यदि आपके माता पिता आपके लिए वर / वधु की तलाश कर रहे हैं और आपका मन कहीं और अटका है तो यह सवाल आपके मन में अवश्य आएगा | किन्ही दो जातकों की जन्म कुंडली देखकर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि यह दोनों पति पत्नी बनेंगे या नहीं |
इस सम्बन्ध में सटीक भविष्यवाणी करने के पीछे मेरे पास कुछ सिद्धांत हैं जिन्हें पढ़कर और समझकर आप भी शत प्रतिशत अनुमान लगा सकते हैं कि आपकी शादी किस से होने वाली है और किस से नहीं |
—-यदि दो कुंडलियों में समान लग्न, समान राशि, समान नवांश लग्न और समान नवमांश मिले तो चालीस प्रतिशत एक और लिख लें ।
—-आपकी कुंडली के सातवें घर का स्वामी यदि आपके साथी की कुंडली में यदि नवांश लग्न में है या नवांश से किसी भी प्रकार का सम्बन्ध रखता है तो पचास प्रतिशत एक ओर लिख लें |
—आपका शुक्र और आपके साथी का शुक्रकिसी एक ही ग्रह की राशि में हैं तो पचास प्रतिशत एक ओर लिख लें |
—-यदि आपकी कुंडली का सप्तमेश और आपके जीवन साथी की कुंडली का सप्तमेश, शुक्र और आपके जीवन साथी का शुक्र, नवांश लग्नेश और जीवन साथी का नवांश लग्नेश, लड़के का गुरु और लड़की का शुक्र, यदि एक ही राशि में बैठे हों, एक दुसरे को देख रहे हों या एक ही ग्रह की राशि में हों तो
यह संभावना साथ प्रतिशत बढ़ जाती है कि आपमें मेल होगा |
—– यदि आपकी कुंडली में सातवें घर में कोई
वक्री ग्रह है और आपके साथी की कुंडली में भी कोई
वक्री ग्रह सातवें घर में है तो आप दोनों के बीच शादी की संभावना सत्तर प्रतिशत होगी |
—- यदि लड़का और लड़की दोनों के सप्तमेश एक
ही ग्रह के नक्षत्र में हों।।
—यदि लड़का और लड़की दोनों के लग्नेश एक
ही ग्रह के नक्षत्र में हों।।।
—-यदि लड़का और लड़की दोनों के नवांश लग्नेश एक ही ग्रह के नक्षत्र में हों तो शादी की संभावना तीस
प्रतिशत तक होती है |
ध्यान रखें, यदि ऊपर लिखे नियमों में से एक से अधिक नियम यदि मिल जाएँ तो परस्पर शादी संभव होती है |
इस तरह के और भी नियम हैं जो केवल तभी प्रकट होते हैं जब सामने कुंडली हो और जिन्हें बिना देखे व्यक्त नहीं किया जा सकता।।
मनपसन्द व्यक्ति से शादी हर व्यक्ति की इच्छा होती है कि उसकी शादी उसकी पसंद के अनुसार हो |
आप सभी की जानकारी के लिए प्रस्तुत है कुछ ऐसे नियम जब आप की शादी मनचाहे जीवन साथी से होती है | जैसे—-
—यदि सातवें घर में कोई ग्रह स्वराशी हो तो आप अपने जीवन साथी को पहली बार देखते ही पसंद करने लगेंगे | परन्तु कभी कभी केवल स्वराशी में
होना पर्याप्त नहीं होता | फिर भी यह नियम सौ में से साठ लोगों पर लागू होगा |
—- मनपसंद व्यक्ति से शादी का मतलब यह
नहीं की आपका जीवनसाथी अत्यंत सुन्दर हो अपितु कुछ लोगों की पसंद यह भी होती है कि जीवन साथी अच्छे स्वभाव वाला तथा प्रेम करने वाला हो | यदि आप स्त्री हैं और गुरु कुंडली के 1, 3, 7, 11वें घर में है तो इस बात की संभावना बढ़ जाती है कि आपके पति से आपको प्रेम मिलेगा और आपके पति आपका ध्यान रखेंगे | परन्तु ऐसे गुरु पर यदि राहू, शनि का प्रभाव हो तो प्रेम तो मिलेगा परन्तु प्रेम के लिए तरसना भी पड़ेगा |
—- सातवें घर के स्वामी पर यदि गुरु, शुक्र, बुध और चन्द्र का प्रभाव हो तो भी आप उम्मीद कर सकते हैं कि आपके पति / पत्नी में बहुत से गुण ऐसे होंगे जो आपको पसंद हैं | सातवें घर या सातवें घर के स्वामी पर शुक्र का प्रभाव होना ही इस बात के लिए काफी होता है कि जीवन साथी आकर्षक होगा |
—- आपकी कुंडली का नवमांश इस बात की पूरी जानकारी देता है कि आपका जीवनसाथी कैसा होगा |
आपकी पसंद का होगा या आप उसे नापसंद करेंगे |
आपका जीवन साथी समझदार होगा या लापरवाह |
वह आपसे प्यार करेगा या आपसे दूर भागेगा
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क्या वह एक आदर्श जीवन साथी होगा ???
उपरोक्त के अलावा भी अनेक बातों का ध्यान विवाह के समय रखना जरुरी होता हैं।। जेसे नाडी दोष, मंगलदोष, षडाष्टक और वेधव्य योग आदि।।
यह लेख या विचार लिखने का उद्देश्य मात्र यह हैं की विवाह यथा संभव सोच समझकर और भलीभांति किसी योग्य और अनुभवी विद्वान् ब्राह्मण आचार्य से विचार विमर्श करके करना चाहिए।।