सेल्फी
स्मार्ट फ़ोन, सेल्फी की धुन,जोश में लिए सपने बुन,कहीं सरिता के जल गहरे,कहीं रेलवे ट्रैक पर ठहरे,कभी बोगी के द्वार लटके,कभी मुंडेर के ऊपर अटके,कहीं हवा में गोता खाते,देखनेवालों के जी घबराते,अपनी धुन, अपनी मनमर्जी,मस्ती भरी होती खुदगर्जी,अपने हाथों, अपने तरीके,खींचें तस्वीर बिना सलीके,अक्सर शेखी पड़ती भ