नमस्कार मित्रों,
आप सभी ने कलयुग की कुलटा भाग 1 में पढ़ा कि मोहल्ले का माहौल कैसा था और किस तरह उस परिवार जिसमे एक बूढ़ी मा बेटा बहु और बेटे की छोटी बेटी रहते थे उन्होंने दो किराए दार रखे|
पहला किराए दार परिवार सिलाई का काम करता था उनकी गृहिणी घर मे झोले सिलने और पति एक टेलर की दुकान में सिलाई करते थे 3 बेटे थे तीनो पढ़ाई नही करते थे बड़ा बेटा ज्वैलरी की दुकान में काम करता था बाकी दोनों घर मे रहते थे पतंग उड़ाते थे शाम को|
दूसरे किराए दार आर्टिफीसियल ज्वेलरी फेरी करके बेचती थी| उनके यहां एक लड़का लड़की रहती थी लड़का किसी चमड़े की फैक्ट्री में काम करता था लड़की घर पर ही रहती थी पर ठाट बाट में अच्छे रईस परिवार भी पीछे थे |कुछ दिनों बाद दूसरे किराए दार के लड़के का नाम कल्लू और लड़की का नाम कल्ली पता लगा |
मोहल्ले में पहले भी कई किरायेदार रह चुके थे और अच्छा मोहल्ला होने के कारण वो परिवार की तरह रह पाते थे और तभी घर छोड़ते थे जब या तो वो शहर से बाहर चले जाते थे या अपना खुद का घर बनवा लेते थे |
दिन बीतते गए मकान मालिकिन का लड़का ऊपर रहता था और अपनी माँ की सेवा एक बोझ के रूप में करने लगा जैसे वो बस ये चाह रहा हो कि कैसे ये मरें और फुर्सत मिले | इन सबको देखते हुए उस औरत ने मकान मालकिन के सारे काम मे हाथ बटाना शुरू कर दिया उनको नास्ता देना चाय देना इत्यादि काम बखूबी करने लगी जैसे कि वो उन्ही के घर की सदस्य हो |
साथ ही साथ उसने मोहल्ले वालों से भी बातचीत करना राम राम करना हाल चाल लेना शुरू कर दिया और सबके बारे में पता करने लगी |
घर के पड़ोस में एक ब्राह्मण परिवार था जिसमे कई छोटे बच्चे थे जो छत पर खेलते रहते थे |
एक दिन उनके बच्चो की पतंग पड़ोस में चली गयी और वो कल्ली को मिली | बच्चो ने बालकीय आदत के अनुसार पहले पतंग मांगी और कल्ली के मना करके पर उसको कल्लू कलल्लम कालिया कहकर चिढ़ाने लगे|
जिस पर कल्ली अभद्र गालियां देने लगी साथ ही साथ उसकी मा भी तेज स्वर में गालियां देकर गली वालों को धमकी देने लगी कि जिसको जो करते बने कर ले|
शाम को जब बच्चे के अभिभावक घर पर आए तो लड़की की माँ उनको भी भला बुरा कहने लगी चूकी छत जुड़ी हुई थी अतः अभिभावक बात को खत्म करके समझौते के नियत से उसकी छत पर चले गए और कुछ देर बाद वापस लौटे |
फिर अगले दिन पुलिस का आगमन मोहल्ले में पहली बार होता है जिस मोहल्ले में आज तक पुलिस का होमगार्ड तक न आया हो उस मोहल्ले में पूरी जीप भरकर पुलिस आती है और 7 लोगो के खिलाफ मारपीट और एक बलात्कार ले मुकदमे की जानकारी देती है जिसको सुनकर सब हक्के बक्के हो जाते है|
उस ब्राह्मण परिवार के ठीक सामने और कल्ली के तिर्यक एक क्षत्रिय परिवार था जिसका जिक्र मैंने पहली कहानी मेंकिया था उनके मुखिया कोतवाल साहब से पूरा पूछते हैं तो पता लगता है कल्ली की माँ ने पड़ोसी के घर के सभी सदसयो (वृद्ध बहू बेटे छोटे बच्चों और जो वहां नही रहते थे उनपर भी) पर मारपीट की FIR कराई है और जो समझौता करने गए थे उन पर उनकी बेटी से बलात्कार का आरोप लगाकर FIR कराई है |
धीरे धीरे मोहहले में भीड़ जुट जाती है और दूसरे मोहल्ले के लोग भी आने लगती हैं | झूठे आरोपो को सुनकर सब आगबबूला हो जाते हैं | पर रेप के झूठे केस की बदनामी के डर से परिवार का मुखिया गली के प्रबुद्ध वर्ग की सलाह पर
चुपचाप जीप में बैठकर थाने को चल देते हैं |
थाने में क्या हुआ ?
रेप केस कैसे खत्म हुआ ?
आगे गली के क्या हालात हुए?
इन सबके लिए अगले भाग का वेट करिये
धन्यवाद 🙏🏽