*ताइवान के लोग भारतीयों से नफरत करते हैं क्यों...?*
*जानना जरूरी है!*
*यदि आप में हिन्दुत्व का अंश बचा है तो पढ़िए*
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*ताइवान में करीब एक वर्ष बिताने पर एक भारतीय महानुभाव की कई लोगों से दोस्ती हो चुकी थी, परंतु फिर भी उन्हें लगा कि वहाँ के लोग उनसे कुछ दूरी बनाकर रखते हैं, वहाँ के किसी दोस्त ने कभी उन्हें अपने घर चाय के लिए तक नहीं बुलाया था...?*
उन्हें यह बात बहुत अखर रही थी अतः आखिरकार उन्होंने एक करीबी दोस्त से पूछ ही लिया...?
*थोड़ी टालमटोल करने के बाद उसने जो बताया, उसे सुनकर उस भारतीय महानुभाव के तो होश ही उड़ गए।*
*ताइवान वाले दोस्त ने पूछा-*
*“200 वर्ष राज करने के लिए कितने ब्रिटिश भारत में रहे...?”*
भारतीय महानुभाव ने कहा कि लगभग *“10, 000 रहे होंगे!”*
*“तो फिर 32 करोड़ लोगों को यातनाएँ किसने दीं?*
*वह आपके अपने ही तो लोग थे न...?*
जनरल डायर ने जब *"फायर"* कहा था...
तब 1300 निहत्थे लोगों पर गोलियाँ किसने दागी थीं?
उस समय ब्रिटिश सेना तो वहाँ थी ही नहीं!
*क्यों एक भी बंदूकधारी (सब के सब भारतीय) पीछे मुड़कर जनरल डायर को नहीं मार पाया...?*
*फिर उसने उन भारतीय महानुभाव से कहा-*
*आप यह बताओ कि कितने मुगल भारत आए थे? उन्होंने कितने वर्ष तक भारत पर राज किया? और भारत को गुलाम बनाकर रखा! और आपके अपने ही लोगों को धर्म परिवर्तन करवाकर आप के ही खिलाफ खड़ा कर दिया!*
जोकि 'कुछ' पैसे के लालच में, अपनों पर ही अत्याचार करने लगे! अपनों के साथ ही दुराचार करने लगे…!!
*तो मित्र, आपके अपने ही लोग, कुछ पैसे के लिए, अपने ही लोगों को सदियों से मार रहे हैं...?*
आपके इस *स्वार्थी धोखेबाज, दगाबाज, मतलबपरस्त, 'दुश्मनों से यारी और अपने भाईयों से गद्दारी'😢*
*अपनी मां,मातृभाषा वा मतभूमि के संग ही गद्दारी करें वा उनको अपने झूठे घमंड वा छोटे से स्वार्थ के लिए विदेशियों की रखैल बनवाएं ऐसे अपनी मां की दलाली खाने वाले चरित्रहीन व्यक्ति से क्यों संबंध रखना चाहेगा।*
*इस प्रकार के व्यवहार एवं इस प्रकार की मानसिकता के लिए, हम भारतीय लोगों से सख्त नफ़रत करते हैं!*
इसीलिए हमारी यही कोशिश रहती है कि यथासंभव, हम भारतीयों से सरोकार नहीं रखते...?
उसने बताया कि-
*जब ब्रिटिश हांगकांग में आए तब एक भी व्यक्ति उनकी सेना में भरती नहीं हुआ क्योंकि उन्हें अपने ही लोगों के विरुद्ध लड़ना गवारा नहीं था...?*
*यह भारतीयों का दोगला चरित्र है, कि अधिकाँश भारतीय हर वक्त, बिना सोचे समझे, पूरी तरह बिकने के लिए तैयार रहते हैं...? और आज भी भारत में यही चल रहा है🤷♂*
*विरोध हो या कोई और मुद्दा, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में और खुद के फायदों वाली गतिविधियों में भारत के लोग आज भी, राष्ट्र हित को हमेशा दोयम स्थान देते हैं😩 आप लोगों के लिए "मैं और मेरा परिवार" पहले रहता है😢* *"समाज और देश" जाए भाड़ में...?*
भ्रष्ट नौकरशाही ,भ्रष्ट बिकता हुआ नेतृत्व की स्वीकारता चरित्रहीन जनता को भी हो गई हे।आज भ्रष्टाचार का खिलफत का स्वांग करने वाले भी महाधूर्त ( *KAJRI*) निकल रहें हैं जो देश के लिए वा स्वयं के लिए दीमक है।देश इससे बुरे दिन क्या देखेगा।
थोड़े बहुत चरित्रवान बचे भी हैं वाह भी अपने को बेचने की लाइन में लगे हैं।उनके अंदर दुष्चरित्र लोगो को आंख दिखाने की हिम्मत नहीं है। आज काले जनरल डायरो को खत्म करने वाले महा प्रक्रमी देश के लाल *उधम सिंह* जेसे सुपुत्र पैदा होने भी बंद हो गए हैं।घर घर में वेश्यालय वा मदिरालय जो खुल गए हैं।
आज जापान ,ताइवान जेसे कई छोटे देश अपने चरित्रवान नागरिकों के कारण विश्व में सबसे समृद्ध देश बन गए हैं।
*बात कड़वी है पर सही है!*
इस पोस्ट को फॉरवर्ड करने वाले चरित्रवान बहुत कम लोग होंगे ।अगर कोई फॉरवर्ड करता है तो उसको नमस्कार कर लेना कोई हिम्मती वा चरित्रवान अभी भी देश में हैं।