कवि एक ऐसा व्यक्ति होता है जो कल्पनाओं में ही इंसान को चांद पर ले जा सकता है और वहां की ताकत ये खुद ही बता सकता है। ऐसी कई कविताओं में वे पूरे ब्राह्मांण को जमीन पर उतार सकते हैं। कविताओं में बहुत ताकत होती है और जिस कवि की कविता दिल को छू जाती है उन्हें हमें और लोगों को भी बतानी चाहिए क्योंकि इससे ही पूरे देश में लोगों को कलम और कविता की ताकत का पता चलेगा। यहां आपके लिए एक कविता है जिसे पढ़कर आपको जीवन और परम्परा के बारे में बारीकियों से कुछ बातें पता चलेंगी।
जीवन और परम्परा
परम्परा होती है परम्परा, जीवन नहीं;
परम्परा होती है जीवन केलिए, परम्परा केलिए जीवन नहीं;
जीवन प्रथम है परम्परा नहीं;
जो परम्परा जीवन विरोधी हो जाए उसको कभी मानना नहीं;
समय में पीछे झांक कर देखें,
परम्परा न बदले, ऐसा युग अभी तक आया नहीं;
नियम-क़ानून और जीवन में इसी तरह की प्राथमिकता का अंतर है;
सामूहिक जीवन की सुविधा केलिए नियम-क़ानून बनाये जाते हैं;
सामूहिक जीवन प्रथम है, नियम-क़ानून नहीं;
यदि उनके कारण सामूहिक जीवन में असुविधा होने लगे;
वांछनीय उद्देश्य प्राप्ति में अड़चन होने लगे;
तो नियम-क़ानून को बदल देते हैं, सामूहिक जीवन को नहीं;
उदय पूना