हिन्दू आस्था पर बार बार चोट क्यों पड़ती है। अभी काली जी की तस्वीर को लीना ने मीडिया में वाइरल किया और सिर्फ अपनी डॉक्यूमेंटरी की पब्लिसिटी के लिए। सिगरेट पीते हुए काली जी की तस्वीर ने हिन्दू समाज को आहत किया। उसके बाद शिव जी और माता पार्वती जी की तस्वीर को सिगरेट पीते हुए मीडिया में वाइरल किया। उस पर उनका कहना है कनाडा में बैठे बैठे की हमारा भारत देश नफ़रत फैलाने वाली मशीन है।
इधर टीएमसी नेता मोइना मित्रा ने भी हिन्दुत्व पर चोट पहुंचाई यह कहकर कि काली जी तो मांस मदिरा का सेवन करने वाली देवी हैं। हिन्दुत्व को आहत करना कहां तक उचित है इससे हम हिन्दू समाज के लोगों की भावनाएं आहत होती है। हम हिन्दू समाज के लोग संस्कारी होते हैं आहत होने के बावजूद प्रत्युत्तर में उतना जवाब देना नहीं चाहते या दे नहीं पाते जितना मुस्लिम समाज जरा जरा बातों पर जवाब देता है।
हिन्दू समाज संविधान के दायरे में रहकर सोचता है और आगे पीछे भी सोचता है कि कुछ गलत कर दिया, अगर पुलिस ने पकड़ लिया तो उसके परिवार का क्या हाल होगा, कैसे उसके परिवार की जीविका चलेगी और मान सम्मान पर भी चोट पहुंचेगी।
इसी तरह ज्ञानवापी परिसर में मंदिर, मस्जिद का मसला है कि ज्ञानवापी परिसर असल में मंदिर है या मस्जिद। लाख प्रमाण मिले कि ये मंदिर ब्रह्म कमल पुष्प, देवी देवताओं के चित्र, मूर्तियां आदि किन्तु सबसे ठोस प्रमाण तो शिवलिंग मिला जिसे मुस्लिम समाज फव्वारा कहता है। मुस्लिम समाज भी जानता है कि ज्ञानवापी परिसर असल में मंदिर है किन्तु हिन्दुओं को उनका हक देने को तैयार नहीं है।
हम हिन्दुओं को जाग्रत होने का समय आ गया है और अगर हम हिन्दू समाज के लोग नहीं जागे तो मुस्लिम समाज के लोग हम पर हावी रहेंगे और दंगा फसाद करते रहेंगे।
धन्यवाद
अनुपमा वर्मा ✍️✍️