एक सेठ अपने बगीचे से बहुत प्रेम करते थे. वसंत आते ही उनके बगीचे मे हर तरह के फूलों ने अपनी छटा बिखेर दी..
सुंदर सुंदर फूलों के बीच जब सेठ जंगली फूलों को देखते तो उदास हो जाते..
सेठ ने उन जंगली फूलों को उखाड़कर फेंक दिया.. लेकिन कुछ दिनों बाद वे जंगली फूल फिर उग आए..
सेठ ने सोचा क्यों न इन पर दवा का प्रयोग किया जाए
फिर उन्हें किसी जानकार ने बताया कि इस तरह तो अच्छे फूलों के नष्ट होने का खतरा भी है.
तब सेठ ने निराश होकर अच्छे अनुभवी माली की सलाह ली..
माली ने कहा अच्छी चीजों के साथ बुरी चीजें जीवन के अनिवार्य नियमों मे शामिल है..
जहाँ बहुत सी बातें अच्छी होती है वहाँ कुछ अनचाही दिक्कते और तकलीफ भी पैदा हो जाती है
मेरी मानो सेठजी तो तुम इन्हें नजरअंदाज करना सीखों.. यही खुश होने का सर्वोत्तम उपाय है.
इन फूलों की तुमने कोई ख्वाहिश तो नही की थी लेकिन अब वे तुम्हारे बगीचे का हिस्सा बन गये है.
यह जीवन ऐसा ही है इसे स्वीकार करके ही तुम खुश हो सकते हो.
यदि गुणों का फायदा उठाना चाहते हो तो अवगुणों को बर्दाश्त करना ही होगा..!!