एवं महत्व एवं पूजन विधि

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए Shiv Aradhana"शिवलिंग" पूजा का महत्व भगवान शिव अत्यंत ही सहजता से अपने भक्तों की मनोकामना की पूर्ति करने के लिए तत्पर रहते है। भक्तों के कष्टों का निवारण करने में वे अद्वितीय हैं। समुद्र मंथन के समय सारे के सारे देवता अमृत के आकां

36

जानिए की कैसे और किस शुभ घड़ी में करें श्रावण मास में भगवान शिव का पूजन

31 जुलाई 2019
0
2
3

भगवान शिव की भक्ति का प्रमुख माह श्रावण 17 जुलाई 2019 से सम्पूर्ण विश्व मे पूरी श्रद्धा से मनाया जा रहा है। पूरे माह भर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना का दौर जारी रहेगा। सभी शिव मंदिरों में श्रावण मास के अंतर्गत विशेष तैयारियां की गई हैं। चारों ओर श्रद्धालुओं द्वारा 'बम-बम भोले और ॐ नम: शिवाय' की गूंज सुना

37

जानिए आपकी राशि का दैनिक राशिफल - 01-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए आपकी राशि का दैनिक राशिफल... rashifal 2019 - 01-08-2019##मेष :- आज धार्मिक कार्य की ओर मन आकर्शित होगा। ईश्वर की अराधना करने से मानसिक शान्ति मिलेगी। परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहें।##वृषभ :-आज वाणी का प्रभाव भी अच्छा बना रहेगा।घर के बड़े-बुजुर्गो का सुख और स

38

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल... 02-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल... 02-08-2019 rashifal 2019##मेष :-आज परिश्रम के बावजूद कम सफलता मिलने से निराशा की भावना आ सकती है।धार्मिक स्थल की यात्रा हो सकती है। पारिवारिक सुख सहयोग मिलेगा।लम्बी यात्रा करने से बचने का प्रयास करें। ##वृषभ :-आज व्यावसायिक कार्यों में सरकारी हस्ताक्षेप

39

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 03-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 03-08-2019 को##मेष :-आज निर्णय लेने में असंमजस बना रहेगा।मन में कामकाज के प्रति नया उत्साह देखने को मिलेगा।जीवन साथी का सुख सहयोग मिलेगा।अपने स्वास्थ्य का विषेश ध्यान रखें।##वृषभ :- मित्रों के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। कामकाज में लाभ होगा। शरीर में फूर्ति

40

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 04-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 04-08-2019 rashifal2019 ##मेष :-आज कार्य क्षेत्र में हालात आपके अनुकूल नहीं होंगे जिसके कारण कुछ परेशानियाँ खड़ी हो सकती है। दिन की शुरुआत मंदिर जाने से करें मानशिक शांति मिलेगी और काम में भी मन लगेगा। ##वृषभ :- आज आपके स्वभाव में गुस्से की बढ़ोतरी होगी जिस

41

जानिए आपकी राशि का दैनिक राशिफल 05-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए आपकी राशि का दैनिक राशिफल 05-08-2019 को.. rashifal 2019 ##मेष :- आज आमदनी के नए स्रोत बन सकते है। भाग्य का साथ मिलेगा।व्यापार-व्यवसाय में संतोषजनक स्थिति रहेगी।परिवार से लाभ मिल सकता है।वे आपके कार्यों में मदद करेंगे।##वृषभ :- आज के दिन खुशी और सफलता मिल सकती है। पारिवारिक सदस्यों के साथ घर

42

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 06-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 06-08-2019 को rashifal 2019 ##मेष-आज आपका व्यक्तित्व प्रभावशाली बना रहेगा।कामकाज में कुछ नया करने की सोच सकते है। काम काज सामान्य रहेगा। धन का सुख मिलेगा।वाहन के प्रति सावधानी बरतें। ##वृषभ- परिवार के सदस्यों के साथ मिलकर जो भी कार्य होगा उसमें सफलता मिल

