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"कथा- सार "

31 अगस्त 2019

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कथा- सार "

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कथा -सार तुम्हें आज

यहाँ सुनाने आया हूँ

मैं शुकदेव -परीक्षित का

संवाद बताने आया हूँ


इंद्रिय शक्ति अगर चाहो तो

इन्द्र का पूजन करो

ब्रह्म तेज की चाह अगर

वृहस्पति- कृपा भरो


लक्ष्मी को खुश करने वाले

देवी माया को जपो

तेज की हो चाहत अगर

ध्यान धरो बस अग्नि पर


अगर वीर तुम बनना चाहो

रुद्रों को तत्काल मनाओ

यदि धन पाने का हो मन बना

वसुओं की कर आराधना

अन्न कृपा यदि चाहें आप

अदिति को शीघ्र मनाएँ आप

स्वर्ग कामना करने वाले

चलें, अदिति पुत्रों को जप डालें


राज़्य प्राप्ति के लिए सुनो

विश्व देवों को तुम गुनो

प्रजा अनुकूल अगर चाहो

साध्य देवों को तुरंत मनाओ

दीर्घ आयु की इच्छा वाले

अश्वनी कुमारों को जप डालें

अगर पुष्टि की तेरी कामना

पृथ्वी को तुम्हें पूजना


प्रतिष्ठा की यदि चाह तुम्हारी

पृथ्वी - आकाश की पूजा प्यारी

अगर सौंदर्य तुम्हें है पाना

तो तुम बस गन्धर्वो को गाना

तुम्हें पत्नी प्राप्ति की खातिर

उर्वसी- अप्सरा की पूजा फिर -फिर

सबका स्वामी बनना हो अगर

ब्रह्मा जी की आराधना कर


यश की कामना हो अगर

यज्ञ पुरुष का ध्यान धर

खजाने की लालसा अगर

वरुण देव का मान कर


यदि ध्यान विद्या प्राप्ति पर

शिव - शिव का ध्यान तूँ कर

पति -पत्नी परस्पर प्रेम पावे

माँ पार्वती की पूजा कर आवे


धर्म उपार्जन के लिए हे नर

विष्णु भगवान् का ध्यान तू कर

बाधाओं पर पड़ोगे भारी

मरुद्गणों का हो आभारी

हो राज्य कायम, रखने का ध्यान

तो मनवंतर के अधिपति का रख मान

अभिचारक के लिए तून नर

निऋतिक का भान कर


यदि भोगों के लिए सफर

चन्द्रमा की उपासना कर

निष्काम प्राप्ति हो और अलभ

परम पुरुष नारायण जप


और थपेड़े कोई, दूर हो जाते सारे

श्री नारायण की स्तुति से प्यारे |

मैं शुकदेव -परीक्षित का

संवाद बताने आया हूँ ||

-सुखमंगल सिंह ,वाराणसी

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रचनाएँ
नरेंद्र मोदी और कांग्रेस
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पास हमारे ऐसा ज्ञान औरों को भी दिलाए मान | सम्मान और हुनरवान दुनिया में सुन्दर विज्ञान || विज्ञानियों में - ज्ञानवान ज्ञानियों में हैं ध्यानवान | ध्यानी - ग्यानी श्रेणी विद्वान विद्वान् शान्ति - देता पैगाम|| तकनीकी शक्ति उभारवान शान्ति शक्ति का नव विधान | खेल क्षेत्र में उदीयमान सेना - सेनानी कीर्तिमान || लोक - तंत्र में मेरी शान मेचुअल फंड कह धनवान ! सामान्य नियंत्रण सिद्धांत आयात-निर्यात शौर्यवान || वैज्ञानिक हमारा शोधवान राष्ट्र - धर्म ही है महान | औरों को भी देता सम्मान पास हमारे ऐसा ज्ञान ||- सुखमंगल सिंह
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" मैं कवि हूँ सरयू तटका"---------------------------मैंकवि हूँसरयू तट कासमयचक्र के उलट पलट कामानवमर्यादा की खातिरसिर्फ अयोध्या खडी हुई ।चक्र -कुचक्र चला कुछ ऐसाविश्व की ऑखें गडी हुई।जबकि सच है मेरी अयोध्याजाने हाल ;हर घट पनघट का।। पला-ब

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कथा- सार " --------------कथा -सार तुम्हें आज यहाँ सुनाने आया हूँ मैं शुकदेव -परीक्षित का संवाद बताने आया हूँ इंद्रिय शक्ति अगर चाहो तो इन्द्र का पूजन करो ब्रह्म तेज की चाह अगर वृहस्पति- कृपा भरो लक्ष्मी को खुश करने वाले देवी माया को जपो तेज की हो चाह

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धर्म की आस्था पर हम सभी एक हैं

29 जनवरी 2020
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"धर्म की आस्था पर हम सभी एक हैं"धर्म की आस्था पर हम उड़े तो क्या हुआ ,कबूतरों के पंख इस तरह काटे नहीं जाते |यूं देखा जाय तो यह कटु सती है कि पूरा देश धर्मांधता और दुराग्रह के वातावरण की आंधी मेन फंस कर रह गया है | हाथवादियों और धर्मांध शक्तियों को खुश करने की नीति के क

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