कोरे कागज भर डाले पर मिली नहीं मुस्कान कही |
खोज खोज कर खुद खो गई मिली नहीं पहचान कही |
खुशियों की खोली पोटली तो समझा जीवन का है गान यही |
आना जाना लगा रहेगा बुजुर्ग दे गए ज्ञान यही |
एक दूजे का माने कहना करे खींच तान नहीं |
यह एक माटी का कच्चा कुम्भ गल जाएगा करे कभी अभिमान नहीं |
झूठ कभी न जीतने पाए सत्य की न हो हार, सबसे बड़ा मान यही |
सुख दुःख की झीनी चदरिया ओढ़ कर कट जाए ज़िन्दगी सबसे बड़ी शान यही |
किसी का बढ़के थामे दामन किसी के पोछे आंसू सबसे बड़ा इंसान वही |
दूजो का जो कर ले गरल पान नर नहीं है भगवन वही |
कोरे कागज भर डाले पर मिली नहीं मुस्कान कही...!!!