43

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल.. 08-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल.. 08-08-2019 को rashifal 2019 ##मेष :-धार्मिक आयोजन में शामिल होने से शान्ति मिलेगी।युवाओं को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकते है। उलझने दूर होंगी।लंबी दूरी की यात्राओ पर जाने की योजना बना सकते है।वाणी पर संयम रखें। ##वृषभ :-आज परिवार का सुख और अच्छा मिलेगा।

44

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 07-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 07-08-2019 को.. rashifal 2019 ##मेष :- आज कामकाज की अधिकता होने के कारण कुछ चिंतित रहेंगे। कामकाज में आशानुरूप सफलता मिलेगी। मित्र सहयोग करेंगे। परिवार के साथ अच्छा समय व्यतीत होगा। स्वास्थ्य में ताजगी रहेगी।##वृषभ :- आज का दिन युवाओं को रोजगार के नए अवस

45

आपकी राशि का दैनिक राशिफल 09-08-2019 को कैसा रहेगा..

31 जुलाई 2019
0
0
0

आपकी राशि का दैनिक राशिफल 09-08-2019 को कैसा रहेगा..##मेष :- आज आप किसी भी काम की शुरुआत करने से पहले अपने घर के बड़ों से राय-मशवरा जरूर करें और उनसे आशीर्वाद लेकर ही काम प्रारम्भ करें।काम काज सामान्य रहेगा। आज अपने गुस्से पर काबू रखने की जरूरत है। ##वृषभ :- विद्यार्थियों के लिए आज का दिन कुछ खास अच

46

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 10-08-2019

31 जुलाई 2019
0
0
0

जानिए कैसा रहेगा आपकी राशि का दैनिक राशिफल 10-08-2019 को rashifal 2019 ##मेष :- आज मेहनत के बलबूते पर अपनी हर मुश्किल काम को आसन कर लेंगे।काम काज सामान्य रहेगा। विद्यार्थियों के लिए आज का दिन अच्छा है शिक्षा के क्षेत्र में सफलता प्राप्त होगी । ##वृषभ :- आज काम काज में सामान्य सफलता मिलेगी। कोशिश कर

47

जानिए इस वर्ष 2019 में कब करें "हरतालिका तीज व्रत" और क्यो ??

29 अगस्त 2019
0
1
0

हरतालिका तीज व्रत 2 सितंबर 2019 को ही मनाया जाना शास्त्र सम्मत क्यों होगा??विद्वतजन कृपया ध्यान देंसम्पूर्ण भारतवर्ष में "हरतालिका तीज" सुहागिन महिलाओं द्वारा किए जाने वाले प्रमुख व्रतों में से एक है। यह व्रत पति की लंबी उम्र और मंगल कामना के लिए रखा जाता है। इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखकर माता

48

विशेष -- श्राद्ध पक्ष 2019 पर---

13 सितम्बर 2019
0
0
1

ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री जी ने बताया की शतभिषा नक्षत्र में शुरू हो रहे पितृ आराधना के पर्व में श्राद्ध करने से सौ प्रकार के तापों से मुक्ति मिलेगी।इस वर्ष भाद्रपद माह की पूर्णिमा पर 13 सितंबर 2019 ( शुक्रवार) को शततारका (शतभिषा) नक्षत्र,धृति योग,वणिज करण एवं कुंभ राशि के चंद्रमा की साक्

49

जानिए पितृपक्ष में पितरों के लिए पिण्डदान और श्राद्ध कैसे करें??

13 सितम्बर 2019
0
0
0

शास्त्रों में मनुष्य के लिए तीन ऋण कहे गये हैं- देव ऋण, ऋषि ऋण व पितृ ऋण। इनमें से पितृ ऋण को श्राद्ध करके उतारना आवश्यक है। क्योंकि जिन माता-पिता ने हमारी आयु, आरोग्यता तथा सुख सौभाग्य की अभिवृद्धि के लिए अनेक प्रयास किये, उनके ऋण से मुक्त न होने पर हमारा जन्म लेना निरर्थक होता है। इसे उतारने में क

50

क्या पंचकों में अस्थि संचयन हो सकती है ???

