६/२/१७... माँ-पापा को बधु आगमन की बधाई ...
आलता भरे पाँव छप गए आँगन मे - नेह स्नेह भरी लहर उठ रही मन में | हर्षित है फुलबारी कली कली मुस्काये - ठुमक रहा कोना कोना - कोना परदे गुनगुनाए | दर दीवार खिल उठी दहलीज के भागय जगे - तुलसी के चौरे पर ऐपण की थाप लगे | माँ आरती का थाल सजा परछनउतार कर - गृह वधु को संग लाई अचतकलश पार कर - गोरे गोरे अंगो पार अपूर्व श्रृंगार कर | तीखे तीखे नैनों मे कजरे की धार धर | पायल की झंकार से हृदय तार छनके भाई के तन मे | माँ की बहुरानी, भाई की जीवन सागिनी, - पिता की सलाहकार, हम सब की बन्धुनि | हर दिन नवीन हो सुख भरी हो यामिनी - माँ-पिता के मान रखना रहना सदा मृदुभाषिणी | तेरे आने से सुख सौभाग्य कंचन बरसे निज सदन मे | आलता भरे पाँव छप गए आँगन मे...❤️😍😘😊😍