यह किराय का मकान न यह तेरा न यह मेरा |
पांच तत्वो का यह घर साँसों का तन मे डेरा |
है मुसाफिर कुछ दिनों का कौन है सदा ठहरा |
जनम जीवन सार यह क्यों भयभीत हो रहे |
पलपल बड़ा अनमोल व्यर्थ जीवन खो रहे |
भूलो को भूल आगे बड़ो इसी में जीत का राज गहरा |
बोझ हो जो मन पर कह सुनकर हल्का कर लो |
परिवर्तन संसार का नियम ग्लानि द्वेष से भरे तन में प्रीत नेह दया भर लो |
आज और कल पर होगा किसी और का पहरा |
यह किराय का मकान न यह तेरा न यह मेरा...!!!