13 सितम्बर 2019
1
0
0

अंत‌िम संस्कार का शास्‍त्रों में बहुत वर्णन द‌िया गया है क्योंक‌ि इसी से व्यक्त‌ि को परलोक में उत्तम स्थान और अगले जन्म में उत्तम कुल पर‌िवार में जन्म और सुख प्राप्त होता है। गरुड़ पुराण में बताया गया है क‌ि ज‌िस व्यक्त‌ि का अंत‌िम संस्कार नहीं होता है उनकी आत्मा मृत्‍यु के बाद प्रेत बनकर भटकती है औ

51

क्या करें मृत आत्मा की शांति के लिए--

14 सितम्बर 2019
0
1
0

पितृ सदा रहते हैं आपके आस-पास। मृत्यु के पश्चात हमारा और मृत आत्मा का संबंध-विच्छेद केवल दैहिक स्तर पर होता है, आत्मिक स्तर पर नहीं। जिनकी अकाल मृत्यु होती है उनकी आत्मा अपनी निर्धारित आयु तक भटकती रहती है। हमारे पूर्वजों को, पितरों को जब मृत्यु उपरांत भी शांति नहीं मिलती और वे इसी लोक में भटकते रह

52

कब और कैसे करें महालय (कनागत या श्राद्ध)वर्ष 2019 में..

14 सितम्बर 2019
0
0
0

भाद्रपद (भादों मास) की पूर्णिमा से प्रारंभ होकर आश्विन मास की अमावस्या तक कुल सोलह तिथियां श्राद्ध पक्ष की होती है। इस पक्ष में सूर्य कन्या राशि में होता है। इसीलिए इस पक्ष को कन्यागत अथवा कनागत भी कहा जाात है। श्राद्ध का ज्योतिषीय महत्त्व की अपेक्षा धार्मिक महत्व अधिक है क्योंकि यह हमारी धार्मिक आस

53

अथ श्री बाटी पुराण कथा- - ऐसे हुआ बाटी का 'आविष्कार' बाटी का

30 सितम्बर 2019
0
1
1

मालवा का प्रसिद्ध भोजन। कोई भी खास मौका इसके बगैर खास नहीं होता। कई घरों में तो छुट्टी के दिन बाटी बनना अनिवार्य है। नई बहुओं को भी पहले दिन ही परिवार के इस स्वादिष्ट नियम के बारे में बता दिया जाता है। हर घर की पसंद बाटी करीब तीन दिन तक खराब भी नहीं होती है। ऐसे में य

54

नवदुर्गा और शारदीय नवरात्रि 2019, आपकी राशि अनुसार कौनसी देवी का पूजन, कोनसा भोग लगाएं ?

30 सितम्बर 2019
0
0
0

मां दुर्गा का प्रत्येक स्वरूप मंगलकारी है और एक-एक स्वरूप एक-एक ग्रह से संबंधित है। इसलिए नवरात्रि में देवी के नौ स्वरूप की पूजा प्रत्येक ग्रहों की पीड़ा को शांत करती है।देवी माँ या निर्मल चेतना स्वयं को सभी रूपों में प्रत्यक्ष करती है,और सभी नाम ग्रहण करती है। माँ दुर्गा के नौ रूप और हर नाम में एक

55

क्या वास्तु दोष के कारण होते हैं महिलाओं एवं पुरुषों के रोग..????

30 सितम्बर 2019
0
0
0

वास्तु शास्त्र के प्रसिद्ध ग्रंथ: समरांगण सूत्रधार, मानसार, विश्वकर्मा प्रकाश, नारद संहिता, बृहतसंहिता, वास्तु रत्नावली, भारतीय वास्तु शास्त्र, मुहूत्र्त मार्तंड आदि वास्तुज्ञान के भंडार हैं। अमरकोष हलायुध कोष के अनुसार वास्तुगृह निर्माण की वह कला है, जो ईशान आदि कोण से आरंभ होती है और घर को विघ्नों

56

जानिए ब्रह्म स्थान/ ब्रह्म स्थल क्या होता हैं ??

