“लाज़” एक शब्द नही बल्कि औरत का वह कीमती आभूषण है , और समाज औरत को यह शिक्षा देता है कि वह पूरे जीवन इसकी रक्षा करे, पर ऐसा देखा गया है कि जो समाज औरत को यह शिक्षा देता है, औरत को उसी समाज से अपनी लाज़ को बचाने के लिए संघर्ष करना पड़ता हैं। यह रचना समा
पाठ विशेष- तंबाकू युक्त नशे न श्यामू की जिंदगी बर्बाद कर दी। अपने पीछे पिता ,बीबी और बच्चों को रोता -विलगता छोड़ गया। एक व्यक्ति की मृत्यु नहीं होती ।अपितु साथ में पूरे परिवार की। अतः- नशा व्यक्ति को आर्थिक, शारीरिक ,मानसिक हानि तो पहुंचाता है। साथ
एक लड़की की आपबीती...। विचारणीय और गंभीर मुद्दा..।
यह कहानी आज के शिक्षित युवाओं की मनो व्यथा को दर्शाता है। वैसे तो यह कहानी लंबी नहीं है, परन्तु.....इसमें समाज में फैले हुए वैमनस्यता एवं उसके कारणों को समाहित किया गया है। साथ ही यह भी दिखाने की कोशिश की गई है, कि आज का युवा चाहे, तो कुछ भी कर सकता
गोधूली के समय सब कुछ सुहाना लगने लगता है ।
एक गरीब मजदूर की सामाजिक कहानी जिसमें लेखक ने उसके सांस्कृतिक कार्यक्रम में शामिल न होने का कारण बताया है ।
बाज़ की जिंदगी का एक अनसुना लेकिन प्रेरणादायी सच..।
एक बगल कि पड़ोसी कि गलती और हो गया जो नहीं होना चाहिए।
राधे कृष्ण की कहानी
उस दिन घर आते हुए ऐसा लग रहा था कि कोई साथ में चल रहा है लेकिन उसकी आवाज ही मुझे सुनाई दे रही थी कौन चल रहा है यह बात मुझे बिल्कुल भी मालूम नहीं थी मेरे कदमों की आवाज के साथ साथ उसकी कदमों की आवाज भी धीरे-धीरे बढ़ रही थी ऐसा लग रहा था कि कोई भूत म
जब कोई युवक युवती प्रेम में पढ़ती है तो किस तरह के वाक्य सामने आते हैं,।
एक छोटी सी घटना गुरु गोविंद सिंह के जीवनी से..
"यह एक ऐसी कमसिन लड़की की कहानी है जो अपनी उमड़ती हुई जवानी से अंजान थी। उसकी माँ उससे पेशा कराती थी और वो समझती थी कि हर लड़की को यही करना होता है। उसे दुनिया देखने और खुली फ़िज़ाओं में उड़ने का बेहद शौक़ था।
डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्रारंभिक जीवन: अब्दुल कलाम जी का जन्म तमिलनाडु में रामेश्वरम के तमिल मुस्लिम परिवार में 15 अक्टूबर 1931 को हुआ था। इनके पिता का नाम जैनलाब्दीन (Father's Name) था जो पेशे से नावों को किराये पर देने और बेचने का काम करते थे। कलाम ज
तेनाली 16वीं सदी में विजयनगर के राजा कृष्णदेव राय के दरबार में कवी और विदूषक थे। वो बहुत ही बुद्धिमान थे और अपनी चतुराई से अपने राज्य की कई मुश्किलों को दूर भी करते थे। लोग तेनालीराम / तेनाली रमन की तुलना राजा अकबर के सलाहकार बीरबल से की जाती है जिनक
पर्व, उत्सव, पर्व
अकबर बीरबल की कहानियां हर किसी के लिए प्रेरणादायक है। बादशाह अकबर के दरबार में कई बार ऐसे पेचीदा मामलों को बीरबल ने अपनी बुद्धिमत्ता और चतुराई के कारण बहुत ही आसानी से सुलझाया। इनके साथ ही बीरबल ने बादशाह अकबर के द्वारा दी गई सभी चुनौतियों को सम्मान