मिट्टी के खिलौने देखो,
होते हैं ये कितने सुन्दर।
सुन्दर और सलोने खिलौने,
होती है मूरत कितनी सुन्दर।।
मिट्टी के खिलौने देखो,
बनते हैं कच्ची मिट्टी से।
कच्ची मिट्टी को सांचे में,
ढाल के मूरत ये मिट्टी से।।
मिट्टी के खिलौने देखो,
मजबूती देते हैं आग से।
करते हैं रंगरोगन उनमें,
दिखते सुन्दर और सलोने से।।
मिट्टी के खिलौने देखो,
गुजरिया और सिपाही।
बुड्ढा और बुढ़िया देखो,
गर्दन हिलाते हैं आही।।
मिट्टी के खिलौने देखो,
बच्चे खेलते उन्हें प्यार से।
बच्चे भी होते मिट्टी जैसे,
उनको भी तपाते प्यार से।।
मिट्टी के खिलौने देखो,
बच्चों के पर्याय ही होते।
उनका पालन पोषण कर,
उन्हें अच्छे संस्कार सिखाते।।
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