यह भी एक छोटी सी कहानी है, जो कि आज के समय को परिभाषित करती है। आज-कल जिस प्रकार से युवा परिवारिक रिश्ते को महत्व नहीं देते और अलग रहने की कोशिश करते है। आज-कल जिस प्रकार से हमारे समाज में लव का मतलव सिर्फ और सिर्फ कामनाओं की पुर्ति रह गया है और जिस प्रकार से हम पश्चिमी संस्कृति का अनुकरण करकेे लीव इन रिलेशनशीप में रहने को लालायित हो गए है, कहानी उसके दुष्परिणाम दिखाता है। मदन मोहन"मैैत्रेय
13 फ़ॉलोअर्स
10 किताबें