कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। कार्तिक पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य का अवतार धारण किया था, जिन्हें भगवान विष्णु का प्रथम अवतार भी माना जाता है।आमतौर पर इस दिन गंगा स्नान के बाद दीप-दान किया जाना चाहिए।इस दीप-दान को दस यज्ञों के समान माना जाता है।कार्तिक पूर्णिमा को देव दिवाली के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पूजा-पाठ का विशेष महत्व होता है।
कार्तिक पूर्णिमा का महत्वधर्म और ज्योतिष के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के दिन पवित्र नदी में स्नान करके उगते सूर्य को अर्ध्य देने का विशेष महत्व है। इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य करने से कई तरह के पापों से मुक्ति भी मिलती है। ज्योतिष के अनुसार यदि कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन चावल का दान करने से लाभ होता है।इसके अलावा इस दिन दीपदान और तुलसी पूजा जरूर करनी चाहिए।
हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदी में स्नान का विशेष महत्व माना गया है। मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा पर देवता पृथ्वी पर आकर गंगा में स्नान करते हैं इसलिए इस दिन गंगा स्नान अवश्य करना चाहिए। गंगा स्नान संभव न हो तो पानी में गंगाजल डालकर स्नान करना चाहिए। इसी दिन क्षमतानुसार अन्न, वस्त्र का दान करना शुभ होता है।पूर्णिमा तिथि पर चावल का दान करना बहुत ही शुभ माना गया है। ज्योतिष के अनुसार पूर्णिमा तिथि पर दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।घर में सुख और लक्ष्मी का वास होता है।

कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही सिक्खों के पहले गुरु नानक देव जी का जन्म हुआ था, इसलिए आज देशभर में गुरु नानक जयंती मनाई जा रही है। गुरु नानक देव जी की जन्म पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के तलवंडी नामक स्थान पर हुआ था। जो आज ननकाना साहिब के नाम से प्रसिद्ध है।यह सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल है। आज गुरु नानक जयंती के दिन गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया जाता है।
हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा पर गुरु नानक जयंती मनाई जाती है।इस पावन दिन को गुरु पूरब या प्रकाश पर्व के नाम से भी जाना जाता है। सिख धर्म को मानने वाले लोगों के लिए यह दिन बहुत खास होता है। इस दिन सिखों द्वारा बड़े पैमाने पर कई कार्यक्रम व नगर कीर्तन का आयोजन किया जाता है।इस दिन प्रभात फेरियां भी निकाली जाती है।लोग इस दिन गुरुद्वारों में सेवा भी करते हैं।
नानक नाम जहाज है, जो जपे वो तर जाएसद्गुरु आपको प्यार, आप ही तो हैं मेरे खेवनहार।
वाहे गुरु जी का खालसा वह गुरु जी की फतेह।
जो बोले सो निहाल।
वाहे गुरु आपके चरणों में जीवन गुजर जाए आपके दिए ज्ञान की पूंजी से हमारी झोली भर जाए

गुरु नानक जयंती की शुभकामनाएं