30 सितम्बर 2019
0
0
0

प्रिय पाठकों/मित्रों, पृथ्वी, आकाश, जल, अग्नि एवं वायु इन पंचतत्वों तथा दसों दिशाओं के कल्याणकारी सूत्र एवं सिद्धान्त ही वास्तु शास्त्र की मूल अवधारणा है। प्रकृति के इन नियमों का पालन मनुष्य किस तरह शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु करके सुखी एवं सम्पन्न रहे, यही वास्तु श

57

जानिए आपकी जन्मकुंडली से कब होगी बीमारी या, बीमारी / रोग का प्रकार , समय और निदान

30 सितम्बर 2019
0
0
0

प्रिय दर्शकों/पाठकों,आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी ,अनियमित जीवनशैली, अनियमित खानपान कई रोगो और समस्याओ को जन्म दे रहे हैं।किसी भी जातक की जन्म कुण्डली से इस बात को जानने में बहुत सहायता मिलती है कि व्यक्ति को कब , क्यों और किस प्रकार के रोगो की सम्भावना है. इसी प्रकार नक्षत्रों का भी रोग विच

58

समझें राम मंदिर विवाद, धर्म और भारत की कुंडली को..

24 अक्टूबर 2019
0
0
0

उज्जैन (मध्यप्रदेश) निवासी आदरणीय पंडित सूर्य नारायण व्यास वह मूर्धन्य विद्वान ज्योतिषी थे जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता का मुहूर्त 14 अगस्त की रात्रिकालीन अभिजीत (12 बजे ) या ये कहें की 15 अगस्त की सुबह 00 बजे का निकला था l स्वतंत्र भारत का जन्म 15 अगस्त 1947 को मध्यरात्रि दिल्ली में हुआ था और कुंडल

59

जानिए भारत के मुख्य नगरों में दीपावली 2019 के लिए शुभ पूजन मुहूर्त..

24 अक्टूबर 2019
0
0
0

27 अक्टूबर के दिन पूरा देश दीपावली का शुभ त्यौहार मनाएगा। हर कोई इसकी खरीदारी और तैयारी में लगा हुआ है लेकिन अगर इनमें सबसे अहम बात को जाना जाए तो पूजा सबसे अहम होती है। अगर दीपावली वाले दिन पूजा नहीं हो तो ये दिन मनाने का कोई मतलब नहीं होता है। यहां हम आपको दीपावली मनाने का तरीका और शुभ मुहूर्त के

60

जानिए कैसा रहेगा आपके लिए नवम्बर 2019 का राशिफल (आपकी राशिनुसार)

24 अक्टूबर 2019
0
0
0

मेष ( च, चू, चे, ला, ली, लू, ले, लो, अ ):- जीविका संबंधी महत्वपूर्ण कार्यों में आलस्य न करें. शिक्षा-प्रतियोगिता की दिशा में समुचित परिश्रम की आवश्यकता है. सुख-साधन हेतु व्यय संभव. यात्रा द्वारा कार्य सिद्धि होने का योग है. ==> शुभ रंग : सुनहरा शुभ अंक : 6# आपके लिए उपाय => गुनगुने पानी से सेंधा

61

अगर श्री राम का मंदिर तोड़ा गया तो इसका जिक्र तुलसीदास ने क्यों नहीं किया...????

24 अक्टूबर 2019
0
0
0

सुप्रीमकोर्ट में अब हिंदू और मुस्लिम पक्ष से सारी दलीलें 16 अक्टूबर को ही बंद कर दी गई थी। अब इस राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर फैसला दीवाली की छुट्टियों के बाद आ सकता है। पूरा देश अपने-अपने समर्थन में फैसला आने का इंतजार कर रहे हैं मगर क्या आपको ये मामला पूरी तरह से पता है? अगर पता है तो क्या आपको

62

जानिए कुछ ज्योतिष ज्योतिषीय उपाय/सुझाव-

24 अक्टूबर 2019
0
0
0

भारत में जितने भी बड़े-बड़े व्यापारी और सेलिब्रिटीज हैं उनके अपने पर्सनल पंडितजी होते हैं। जिनसे पूछकर ही वे अपने सारे शुभ काम करते हैं। ऐसा हर कोई करता है और धार्मिक गुरु पर उनका ये विश्वास ही उन्हें सच्ची सफलता प्रदान करता है। ज्योतिषीयों के बारे में बहुत सारी बातें होती हैं जिन्हें समझने के लिए ज

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए