कागज़ का टुकड़ा जिस पर,
कलम,स्याही, दवात का पहरा।
शब्दों का प्रयोग जहां तक,
मनस्थिति आंकलन का पहरा।।
कागज़ का टुकड़ा जिस पर,
लेखनी से विचार सजाते।
भावों और विचारों का मंथन,
प्रयासों से अपना लेखन सजाते।।
कागज़ का टुकड़ा जिस पर,
भावों की अभिव्यक्ति होती।
कलम स्याही से उकेर कर,
शब्दों का सफर तय करती।।
कागज़ का टुकड़ा जिस पर,
मन का दर्पण अभिव्यक्ति।
शब्दों का संग्रह कर उनको,
कागज़ पर कवि अभिव्यक्ति।।
कागज़ का टुकड़ा जिस पर,
शब्दों का सफर तय करते।
शब्दों का सफर हो ऐसा,
जिनका अर्थ जीवन तय करते।।
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