नेपाल में यमराज के अपने वाहन भैंसे पर सवार होकर इधर-उधर भागने के कारण भैंसे के खुर की धमक जब भारतीय क्षेत्र में पहुँची तो यहाँ के लोगों के कलेजे दहल गए। पहले तो हमें ऐसा लगा कि हमारी तबियत अचानक ख़राब हो रही है और हमारा सिर घूम रहा है, किन्तु अगले ही क्षण अपनी विशिष्ट बुद्धि के प्रयोग द्वारा हम समझ गए कि कोई सुपरनेचुरल पॉवर जैसे- भूत-प्रेतादि हमारे ऊपर आक्रमण करके हमारे शरीर पर कब्ज़ा करना चाहते हैं। हमने तुरन्त भूत-प्रेत भगाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ शुरू कर दिया। हनुमान चालीसा का तत्काल प्रभाव हुआ और हमारा शरीर काँपना बन्द हो गया। हनुमान जी की शक्ति का प्रभाव देखकर हम खुशी से फूले न समाए, किन्तु यह क्या? हमारा शरीर फिर ज़ोरों से हिलने लगा। इस बार हम समझ गए कि यह किसी सुपरनेचुरल पॉवर की धृष्टता नहीं, बल्कि भूकम्प आ रहा है.. और हम हिरण की तरह कुलाँचे भरते हुए सड़क पर अनाथ खड़े नगरमहापालिका के बुलडोज़र में चढ़ गए। भूकम्प के समय बचने के लिए भला बुलडोज़र से अच्छी जगह कौन सी हो सकती है?
भूकम्प आने के बाद एक ओर चाय-पानी की दूकानों पर भूकम्प आने का पूर्वानुमान बताने वाले ‘विशिष्ट बुद्धिजीवियों’ के बीच अफवाह का बाज़ार गर्म रहा। दूसरी ओर हमारे क्षेत्र के एक पुलिस अधिकारी ने अपने चिर-परिचितों से यह कहकर चुटकी ली कि ‘भूकम्प आने की सूचना पर हम लगातार गश्त कर रहे हैं। अभी तक हमें कहीं पर भी भूकम्प दिखाई नहीं दिया। दिखाई देते ही भूकम्प को गिरफ्तार कर लिया जाएगा। घबड़ाने की कोई बात नहीं है।’ पुलिस अधिकारी की सान्त्वना पर सन्तुष्ट होकर हमने अपनी अज्ञानता का परिचय देते हुए अपना सन्देह व्यक्त किया- ‘अगर भूकम्प ने आपको देखकर भागने की कोशिश की तो?’
वैसे तो यह कहा जाता है कि भूकम्प आने का आभास कुछ जीव-जन्तुओं को पहले से हो जाता है और वे विचलित होकर इधर-उधर भागने लगते हैं। हमारे विचार में तो शायद कवियों को भी भूकम्प आने का पूर्वाभास हो जाता है, क्योंकि शायद पूर्वाभास के आधार पर ही भूकम्प आने से बहुत पहले पुष्पा पी॰ परजिया जी ने एक कविता ‘जब धरती करवट लेती है’ लिखी थी। http://shabdanagari.in/Website/Article/%E0%A4%9C%E0%A4%AC%E0%A4%A7%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%95%E0%A4%B0%E0%A4%B5%E0%A4%9F%E0%A4%B2%E0%A5%87%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%B9%E0%A5%88 ठीक ही लिखा है- ‘जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि।’
वैसे तो भूकम्प के बारे में पूर्वानुमान लगाना एक टेढ़ी खीर है। फिर यह जानना आवश्यक है कि आप जिस क्षेत्र में निवास कर रहे हैं वह क्षेत्र भूकम्प के लिहाज से कितना सुरक्षित है? आगे दिए गए चित्र को देखकर आप आसानी से यह बात जान सकते हैं। यदि आपका क्षेत्र ज़ोन-2 में पड़ता है और किसी रेखा से आच्छादित नहीं है तो आप सुरक्षित क्षेत्र में निवास कर रहे हैं।