लेखन सार भिन्न भिन्न विषयों पर लेखों का संग्रह है।
0.0(0)
32 फ़ॉलोअर्स
22 किताबें
योग शरीर को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता है।योग मुख्यतः चार प्रकार का होता है--- राज योग, कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग।राज योग-- राज अर्थात राजसी योग। इसमें आठ अंग होते हैं।इसमें यम, शपथ
सभ्यता का संबंध हमारे जीवन से होता है यथावत खान पान, रहन सहन, भाषा भाषी आदि संस्कृति का संबंध हमारी विचारधारा से होता है। सभ्यता का अनुकरण किया जा सकता है किन्तु संस्
राजयोग या सिर्फ योग महर्षि पतंजलि का योग सूत्र इसका मुख्य ग्रंथ है। स्वामी विवेकानंद ने राजयोग का प्रारंभ किया था। राजयोग सभी योगों का राजा है क्योंंकि इसमें सब प्रका
हिन्दू आस्था पर बार बार चोट क्यों पड़ती है। अभी काली जी की तस्वीर को लीना ने मीडिया में वाइरल किया और सिर्फ अपनी डॉक्यूमेंटरी की पब्लिसिटी के लिए। सिगरेट पीते
कर्मयोग वस्तुत: निजी स्वार्थ के लोकोपकार के लिए अपना कर्तव्य सर्वश्रेष्ठ तरीके से करना है। कर्मयोग अर्थात कर्म में लीन होना। योगा कर्म
आजादी का अमृत काल* ५ से १५ अगस्त तक ऐतिहासिक स्मारकों में फ्री प्रवेश सरकार ने ऐलान किया।* लाल किले से संसद तक बाइक
नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
आज देवउठनी एकादशी है। हर साल कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं। भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय हैं। तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसा कहा ज
कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। कार्तिक पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य का अवतार धारण किया था, जिन्हें भगवान विष्णु का प्रथम अवतार भी माना जाता है।आमतौर पर इस दिन गंगा स
मृत्यु के करीब पहुंच ईश्वर ने पूछा,बता हे मानुष तेरी आखिरी इच्छा।मानुष ने सोचा विचारा अंत समय,अब पूछने से क्या फायदा होगा,क्या पूरी हो सकती आखिरी इच्छा,मृत्यु के करीब हूं अंत समय निकट,क्या खोया क्या प