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किरदार

4 नवम्बर 2021

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सितम हिंदी पर हिंदी में लिख रहा हूं।

हिंदुस्तान हूं मैं अंग्रेजी में बिक रहा हूं।।


हाय हैलो गुड मॉर्निंग सब ओर ही छाए है।

नमस्ते प्रणाम राम राम मर्णासन को आए हैं।।


मेरी धरा के पूतों को मां से लिहाज रहा नहीं।

नग्न हुए फिरते हैं तन पर लिबास रहा नहीं।।


जाने किस उधेड़बुन में है सब परेशान यहां।

कौन शहर आ गया हूं मैं नहीं कोई इंसान यहां।।


प्रकृति को पूजने वाले पाखंड उसे बताने लगे।

मात पिता में बच्चों को शैतान नजर आने लगे।।


"लक्की" तेरे किरदार का तू अंत कैसे चाहता है।

ज्यों हैवानियत के मरना है या संत जैसे चाहता है।।

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बेहतरीन 👌👌

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बहुत बहुत आभार आपका

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