आज दिवस है हिंदी का, हिंदी तुझको करू नमन |
माँ भारत की बिंदी है तू, तू ही माथे का चन्दन |
तुझमे शब्द, तुझमे अर्थ, तुझमे ही है परिभाषा |
आरोह, अवरोह तुझमे, तुझमे है प्रेम की भाषा |
महादेवी की नीर भरी बदली, या फिर ठेठ गांव की कजली |
प्रसाद की कामायनी, या हो प्रेम चंद्र की गबन |
तुझमे है नाटक, रूपक, छंद, सोरठे, सवद, कीर्तन |
तुझमे ही निहित सब्द अर्थ व्याकरण |
आज दिवस है हिंदी का, हिंदी तुझको करू नमन |
खुसरो गीत गोविन्द घाघ सूर तुलसी के श्याम रघुनन्दन |
सदा रहता हिंदी साधक का तुझपर शोध और परिमार्जन |
आज दिवस है हिंदी का, हिंदी तुझको करू नमन...!!!