shabd-logo

राजयोग

7 जुलाई 2022

28 बार देखा गया 28
         राजयोग या सिर्फ योग महर्षि पतंजलि का योग सूत्र इसका मुख्य ग्रंथ है। स्वामी विवेकानंद ने राजयोग का प्रारंभ किया था। राजयोग सभी योगों का राजा है क्योंंकि इसमें सब प्रकार की सामग्री मिलती है। इस सामग्री का उपयोग करने से साधक के सभी क्लेशों का नाश होता है और चित्त प्रसन्न होता है और उसके विवेक को ख्याति प्राप्त होती है।

      प्रत्येक व्यक्ति में ज्ञान और शक्ति का वास होता है। राजयोग ज्ञान और शक्ति को जाग्रत करने का प्रयास करता है। मनुष्य के जीवन में उसका व्यवहार और आचरण का समग्र रूप होता है। मनुष्य के स्वभाव में एकाग्रता को जगा कर चित्त को शांत रखता है। उसकी बिखरी हुई शक्तियों को समेट कर एकाग्र करना ही राजयोग होता है।

      प्रत्येक आत्मा अव्यक्त ब्रह्म है। वाह्य और अंतः प्रकृति को वशीभूत कर आत्मा के इस ब्रह्म भाव को व्यक्त करना ही जीवन का उद्देश्य है। सिर्फ यही से धर्म का ज्ञान मिलता है। मत, अनुष्ठान, शास्त्र, मंदिर या अन्य क्रिया कलाप तो प्रत्यंग मात्र है।

     धन्यवाद
✍️✍️✍️✍️✍️


कविता रावत

कविता रावत

बहुत अच्छी जानकारी लेकिन आज के समय में राजयोग शासन-प्रशासन में बैठे लोगों के अलावा और कहीं देखने को नहीं मिलता है।

7 जुलाई 2022

anupama verma

anupama verma

7 जुलाई 2022

Thank you

वीरेंद्र कुमार गुप्ता

वीरेंद्र कुमार गुप्ता

"क्योंंकि इसमें सब प्रकार की सामग्री मिलती है"-यह पढ़ कर ऐसा लगा कि राजयोग कोई ऐसा पदार्थ या पदार्थो का समूह है जिसमे हर सामाग्री मिलती है। क्षमा करें -लेख अति संक्षिप्त है और इसी कारण भ्रामक है। पढ़ कर कोई कुछ निष्कर्ष नहीं निकाल सकता। फिर एक बार क्षमा प्रार्थी हूँ परंतु स्पष्ट विचार देने को मजबूर हूँ। वीरेंद्र

7 जुलाई 2022

anupama verma

anupama verma

7 जुलाई 2022

सामग्री से तात्पर्य संसाधन से है जिसके कारण हमारा मानसिक विकास होता है।

10
रचनाएँ
लेखन सार
0.0
लेखन सार भिन्न भिन्न विषयों पर लेखों का संग्रह है।
1

योग

21 जून 2022
1
0
2

योग शरीर को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता है।योग मुख्यतः चार प्रकार का होता है--- राज योग, कर्म योग, भक्ति योग और ज्ञान योग।राज योग-- राज अर्थात राजसी योग। इसमें आठ अंग होते हैं।इसमें यम, शपथ

2

सभ्यता और संस्कृति

25 जून 2022
1
1
0

सभ्यता का संबंध हमारे जीवन से होता है यथावत खान पान, रहन सहन, भाषा भाषी आदि संस्कृति का संबंध हमारी विचारधारा से होता है। सभ्यता का अनुकरण किया जा सकता है किन्तु संस्

3

राजयोग

7 जुलाई 2022
2
0
4

राजयोग या सिर्फ योग महर्षि पतंजलि का योग सूत्र इसका मुख्य ग्रंथ है। स्वामी विवेकानंद ने राजयोग का प्रारंभ किया था। राजयोग सभी योगों का राजा है क्योंंकि इसमें सब प्रका

4

हिन्दू आस्था पर चोट क्यों?

8 जुलाई 2022
0
0
0

हिन्दू आस्था पर बार बार चोट क्यों पड़ती है। अभी काली जी की तस्वीर को लीना ने मीडिया में वाइरल किया और सिर्फ अपनी डॉक्यूमेंटरी की पब्लिसिटी के लिए। सिगरेट पीते

5

कर्मयोग

11 जुलाई 2022
1
0
0

कर्मयोग वस्तुत: निजी स्वार्थ के लोकोपकार के लिए अपना कर्तव्य सर्वश्रेष्ठ तरीके से करना है। कर्मयोग अर्थात कर्म में लीन होना। योगा कर्म

6

आजादी का अमृत महोत्सव

4 अगस्त 2022
4
1
2

आजादी का अमृत काल* ५ से १५ अगस्त तक ऐतिहासिक स्मारकों में फ्री प्रवेश सरकार ने ऐलान किया।* लाल किले से संसद तक बाइक

7

शक्ति और उपासना

26 सितम्बर 2022
1
0
0

नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं

8

तुलसी विवाह

4 नवम्बर 2022
0
0
0

आज देवउठनी एकादशी है। हर साल कार्तिक मास शुक्ल पक्ष की एकादशी को भगवान विष्णु निद्रा से जागते हैं। भगवान विष्णु को तुलसी अति प्रिय हैं। तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है। ऐसा कहा ज

9

कार्तिक पूर्णिमा

8 नवम्बर 2022
0
0
0

कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को समर्पित है। कार्तिक पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य का अवतार धारण किया था, जिन्हें भगवान विष्णु का प्रथम अवतार भी माना जाता है।आमतौर पर इस दिन गंगा स

10

आखिरी इच्छा

18 नवम्बर 2022
0
0
0

मृत्यु के करीब पहुंच ईश्वर ने पूछा,बता हे मानुष तेरी आखिरी इच्छा।मानुष ने सोचा विचारा अंत समय,अब पूछने से क्या फायदा होगा,क्या पूरी हो सकती आखिरी इच्छा,मृत्यु के करीब हूं अंत समय निकट,क्या खोया क्या प

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए