इंसान को जीवन दिया,
भगवन ने कर्म करने वास्ते।
कर्म करो तुम कर्म करो,
मंजिल तय करने के रास्ते।।
इंसान को समझाया भगवन ने,
सही गलत तय करने के रास्ते।
बुद्धि और विवेक प्रशस्त कर,
तू बंदे अपने जीवन के वास्ते।।
कर्म से हर पल जुड़ा तू,
कर्म का ही फल पायेगा।
कर्म से नाता ना तोड़ तू,
सही कर्म करता जायेगा।।
इंसान को बनाया भगवन ने,
सोचने समझने की शक्ति दी।
तय कर तू खुद इंसान अब,
मार्ग प्रशस्त करने की शक्ति दी।।
इंसान कभी दोहरे चरित्र को,
अगर तू खुद अपनाएगा।
आधा इंसान आधा दानव,
सबकी नजर में बन जायेगा।।
शर्मसार न कर इंसानियत को,
वरना तू ऐसे फिर पछताएगा।
जैसा किया है दुजों के साथ,
वैसा ही फल तू भी पायेगा।।
______________________________________________
_______________________________________