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आधुनिक भारत

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वो मुझे अक्सर सच्चा होने का सलाह देता था । जब भी किसी मोड़ पे हम मिलते बच्चा होने की सलाह देता था ।🤵 हमारी खिलावट कुछ ऐसी थी कि चार लोगो का रहता जमघट आईना भी हमें सीख कच्चा हो

पुंडीर राजवंश- रानी सावलदे ओर राजा कारक की कथा  पश्चिमी उत्तर प्रदेश मे राजा कारक ओर रानी सावलदेह का किस्सा लोक गीत ओर रागनियो मे बहुत गाया जाता है । लेकिन बहुत कम ही लोग जानते है की रानी सावलदे ओ

यह घटना उस समय की है जब नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने विदेश जाकर देश को आजाद कराने के लिए आजाद हिंद फौज के गठन का कार्य प्रारंभ किया।उसी दौरान उन्होंने रेडियो प्रसारण पर एक आह्वान किया था कि "हम अपनी स्वत

विद्वानों ने मनुष्य को एक सामाजिक एवं विचारशील प्राणी के रूप में वर्गीकृत किया है। किसी मनुष्य के सम्पूर्ण व्यक्तित्व व चरित्र का उसके समाज पर प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से प्रभाव अवश्य पड़ता है। ऐस

            सो आज के लिए निर्धारित कक्षा में पहुँचे । यह कक्षा 10 में गणित का कालांश था । अमन जी हिन्दी के अध्यापक थे । बच्चों ने गणित ही पढने की जिद की । और गणित की मोटी सी पुस्तक मेज पर धर दी । अम

अमन जी अपनी बाइक उठाकर गाँव में पहुँचे । लाख प्रयास के बाद भी कोई स्वयं सेवक नहीं मिला । लोग कहते- वाह माटसाब ! खुद तो पढाने के साठ सत्तर हजार लेते हो और हमसे फ्री में गाँववालों को पढवाना चाहते हो ।

कक्षा में बच्चे आपस में लड़ झगड़ रहे थे । अमन जी ने उनको शांत किया और किताब निकालने को कहा । इतने में एक बच्चा बोला, सर वर्कबुक भरवाइए ना । अभी तो उसी का समय है । प्रमोद जी की इच्छा अपने बाल नोच लेन

अमन जी को अभी कक्षा 1 से 8 तक की उपस्थिति इकट्ठी करनी थी । झट डायरी उठाकर दौड़े । आँकड़े इकट्ठे करके भोजन निर्माण शाला में पहुँच कर बताया कि आज कितने आटे की रोटियाँ बनेगी । फिर बाँस की एक सीढी लगाकर

दूसरी तरफ अमन जी मिड डे मील बनाने वालियों से उलझे हैं - परसों भी तुमने सब्जी में पानी अधिक डाल दिया । सब्जी एक तरफ और पानी दूसरी तरफ जा रहा था । यह नहीं चलेगा । एक मिड डे मील बनाने वाली बोली -ज्यादा

         राजकीय शिक्षालय का दृश्य। हर शिक्षक बहुत व्यस्त है । एक शिक्षक संगणक पर उलझे हैं । आँखों पर मोटा ऐनक । ऐनक के नीचे आँखों में गंगा जल की धारा बहनें को उतारू । समझ में नहीं आ रहा कि यह झरना ल

श्रीमान मैं भारतीय इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया... एक ट्रेन द्रुत गति से दौड़ रही थी। ट्रेन अंग्रेजों से भरी हुई थी। उसी ट्रेन के एक डिब्बे में अंग्रेजों के साथ एक भारतीय भी बैठा हुआ था। डिब्ब

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सोशल मीडिया शब्द एक कंप्यूटर-आधारित तकनीक से कनेक्ट करता है जो आभासी नेटवर्क और समुदायों के माध्यम से विचारों, और सूचनाओं को साझा करने की सुविधा प्रदान करता है। सोशल मीडिया कंप्यूटर नेटवर्क परआधारित ह

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आज के समय एक युवक का जीवन युवक यानि 16 वर्ष से अधिक का बच्चा।कैसा जीवन है युवकों का आज के समय?आइए इस विषय पर चर्चा करते है। मैं अपने जीवन से एक उधारण लेता हूं मैने तो 12 वी कक्षा पास कर ली अब आगे

कागज़ का टुकड़ा जिस पर,कलम,स्याही, दवात का पहरा।शब्दों का प्रयोग जहां तक,मनस्थिति आंकलन का पहरा।।कागज़ का टुकड़ा जिस पर,लेखनी से विचार सजाते।भावों और विचारों का मंथन,प्रयासों से अपना लेखन सजाते।।कागज़

मेरा भारत, इसकी तो इतनी सारी बातें अच्छी है कि  ग्रंथ लिख दे तो भी कम पड़े।  जो मुझे सबसे निराली बात लगती है वह अध्यात्म है। सारे विश्व में अध्यात्म का कोतुहल है। कोई ढूंढ रहा है अध्यात्म ,तो कोई

कितनी ही ऊंची बने  मीनार ,भ्रटाचार की नीव मजबूत नही हो पाएगी कानून से खेलने वालों को बात समझ आयेगी ।आज होगी देश की पहली ट्वीन टावर ध्वस्त भ्रटाचार का नामोनिशान मिटाएगी। जो हुआ घोटाला ,

प्यारी दिलरुबा दिनांक-21/8/22 दिन-रविवार प्यारी दिलरूबा कैसी हो तुम,,,, अरे मैं भूल जाती हूं तुम जवाब कहां दोगी,,, जो कुछ बताना होता है वह तो मुझे ही बताना होता है अपनी दिलरुबा को,,,,। तो सुनो

आधुनिक भारत को लेकर सरकार ने अच्छा कदम उठाया है , इससे हमारे देशवासियों को काफी लाभ हुआ है । सरकार ने कई सारी अच्छी - अच्छी व्यवस्थाएं करवाई ( जैसे - कौशल विकास ) , जिसकी वजह से आम लोगों को प्रशिक्षित

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आज  का  आधुनिक भारत।किसी को मिलती नहीं राहत।।महंगाई  पकड़े अब  जोर है।सब करते यही अब शोर है।।गरीबों का होता बुरा हाल।अमीर और होते मालामाल।।नेतागण कैसे पैसे ये कमाते।मध्यम वर्गीय हि

आधुनिक भारतआधुनिक भारत की अजब शान हैस्वार्थ में अटकी सबकी जान हैछल कपट की चाल हैसत्ता का हर तरफ जाल हैफरेब के ठाट हैस्वार्थ के सब साथ हैचापलूस बने यार हैदोस्तों के भेष मिलते गद्दार हैमाता पिता की बुरे

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